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MP में नया संभाग और 3 नए जिले बनने की तैयारी: रीवा जिले का नक्शा बदलेगा, भोपाल में तहसीलें बढ़ेंगी; इंदौर संभाग छोटा होगा

🔹 मध्य प्रदेश में नया प्रशासनिक बदलाव प्रस्तावित
🔹 तीन नए जिले और एक नया संभाग बनाने की तैयारी
🔹 भोपाल में तहसीलों की संख्या आठ तक बढ़ाने की योजना
🔹 मैहर के छह गांव रीवा जिले में जोड़े जा सकते हैं
मध्य प्रदेश सरकार राज्य के प्रशासनिक नक्शे में बड़ा बदलाव करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। सरकार तीन नए जिलों के गठन और एक नया संभाग (division) बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। यह प्रस्ताव खास तौर पर इंदौर संभाग की अत्यधिक जनसंख्या और बढ़े हुए प्रशासनिक दबाव को देखते हुए तैयार किया गया है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हुआ, तो राज्य का नक्शा एक नई संरचना में दिखाई देगा।
इंदौर संभाग से अलग बन सकता है नया संभाग
प्रस्ताव के अनुसार खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर और खंडवा जिलों को मिलाकर एक नया संभाग बनाया जा सकता है। इन चारों जिलों की भौगोलिक स्थिति और जनसंख्या के आधार पर यह नया प्रशासनिक केंद्र बनने की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से सरकारी कार्यों में तेजी आएगी और स्थानीय जनसेवा अधिक प्रभावी होगी।
भोपाल जिले में आठ तहसीलों का प्रस्ताव
राजधानी भोपाल में प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने के लिए तहसीलों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। वर्तमान में कुछ ही तहसीलें हैं, लेकिन प्रस्ताव है कि हर विधानसभा क्षेत्र में तहसील कार्यालय बनाया जाए। इससे जिले की कुल तहसीलों की संख्या बढ़कर आठ हो जाएगी। यह निर्णय जनसुविधा और प्रशासनिक सुगमता की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
मैहर और रीवा की सीमा में भी होगा बदलाव
मैहर के छह गांवों को रीवा जिले में शामिल करने का प्रस्ताव चर्चा में है। प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग ने इस निर्णय के पीछे स्थानीय कार्यक्षमता और दूरी की समस्या को मुख्य कारण बताया है। हालांकि, इस प्रस्ताव का कुछ राजनीतिक विरोध भी सामने आया है। स्थानीय प्रतिनिधियों का कहना है कि इससे भौगोलिक संतुलन और राजनीतिक समीकरण पर असर पड़ सकता है। जबकि प्रभावित क्षेत्रों के रहवासियों ने सरकार के प्रस्ताव को जनहितैषी बताया है।
ड्रोन सर्वे और तकनीकी रिपोर्ट से तय होगा नक्शा
राज्य प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग ने इन प्रस्तावों की समीक्षा के लिए ड्रोन-सैंपलिंग तकनीक का उपयोग किया है। IIPA जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं को सर्वेक्षण और रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके बाद राज्य सरकार के अनुमोदन के बाद नए जिले और तहसील सीमाएँ तय होंगी। इस पुनर्गठन योजना से राज्य में शासन व्यवस्था अधिक सुव्यवस्थित और प्रभावी होने की उम्मीद है।
जनता को क्या होगा फायदा?
यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो जनसेवा के कार्यों में तेजी आएगी और आम लोगों को सरकारी सेवाएं अपने निकट क्षेत्रों में मिलेंगी। विकास योजनाओं की मॉनिटरिंग आसान होगी और ग्रामीण इलाकों में प्रशासनिक पहुंच मजबूत होगी। यह बदलाव न केवल राजनीतिक दृष्टि से अहम है बल्कि विकास के नए रास्ते भी खोलेगा।
FAQs – मध्य प्रदेश प्रशासनिक पुनर्गठन 2025
1. मध्य प्रदेश में कितने नए जिले बनने की योजना है?
सरकार तीन नए जिले बनाने की योजना पर विचार कर रही है।
2. नया संभाग किन जिलों को मिलाकर बनाया जा सकता है?
खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर और खंडवा जिलों को मिलाकर नया संभाग बनने की संभावना है।
3. भोपाल जिले में कितनी तहसीलें होंगी?
प्रस्ताव के अनुसार, भोपाल जिले में आठ तहसीलों की व्यवस्था की जाएगी।
4. मैहर और रीवा की सीमा में क्या बदलाव होंगे?
मैहर के छह गांवों को रीवा जिले में शामिल करने का प्रस्ताव है, जिस पर चर्चा जारी है।
5. इस पुनर्गठन से जनता को क्या फायदा होगा?
जनसेवा में सुधार, प्रशासनिक पहुंच बढ़ना और विकास योजनाओं की गति तेज होने की उम्मीद है।
Rewa Riyasat News
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