मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश: करोड़पति पिता का एकलौता बेटा बन गया जैन मुनि, परिवार बहुत खुश हुआ

मध्य प्रदेश: करोड़पति पिता का एकलौता बेटा बन गया जैन मुनि, परिवार बहुत खुश हुआ
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Millionaire father's son became Jain monk: मामला एमपी के धार जिले का है जहां एक करोड़पति पिता के बेटे ने हर सुख सुविधा का त्याग कर बैरागी बनने का फैसला किया है

MP Dhar News: मध्य प्रदेश के धार जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसपर आपको विश्वास नहीं होगा। एक करोड़पति शख्स का बेटा अपनी लेविश लाइफ छोड़कर बैरागी बन गया. उस लड़के ने अपना घर, गाड़ियां, दोस्त, माता-पिता सबका त्याग कर दिया और जैन मुनि बन गया. हैरानी की बात ये है कि एकलौता बेटा होने के बाद भी लड़के के माता-पिता ने उसके फैसले पर ख़ुशी जताई।

16 साल की उम्र में कोई लड़का क्या करता है? स्कूल जाता है, दोस्तों के साथ मस्ती करता है बस. और करोड़पति बच्चा हो तो उसके शौख महंगे होते हैं. मगर धार जिले के बदनावर स्थित नागदा गांव के रहने वाले अचल श्रीमाल के साथ ऐसा नहीं था.

करोड़पति पिता के बेटे ने लिया सन्यास

र जिले के बदनावर स्थित नागदा गांव के रहने वाले बड़े आदमी मुकेश श्री श्रीमल के बेटे अचल ने 14 वर्ष की उम्र में ही सब कुछ छोड़ गुरु भगवंतों के सानिध्य में चल रहे थे. ये दीक्षा लेने के बाद अब उन्होंने वैराग्य धारण करने का फैसला किया है.

2020 में नागदा में वषार्वास हुआ था तभी से अचल के मन में संयम की राह पर चलने का विचार आने लगा था, अब तक वे आष्टा, भोपाल, शुजालपुर सहित कई शहरों में एक हजार किलोमीटर से ज्यादा का पैदल विहार कर चुके हैं. संयम की राह पर चलने का संकल्प ले चुके अचल ने बीते रविवार को एक समारोह में दीक्षा ली, उन्हें गुरुदेव उमेश मुनि के शिष्य जिनेंद्र मुनि ने दीक्षा दिलाई. जब अचल ने दीक्षा ली तो दीक्षा महोत्सव जय जय कार से गूंज उठा.

परिवार इस फैसले से खुश है

कहा गया है कि अचल नागदा में सबसे कम उम्र की दीक्षा लेने वाले बने हैं. अचल के माता-पिता दोनों खुश हैं. उनका कहना है कि, इस संसार में कुछ नहीं है केवल दिखावा है, कितना भी पैसा धन-संपत्ति हो जाए शांति नहीं मिलती. इसलिए हमने बेटा को रोका तक नहीं.



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