मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा ऋण गारंटी योजना से छात्रों का भविष्य सवार रही शिवराज सरकार, जानें स्कीम के बारे में

मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा ऋण गारंटी योजना से छात्रों का भविष्य सवार रही शिवराज सरकार, जानें स्कीम के बारे में
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MP Higher Education Loan Guarantee Scheme: मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए जरूरी सूचना है।

MP Higher Education Loan Guarantee Scheme: मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए जरूरी सूचना है। पूरे देश समेत मध्य प्रदेश में निम्न आय वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हेतु शिक्षा ऋण प्राप्त (Education Loan) करने में कठिनाई होती है। बैंकों द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक ऋण प्राप्त करने पर कोलेट्रल सिक्युरिटी मांगी जाती है। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) द्वारा जारी निर्देश अनुसार वर्तमान में उच्च शिक्षा हेतु बैंक से ऋण प्राप्त करने पर 4 लाख रूपये तक के ऋण हेतु किसी प्रकार की कोलेट्रल सिक्युरिटी (Collateral Security) की आवश्यकता नहीं होती।

बता दें की इससे अधिक राशि के ऋण हेतु बैंक द्वारा कोलेट्रल सिक्युरिटी लिये जाने का प्रावधान है। कम आय वर्ग के विद्यार्थियों के परिवार द्वारा उनके पास भूमि, भवन आदि नहीं होने से कोलेट्रल सिक्युरिटी दी जाना संभव नहीं होता है। इसी बीच मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने लाखो युवाओं को सौगात देते हुए एक शानदार योजना चला रहा है। इस योजना का नाम उच्च शिक्षा ऋण गारंटी योजना (Higher Education Loan Guarantee Scheme) है।

ऐसे गरीब मेघावी विद्यार्थी जिन्हें उच्च शिक्षा हेतु ऋण की आवश्यकता है उन्हें इस योजना से राज्य सरकार की गारंटी पर बैंकों से शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जा सकता है। योजना का नोडल विभाग संस्थागत वित्त है।

योजना का स्वरूप एवं क्रियान्वयन करने वाले विभाग

योजना का क्रियान्वयन तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, आयुष एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा किया जायेगा। योजना में विभिन्न पाठ्यक्रमों में उच्च शिक्षा के लिये ऋण प्राप्त करने हेतु मध्यप्रदेश शासन के तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, आयुष एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा उनसे संबंधित अधिसूचित पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों हेतु गारंटी दी जावेगी। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 200 विद्यार्थियों के प्रकरणों के लिए गारंटी दी जा सकेगी।

विभाग-वार विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण के लिए दी जाने वाली गारंटी की संख्या का निर्धारण वित्त विभाग व्दारा किया गया है। इसमें विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु ऋण भी सम्मिलित रहेंगे, परंतु ऐसे विद्यार्थियों की संख्या विभाग हेतु निर्धारित संख्या की कुल संख्या के 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।

Higher Education Loan Guarantee Scheme: एप्लीकेशन प्रोसेस

अगर एप्लीकेशन प्रोसेस की बात करें की मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा हेतु गारंटी योजना (Madhya Pradesh Higher Education Loan Guarantee Scheme) में ऐसे विद्यार्थी पात्र होंगे जिनके परिवार की सभी स्त्रोतों से वार्षिक आय 5 लाख रूपये से अधिक न हो। विद्यार्थी को बैंक से ऋण के लिये आवेदन संबंधित बैंक द्वारा निर्धारित प्रारूप में नियमानुसार करना होगा।

साथ ही कालेट्रल सिक्युरिटी हेतु शासकीय प्रत्याभूमि जारी करने हेतु निर्धारित प्रारूप में दस्तावेजों के साथ पृथक आवेदन-पत्र प्रस्तुत करना होगा। विद्यार्थी अपने महाविद्यालय के प्राचार्य के माध्यम से संबंधित विभाग के नोडल अधिकारी को आवेदन-पत्र प्रस्तुत करेंगे। विद्यार्थी बैंक के माध्यम से संबंधित विभाग के नोडल अधिकारी को आवेदन-पत्र समिट करेंगे। विद्यार्थी संबंधित विभाग के नोडल अधिकारी को सीधे आवेदन पत्र देगा।

चयन की प्रक्रिया

उच्च शिक्षा ऋण हेतु गारंटी योजना में विद्यार्थियों के चयन हेतु योजना का क्रियान्वयन करने वाले विभागों में छानबीन समिति गठित की गई है। समिति की अध्यक्षता संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव करेंगें तथा संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष, संचालक, संस्थागत वित्त एवं संयोजक, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति अथवा उनके प्रतिनिधि इस समिति के सदस्य होंगें।

छानबीन समिति विद्यार्थी द्वारा चयनित पाठ्यक्रम की गुणवत्ता शिक्षण संस्थान की मान्यता, विद्यार्थी के पालक की आर्थिक स्थिति पाठ्यक्रम में विद्यार्थी के चयन की प्रक्रिया, विद्यार्थी द्वारा बैंक से लिये गये ऋण की वापसी की संभावना का मूल्यांकन आदि के आधार पर योजना के लिए विद्यार्थी का चयन करेगी।

विभाग एवं बैंक के दायित्व

विभाग एवं बैंक का दायित्व होगा कि वह विद्यार्थी के संबंधित पाठ्यक्रम में प्रवेश के बाद प्रत्येक वर्ष / सेमेस्टर की शैक्षणिक उपलब्धि की समीक्षा करे। किसी विद्यार्थी के सेमेस्टर / वार्षिक परीक्षा में उपलब्धि संतोषजनक नहीं पाई जाती अथवा बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी जाती है तो ऐसी स्थिति में बैंक को इन प्रकरणों में निगर्मित ऋण तथा उस पर उक्त दिनांक तक देय ब्याज की राशि की जानकारी 30 दिवस की समयावधि में संबंधित विभाग एवं वित्त विभाग को देनी होगी। बैंक उक्त सूचना के बाद ऋण वसूली की नियमानुसार कार्यवाही तत्काल प्रारंभ करेंगे।

राज्य शासन के गारंटी अंतर्गत दायित्वों में बैंक के पास जानकारी प्राप्त होने के दिनांक के बाद के ब्याज का भार शामिल नहीं होगा। बैंक द्वारा अनुदान की राशि के समायोजन बाद वसूल न हो सके ऋण एवं ब्याज की राशि की वापसी की मांग राज्य शासन से करने पर वित्त विभाग व्दारा शुद्ध देय राशि बैंक को तत्काल उपलब्ध कराई जायेगी। उक्तानुसार राशि निर्गमन के बाद ऐसी गारंटी स्वमेव निरस्त हो जायेगी।

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