मध्यप्रदेश

Madhya Pradesh Governor का विस स्पीकर को पत्र - आपके खिलाफ आने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर प्राथमिकता से कार्रवाई हो

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 11:47 AM IST
Madhya Pradesh Governor का विस स्पीकर को पत्र - आपके खिलाफ आने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर प्राथमिकता से कार्रवाई हो
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MP News मध्यप्रदेश में अल्पमत में होने पर कमल नाथ सरकार गिरने के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति व उपाध्यक्ष हिना कांवरे के खिलाफ

MP News मध्यप्रदेश में अल्पमत में होने पर कमल नाथ सरकार गिरने के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति व उपाध्यक्ष हिना कांवरे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया जाएगा। राज्यपाल लालजी टंडन ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि सदन आहूत होने पर अविश्वास प्रस्ताव पर प्राथमिकता से कार्रवाई करवाई जाए। आपसे अपेक्षा है कि तब तक संविधान और नैतिकता के आधार पर प्रत्येक विषय की वैधानिक स्थिति का परीक्षण कर कार्य करेंगे।

राज्यपाल ने अपने पत्र के साथ नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव से उन्हें मिले ज्ञापन को भी संलग्न किया है। साथ ही संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप का अभिमत भी अवलोकनार्थ भेजा है। जिसमें कहा गया है कि परंपरानुसार सत्ता से बेदखल होने पर उस पार्टी से चुने गए स्पीकर तथा उपाध्यक्ष को त्यागपत्र दे देना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि चूंकि आपके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर कार्रवाई विधायिका का कार्य है। अत: सदन की बैठक आहूत होने पर इस प्रस्ताव पर प्राथमिकता से आवश्यक कार्रवाई होनी चाहिए, तब तक प्रमुख सचिव विधानसभा आपके निर्देशानुसार सामान्य दैनंदिनी कार्य संपादित करेंगे।

उल्लेखनीय है कि राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि मप्र में अभी न तो सदन में नेता है और न ही सदन कार्यशील है। ऐसी स्थिति में जब सदन प्रसुप्त अवस्था में हो तो अध्यक्ष द्वारा नीतिगत निर्णय नहीं लिए जाना चाहिए, जिनसे किसी का हित-अहित हो रहा हो, लेकिन प्रतिदिन राजनीतिक भावना से ग्रसित निर्णय लिए जा रहे हैं, जो सामान्यजन के हितों को प्रभावित कर रहे हंै। पत्र में यह भी कहा गया है कि विस सचिवालय में विधानसभा अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है, जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

पत्र में शरद कोल का जिक्र राज्यपाल ने अपने पत्र में विधायक शरद कोल के संबंध में प्राप्त पत्र का भी जिक्र किया है, जिसमें कहा गया है कि कोल के त्यागपत्र को स्वीकारने में अवैधानिक प्रक्रिया अपनाई जा रही है। यह भी आग्रह किया गया है कि संविधान के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की जाए, जिससे संवैधानिक मूल्यों एवं प्रजातांत्रिक मान्यताओं का पालन सुनिश्चित हो।

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