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Ladli Behna Yojana 2025: पहली बार लाड़ली बहनों के खातों में आए 1500 रुपए, MP CM ने ट्रांसफर किए ₹1587 करोड़

- मध्यप्रदेश की लाड़ली बहना योजना के तहत पहली बार 1500 रुपए की राशि ट्रांसफर।
- सीएम डॉ. मोहन यादव ने सिवनी से 1.26 करोड़ महिलाओं के खातों में ₹1587 करोड़ ट्रांसफर किए।
- पहले बहनों को 1250 रुपए मिलते थे, अब बढ़ाकर 1500 रुपए प्रति माह।
- योजना से महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और स्वावलंबन पर जोर।
Madhya Pradesh Ladli Behna Yojana 2025: सीएम ने पहली बार बहनों के खातों में डाले ₹1500
मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना से जुड़ी बड़ी खुशखबरी आई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज सिवनी से पहली बार बहनों के खातों में ₹1500 की राशि ट्रांसफर की। अब तक यह राशि ₹1250 दी जाती थी, लेकिन कैबिनेट की मंजूरी के बाद ₹250 की वृद्धि की गई है। इस मौके पर सीएम ने 1.26 करोड़ बहनों के खातों में एक साथ ₹1587 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की।
सीएम ने कहा – बहनों के सम्मान और सुरक्षा के लिए सरकार संकल्पित
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का उद्देश्य बहनों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि यह योजना सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार उन्हें विभिन्न विभागों की योजनाओं से जोड़ने पर भी काम कर रही है।
सीएम और “जीजाजी” का मज़ेदार संवाद
सिवनी के कार्यक्रम में एक दिलचस्प पल देखने को मिला जब सीएम मोहन यादव ने मंच से एक महिला के पति से कहा – “जीजाजी, आप हमारी बहन को डराते तो नहीं?” इस पर वहां मौजूद लोगों में ठहाके गूंज उठे। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि “अगर कोई पति अपनी पत्नी से पैसा ले ले तो हम कार्रवाई करेंगे।” कार्यक्रम का यह हिस्सा सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो गया।
60 साल की उम्र पर योजना से अपात्रता का नियम जारी
लाड़ली बहना योजना में पहले से यह प्रावधान है कि 60 वर्ष की उम्र पूरी होने पर हितग्राही अपात्र हो जाएंगे। सामाजिक न्याय विभाग द्वारा लाभार्थियों की समग्र आईडी के सत्यापन की प्रक्रिया लगातार जारी है। अधिकारियों का कहना है कि सत्यापन की प्रक्रिया से भुगतान में कोई देरी नहीं होगी।
लाड़ली बहना योजना का नाम नहीं बदलेगा
कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सरकार इस योजना का नाम बदलकर “देवी सुभद्रा योजना” कर सकती है। लेकिन सीएम मोहन यादव ने इस बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह योजना लाड़ली बहना योजना के नाम से ही आगे चलेगी। महिला और बाल विकास विभाग की आयुक्त निधि निवेदिता ने भी नाम बदलने की किसी प्रक्रिया से इनकार किया है।
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर फोकस
राज्य सरकार का फोकस अब महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और उनके आर्थिक सशक्तिकरण पर है। गांव और शहर की महिलाओं को छोटे उद्योग और स्व-रोजगार योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। अब तक इस योजना के तहत सरकार 29 किस्तों में ₹44,900 करोड़ रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर कर चुकी है। इस योजना की शुरुआत जून 2023 में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने की थी।
सीएम ने श्रीकृष्ण-सुभद्रा के रिश्ते से जोड़ा योजना का भाव
भाई दूज के अवसर पर सीएम ने कहा कि जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी बहन सुभद्रा की सुरक्षा का वचन निभाया, वैसे ही हमारी सरकार भी प्रदेश की हर बहन की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता की साथी है। उन्होंने कहा कि भाई का प्यार सिर्फ वचन नहीं बल्कि कर्म से निभाई जाने वाली जिम्मेदारी भी है।
FAQs – लाड़ली बहना योजना से जुड़े आम सवाल
Q1. लाड़ली बहना योजना के तहत अब कितनी राशि मिलेगी?
अब प्रत्येक बहन को प्रति माह ₹1500 की राशि दी जाएगी, जो पहले ₹1250 थी।
Q2. कितनी बहनों के खाते में पैसा ट्रांसफर हुआ?
लगभग 1 करोड़ 26 लाख 36 हजार महिलाओं के खाते में एक साथ ₹1587 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए।
Q3. लाड़ली बहना योजना का नाम बदला जाएगा क्या?
नहीं, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि योजना का नाम लाड़ली बहना योजना ही रहेगा।
Q4. योजना की शुरुआत कब हुई थी?
इस योजना की शुरुआत जून 2023 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी।
Q5. क्या इस योजना में उम्र की सीमा है?
हां, 60 वर्ष की उम्र पूरी होने पर हितग्राही अपात्र माने जाएंगे।
Rewa Riyasat News
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