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CM SHIVRAJ की इस योजना को बंद कर KAMALNATH सरकार ने बचाये थे डेढ़ सौ करोड़ रूपए, अब फिर चालू होगी योजना

CONGRESS से भाजपा का शासन आने के बाद प्रदेश के सत्तर हजार बारहवीं के विद्यार्थियों की आस जाग गई है।
इन विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लैपटॉप की सौगात दे सकते है। हालांकि इस पर पंद्रह अप्रैल के बाद ही निर्णय लिया जा सकेगा। जानकारी के मुताबिक दो साल पहले तक बारहवीं में 75 फीसदी तक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को लैपटाप के लिए 25 हजार रुपए की राशि दी जा रही थी। इसी बीच कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में बारहवीं के जिला स्तर पर विषयवार टॉप टेन विद्यार्थियों को दो पहिया वाहन देने का वादा किया।
माशिमं के मेघावी विद्यार्थियों के अलावा सीबीएसई बारहवीं के जिला स्तर पर दो-दो टापर को भी दो पहिया वाहन दिए जाने का वचन दिया। साथ ही 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को स्नातक की पढ़ाई के लिए प्रतिमाह दो हजार रुपए की राशि देने बात कही गई। लेकिन पिछले साल बारहवीं के मेघावी विद्यार्थियों को कांग्रेस शासनकाल में लैपटॉप मिले न ही दो पहिया वाहन। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक फिर सत्ता में आ गए है। इससे उनकी बारहवीं के मेघावी विद्यार्थियों को लैपटॉप देने की महत्वकांक्षी योजना को फिर से शुरू करने की तैयारी कर सकते है। यह भी माना जा रहा है कि पिछले साल व इस साल (2019-20) के सत्र में पास होने वाले विद्यार्थियों को एक साथ योजना का लाभ दे दिया जाए। विभाग का आला अफसरों ने इसके बजट को लेकर मंथन भी शुरू कर दिया है।
लैपटाप के लिए राशि नहीं देकर कांग्रेस ने बचाए थे डेढ़ सौ करोड़
बारहवीं की परीक्षा में पिछले साल 75 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले 70359 छात्र थे। इन विद्यार्थियों को लैपटाप के लिए 25-25 हजार रुपए की राशि दी जाती, तो करीब 176 करोड़ रुपए का खर्च आता। कांग्रेस के वचनपत्र के मुताबिक सरकार बारहवीं में जिला स्तर पर विषयवार टाप टेन विद्यार्थियों को सम्मानित करती, तो उनकी संख्या 3060 होती। साथ ही सीबीएसई के जिला स्तर पर दो-दो विद्यार्थियों को शामिल करने पर इनकी संख्या 3164 हो जाती। इन विद्यार्थियों को दो पहिया वाहन देने में करीब 16 करोड़ का खर्च आता। साथ ही दसवीं के जिले टाप टेन 510 विद्यार्थियों को 25-25 रुपए की राशि देने में 12 करोड़ 75 रुपए खर्च होते। वचनपत्र के अनुसार दसवीं-बारहवीं के विद्यार्थियों को सम्मानित करने में कुल करीब 29 करोड़ का खर्चा आता। सरकार लैपटाप की राशि वितरण की योजना को कैंसिल कर वचनपत्र के अनुसार काम करती, तो इससे डेढ़ सौ करोड़ रुपए बचते। लेकिन कांग्रेस सरकार ने दोनों ही काम नहीं किए।
आठ साल पहले शुरू हुई थी लैपटाप वितरण की योजना
आठ साल पहले मुख्यमंत्री मेघावी प्रोत्साहन योजना के तहत बारहवीं में 85 या उससे अधिक प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थियों के लिए सरकार ने लैपटाप वितरण योजना शुरू की थी। योजना के प्रारंभ में विद्यार्थियों की संख्या दो हजार के आसपास होती थी। इस समय तक विद्यार्थियों को लैपटाप के लिए पच्चीस-पच्चीस हजार रुपए की राशि खरीदने के लिए दी जाती थी। इसके बाद सरकार ने अंकों का प्रतिशत गिरना शुरू कर दिया। दो साल पहले सरकार द्वारा सामान्य व ओबीसी के बारहवीं के छात्रों को 85 फीसदी से अधिक अंक व एससी व एसटी के 75 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया था। इससे छात्रों की संख्या 28 हजार के आसपास पहुंच गई। इसी दौरान एससी-एसटी के छात्रों को 75 फीसदी अंक पर पच्चीस हजार रुपये की राशि देने का सामान्य वर्ग के छात्रों ने विरोध कर दिया। इससे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 75 फीसदी तक अंक वाले सभी छात्रों को लैपटाप के लिए पच्चीस हजार रुपए की राशि देने की घोषणा करते हुए वितरीत कर दी।