मध्यप्रदेश

सुलग रहे जंगल, मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश के बाद भी रुचि नहीं ले रहा वन विभाग : MP NEWS

News Desk
1 April 2021 6:52 PM GMT
सुलग रहे जंगल, मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश के बाद भी रुचि नहीं ले रहा वन विभाग : MP NEWS
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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बीते दिनों बैठक में जंगलों को बचाने के दिये गये निर्देश के बाद भी वन विभाग रुचि नहीं ले रहा है। मध्यप्रदेश के कई जंगली क्षेत्रों में आग सुलग रही है और पेड़ पौधे जलकर नष्ट हो रहे हैं लेकिन वन विभाग पूरी तरह से सुस्त है। बांधवगढ़ के जंगल भीषण आग कई दिनों तक धधकती रही। वहीं टाइगर रिजर्व पन्ना के बफर जोन क्षेत्र के जंगल में लगभग एक माह से आग लगी हुई है लेकिन विभाग आग बुझाने की दिशा में रुचि नहीं ले रहा है। जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा वन मंत्री सहित प्रमुख सचिव एवं वन अधिकारियों की बैठक लेकर जंगलों को आगजनी से बचाने के निर्देश दिये हैं। 

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बीते दिनों बैठक में जंगलों को बचाने के दिये गये निर्देश के बाद भी वन विभाग रुचि नहीं ले रहा है। मध्यप्रदेश के कई जंगली क्षेत्रों में आग सुलग रही है और पेड़ पौधे जलकर नष्ट हो रहे हैं लेकिन वन विभाग पूरी तरह से सुस्त है। बांधवगढ़ के जंगल भीषण आग कई दिनों तक धधकती रही। वहीं टाइगर रिजर्व पन्ना के बफर जोन क्षेत्र के जंगल में लगभग एक माह से आग लगी हुई है लेकिन विभाग आग बुझाने की दिशा में रुचि नहीं ले रहा है। जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा वन मंत्री सहित प्रमुख सचिव एवं वन अधिकारियों की बैठक लेकर जंगलों को आगजनी से बचाने के निर्देश दिये हैं।

बताया गया है कि एक क्षेत्र में भड़की आग अब धीरे-धीरे सैकड़ों एकड़ क्षेत्र में फैल चुकी है और जंगल धधक रहे हैं लेकिन वन विभाग तमाशबीन बना हुआ है। बेशकीमती पेड़-पौधे आग में नष्ट हो रहे हैं। पन्ना जिले के उत्तर वन मण्डल के वन परिक्षेत्र विश्रामगंज, रानीपुर, कौआ सेहा, अजयगढ़ के धवारी पहाड़, कुंवरपुर एवं धरमपुर के जंगलों में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है।

बजट को सीधे गटक रहे अधिकारी

जंगलों की सुरक्षा के लिए शासन से बजट निर्धारित है। लेकिन वन विभाग के अधिकारी इसे सीधे गटक जाते हैं और कागजों में बजट खर्च कर दिया जाता है। श्रमिकों के नाम फर्जी सूची बनाकर बिना काम के ही पैसे हजम किये जाते हैं। वहीं आगजनी से अपने बचाने के लिए महुआ बिनने वालों पर जंगलों में हो रही आगजनी का दोष मढ़ा जाता है।

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