मध्यप्रदेश

Junior Doctors Strike: एमपी में जूडा की हड़ताल वापस, जीएमसी की डॉ. अरुणा कुमार अटैच, एचओडी का कार्यकाल अब दो साल का होगा

Sanjay Patel
6 Aug 2023 9:15 AM GMT
Junior Doctors Strike: एमपी में जूडा की हड़ताल वापस, जीएमसी की डॉ. अरुणा कुमार अटैच, एचओडी का कार्यकाल अब दो साल का होगा
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Junior Doctors Strike: मध्यप्रदेश के जूनियर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के जूडॉ और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के साथ शनिवार को बैठक हुई जिसके बाद प्रमुख मांगें मान ली गईं हैं।

Junior Doctors Strike: मध्यप्रदेश के जूनियर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के जूडॉ और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के साथ शनिवार को बैठक हुई जिसके बाद प्रमुख मांगें मान ली गईं हैं। जिसके बाद डॉ. बाला सरस्वती की खुदकुशी को लेकर हड़ताल पर चल रहे जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल समाप्त कर दी है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बैठक के बाद विभागाध्यक्ष के दो साल के तय कार्यकाल को लेकर भी आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही जीएमसी की गायनिक विभाग की पूर्व एचओडी डॉ. अरुणा कुमार को चिकित्सा शिक्षा संचालनालय में अटैच कर दिया है।

दो वर्ष के लिए ही बनाया जाएगा विभागाध्यक्ष

चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने कहा कि सकारात्मक माहौल में जूडॉ के पदाधिकारियों से बातचीत हुई। उनकी मांगों पर विचार करके निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया। सारंग ने अधिकारियों की जूडा की मांगों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग से परिपत्र जारी किया गया। जिसमें शासकीय मेडिकल कॉलेज के विभागों के एचओडी की नियुक्ति दो साल में रोटेशन के आधार पर करने के दिशा निर्देश जारी किए गए। अब विभाग में वरिष्ठ प्राध्यापक, प्राध्यापक को विभागाध्यक्ष एक बार में अधिकतम दो वर्ष के लिए ही बनाया जाएगा। इसके साथ ही वर्तमान कार्यरत विभागाध्यक्ष नियुक्ति तिथि से दो वर्ष तक ही कार्य कर सकेंगे।

विभागाध्यक्ष के लिए प्राध्यापक होना रहेगा अनिवार्य

विभागाध्यक्ष बनने के लिए प्राध्यापक होना अनिवार्य रहेगा। यदि विभाग में एक ही वरिष्ठ प्राध्यापक है तो दूसरा वरिष्ठ प्राध्यापक उपलब्ध होने तक कार्यकाल में वृद्धि की जाएगी। गैर चिकित्सा क्षेत्र के व्यक्ति को विभागाध्यक्ष नियुक्त नहीं किया जाएगा। विभागाध्यक्ष बनने में अनिच्छा प्रकट करने, विभागीय जांच चलने, अधिष्ठाता द्वारा प्रतिकूल टिप्पणी करने अथवा राज्य सरकार द्वारा आरोप पत्र जारी किए गए हैं तो संबंधित विभाग में कार्यरत अगले वरिष्ठ प्राध्यापक, प्राध्यापक को विभागाध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा।

परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

डॉ. बाला सरस्वती के परिजनों ने जीमएसी के गायनिक विभाग की एचओडी और सीनियर डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए। डॉ. बाला सरस्वती की बहन लक्ष्मी ने बताया कि वह मानसिक दबाव में थी। वह कुछ समय से डॉ. अरुणा कुमार, डॉ. पल्लवी और एक अन्य डॉक्टर के द्वारा प्रताड़ित करने की बात कहती थी। वहीं डॉ. बाला सरस्वती के पिता डॉ. वेंकटेश्वर ने आरोप लगाया कि उनकी शिकाायत पर अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई। पुलिस आरोपी डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इस दौरान जूनियर डॉक्टरों ने जीएमसी भोपाल में उत्पीड़न की शवयात्रा निकाली और उसका दाह संस्कार किया। इसके बाद शाम को जूनियर डॉक्टरों ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मुलाकात के बाद हड़ताल वापस ले ली।

इनका कहना है

भोपाल जूडा के अध्यक्ष डॉ. संकेत शिते ने बयान जारी कर कहा कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने हमारी मांगों पर शीघ्र ही जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया है। हम तत्काल प्रभाव से हड़ताल को वापस लेते हैं।

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