मध्यप्रदेश

एमपी की 18000 निजी स्कूल हड़ताल में, RTE की फीस सरकार से नहीं मिलने पर किया बड़ा ऐलान, फटाफट जाने

MP School
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MP School: सरकार से दो तरह की मांग को लेकर मध्य प्रदेश के निजी स्कूलो का संगठन मंगलवार को हड़ताल पर रहा।

MP School News: सरकार से दो तरह की मांग को लेकर मध्य प्रदेश के निजी स्कूलो का संगठन मंगलवार को हड़ताल पर रहा। लेकिन इस हड़ताल का कोई खास असर देखने को नहीं मिला। ज्यादातर निजी विद्यालय पिछले दिनों की बातें खुले रहे। बच्चे स्कूल गए तो वहीं शिक्षकों ने भी उन्हें पूरे समय तक पढ़ाया। निजी स्कूलो का संगठन सोसाइटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर ने इस हड़ताल का आह्वान किया था।

क्या थी मांग

निजी विद्यालयों की ओर से उनका संगठन सोसायटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर ने दो मांगों को लेकर मंगलवार 18 अक्टूबर को प्रदेश के सभी स्कूल बंद रखने का आह्वान किया गया था। स्कूलों की मांग है कि लंबित आरटीई फीस का भुगतान जल्दी से जल्दी किया जाए। या यूं कहें कि संगठन का कहना था कि दिवाली के पहले इसका भुगतान कर दिया जाए। क्योंकि कई बार सरकार द्वारा आश्वासन दिया गया लेकिन फीस का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसी से परेशान होकर प्राइवेट स्कूल संचालकों ने अपने संगठन के माध्यम से हड़ताल करने का आह्वान किया था।

इसी तरह प्राइवेट स्कूल पांचवी और आठवीं कक्षा को बोर्ड करने के पक्ष में नहीं है। प्राइवेट विद्यालय नहीं चाहते हैं कि सरकार नए शिक्षण सत्र से पांचवी और आठवीं कक्षा को बोर्ड परीक्षा के साथ शामिल करें। उनका कहना है कि सरकार अपने इस निर्णय को वापस ले ले।

इन दोनों ही मांगों को लेकर सोसायटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर नामक संगठन ने मंगलवार को स्कूल बंद रखने का आह्वान किया था। यह बात अलग है कि संगठन के इस आंदोलन का असर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बिल्कुल भी नहीं देखा गया।

खुले रहे विद्यालय, बच्चे गए स्कूल

प्रदेश मुख्यालय के कुछ विद्यालयों में इस हड़ताल का असर देखने को मिला है। लेकिन प्रदेश के ज्यादातर जिलों में संचालित निजी विद्यालयो कोई असर दिखाई नहीं दिया। अपने पूर्व समय के भारतीय विद्यालय खुले बच्चे भी स्कूल गए और पठन-पाठन कर समय से बच्चे घर वापस आए हैं।

जानकारी तो यहां तक मिल रही है कि कई जैसे विद्यालय हैं यहां पता ही नहीं था कि आज हड़ताल है। हमें स्कूल बंद रखना है। इस आधे अधूरे आंदोलन की वजह से विद्यालयों के संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

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