मध्यप्रदेश

एमपी में सरकार ने बढ़ा दी अनुग्रह राशि, 8 की जगह अब मिलेंगे 10 लाख रूपए, जानिए किन अधिकारी-कर्मचारियों को प्राप्त होगा लाभ

एमपी में सरकार ने बढ़ा दी अनुग्रह राशि, 8 की जगह अब मिलेंगे 10 लाख रूपए, जानिए किन अधिकारी-कर्मचारियों को प्राप्त होगा लाभ
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MP latest News: आदेश जारी करने के बाद से पूरे प्रदेश में लागू कर दिए गए हैं।

MP Bhopal News: नगरीय निकाय एवं त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन में निर्वाचन ड्यूटी के दौरान अधिकारी एवं कर्मचारियों की मृत्यु पर दी जाने वाली अनुग्रह राशि (Compensation amount) में बढ़ोत्तरी कर दी है। अब साधारण मृत्यू होने पर 8 लाख के स्थान पर 10 लाख रूपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी। इसी प्रकार निर्वाचन के समय हिंसक गतिविधियों के दौरान होने वाली मृत्यु पर 15 लाख के स्थान पर 20 लाख रूपए की अनुग्रह राशि दिए जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है।

गौरतलब है कि अशक्तता के प्रकरणों में सामान्य परिस्थिति में 4 लाख और हिंसक गतिविधियों के दौरान अशक्तता पर 7 लाख 50 हजार रूपए दिए जाएंगे। राज्य सरकार (MP State Government) द्वारा इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है। इसी के साथ यह आदेश प्रदेश में लागू हो गया है। बढ़ी हुई अनुग्रह राशि ऐसे सभी शासकीय सेवकों के परिजनों को मिलेगी, जिनकी असमायिक मौत हाल ही में हुए पंचायतत और नगरीय निकाय चुनाव (Urban Body Election) में चुनाव ड्यूटी के दौरान हुई है।

10 से अधिक की मौत

प्रदेश में 10 से अधिक शासकीय सेवकों की मौत चुनाव ड्यूटी (Death during election duty) के दौरान अलग-अलग घटनाओं में हुई है। हालांकि इसमें कोई हिंसक घटना वाले मामले नहीं है, दुर्घटना के मौत के मामले वाले शासकीय सेवक जरूर इसमें शामिल है।

घायलों की संख्या ज्यादा

प्रदेश में चुनाव ड्यूटी के दौरान शासकीय सेवकों के मरने की संख्या भले ही कम है, लेकिन घायलों की संख्या ज्यादा है। अधिकतर मामलों में शासकीय सेवक सड़क दुर्घटना का शिकार हुए हैं। गत दिवस सतना जिले के तहसीलदार की उस समय सड़क हादसे में मौत हो गई थी जब वह देर रात ड्यूटी से अपने घर जा रहे थे। इस हादसे में आरआई और चालक को गंभीर चोंट आई है। इसी प्रकार रीवा जिले के एक शासकीय सेवक को सड़क हादसे का शिकार होने पर एसजीएमएच लाया गया था। यह दो मामले तो केवल सतना और रीवा जिले के हैं। प्रदेश में कितने शासकीय सेवक चुनाव ड्यूटी के कारण घायल हुए हैं, इसकी जानकारी सरकार द्वारा ही दी जा सकती है। माना जा रहा है कि ऐसे घायल शासकीय सेवकों की संख्या दो दर्जन से अधिक है।

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