मध्यप्रदेश

MP Panchayat Chunav के सभी याचिकाओं की सुनवाई अब हाई कोर्ट में, सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश

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MP Panchayat Chunav 2021-22: सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को हाई कोर्ट जाने के दिए निर्देश

MP Panchayat Chunav 2021-22: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में होने वाले पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में लगाई गई याचिका की सुनवाई बुधवार को की गई है। न्यायाधीश ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिए है कि वे हाई कोर्ट जाए और सभी याचिकाओं में आगे की सुनवाई हाई कोर्ट करेगा।

दरअसल जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने पंचायत चुनावों (Panchayat Elections) की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था और अब सुप्रीम कोर्ट से फिर जबलपुर हाई कोर्ट पहुंच गया है।

हाई कोर्ट में यह हुई थी सुनवाई

पंचायत चुनाव से जुड़ी सभी याचिकाओं पर 9 नवंबर 2021 को जबलपुर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसमें आरक्षण और परिसीमन का मामला भी शामिल था। सभी पहलूओं में हुई बहस के बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की युगलपीठ ने ग्वालियर बेंच में जस्टिस रोहित आर्या की अध्यक्षता वाली युगलपीठ द्वरा पूर्व में अन्तरिम राहत की अर्जी खारिज करने के बिंदु को ध्यान में रखते हुए मांग नामंजूर कर दी थी। इसके बाद कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

इन्होने लगाया था आवेदन

मध्य प्रदेश कांग्रेस नेता सैयद जाफर और जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दाखिल किया था। जिसमें उन्होने प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा 2019 के परिसीमन और आरक्षण को निरस्त करने के आदेश को चुनौती दी गई है। 15 दिसंबर की सुबह सुनवाई हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव में सीटों के परिसीमन और आरक्षण जैसे अलग-अलग मुद्दे उठा रहे सभी याचिकाकर्ताओं को हाई कोर्ट जाने को कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से कहां है कि वह इन मामलों की जल्द सुनवाई करे। अब सैयद जाफर और दया ठाकुर की याचिका की सुनवाई के लिए जबलपुर हाई कोर्ट (Jabalpur High Court) में 16 दिसंबर 2021 की डेट तय की गई है।

ये है मामला

दरअसल मप्र सरकार ने 2019-20 में पंचायत चुनाव का आरक्षण निर्धारित किया है और इसकी अधिसूचना जारी की गई थी। वही इस पुरानी अधिसूचना को निरस्त किए बिना सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से नई अधिसूचना जारी कर दी। इसके अलावा राज्य सरकार ने नवंबर 2021 में आगामी पंचायत चुनाव को 2014 के आरक्षण रोस्टर के आधार पर कराने की घोषणा की है। जिसके चलते कांग्रेस नेता कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे है।

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