मध्यप्रदेश

स्वास्थ्य मंत्री ने स्कूल का किया औचक निरीक्षण, छात्रों की कम संख्या पर शिक्षकों को लगाई फटकार

Sanjay Patel
8 Feb 2023 10:19 AM GMT
स्वास्थ्य मंत्री ने स्कूल का किया औचक निरीक्षण, छात्रों की कम संख्या पर शिक्षकों को लगाई फटकार
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MP News : मध्यप्रदेश में इन दिनों विकास यात्रा भ्रमण कर रही है। यात्रा के तीसरे दिन स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. प्रभुराम चौधरी ने स्कूल का औचक निरीक्षण किया। जहां छात्रों की कम उपस्थिति पर शिक्षकों को जमकर फटकारा।

मध्यप्रदेश में इन दिनों विकास यात्रा भ्रमण कर रही है। यात्रा के तीसरे दिन स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. प्रभुराम चौधरी ने स्कूल का औचक निरीक्षण किया। जहां छात्रों की कम उपस्थिति पर उन्होंने शिक्षकों की क्लास लेने के साथ ही उन्हें जमकर फटकार लगाई। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री द्वारा हेडमास्टर सहित बच्चों की संख्या की जानकारी भी ली गई। शिक्षा व्यवस्था के साथ ही शिक्षकों से मध्यान्ह भोजन के बारे में भी पूछताछ की गई।

मंत्री ने कहा सही पढ़ाई नहीं करा रहे क्या?

स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. प्रभुराम चैधरी विकास यात्रा के दौरान रायसेन अंतर्गत सांची विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शासकीय माध्यमिक शाला कचनारिया पहुंचकर औचक निरीक्षण किया। उन्हें यहां छात्रों की उपस्थिति कम नजर आई। जिस पर उन्होंने शिक्षकों से पूछा कि स्कूल में कितने बच्चे दर्ज हैं। शिक्षकों द्वारा मंत्री को यह जानकारी दी गई कि स्कूल में 27 बच्चे दर्ज हैं। जिस पर मंत्री ने कहा कि बच्चों की संख्या कम लग रही है पढ़ाई सही ढंग से नहीं करवा रहे क्या? यदि पढ़ाई सही कराते तो बच्चों की संख्या ज्यादा रहती। इस दौरान शिक्षकों को मंत्री द्वारा जमकर फटकार भी लगाई गई।

मंत्री का जवाब सुनकर हक्के-बक्के रह गए शिक्षक

निरीक्षण के दौरान स्कूल के शिक्षकों ने कहा कि बच्चे प्राइवेट स्कूलों में जा रहे हैं। एक शिक्षक ने तो यहां तक कहा कि सर लोग ही अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में ज्यादा पढ़ाना चाहते हैं। जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यदि आपके द्वारा अच्छे से पढ़ाई करवाई जाएगी तो कोई क्यों ज्यादा पैसा खर्च कर बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजेगा। यदि ऐसे ही स्कूल में छात्रों की संख्या घटती रही तो स्कूल बंद करने की नौबत आ जाएगी और आपको भी प्राइवेट स्कूलों में जाकर पढ़ाना होगा। मंत्री का यह जवाब सुनकर शिक्षक हक्के-बक्के रह गए। इसके बाद उनके पास जवाब देने के लिए कुछ भी नहीं बचा था। मंत्री ने शिक्षकों को हिदायत दी कि आज से ही शिक्षण व्यवस्था को दुरुस्त करें और मन लगाकर छात्रों की पढ़ाई करवाएं।

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