मध्यप्रदेश

एमपी के लाखों किसानों के लिए खुशखबरी! गेहूं उपार्जन को लेकर आई अपडेट, जानें

MP Gehu Uparjan 2023 News
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MP Gehu Uparjan 2023 News: भारत सरकार द्वारा रबी विपणन वर्ष 2023-24 मई समर्थन मूल्य पर चमक विभिन्न गेहूं के उपार्जन की अनुमति दी गई है। इसको लेकर गाइडलाइन भी जारी हुई है।

MP Gehu Uparjan 2023 News: भारत सरकार द्वारा रबी विपणन वर्ष 2023-24 मई समर्थन मूल्य पर चमक विभिन्न गेहूं के उपार्जन की अनुमति दी गई है। इसको लेकर गाइडलाइन भी जारी हुई है।

जारी गुइडेलाइन के अनुसार अनुसार दस प्रतिशत तक चमक विहीन गेहूं बगैर वैल्यू कट के साथ उपार्जन किया जाएगा जबकि दस से अस्सी प्रतिशत तक चमक विहीन गेहूं को एक चौथाई के लिए एक पूर्ण मूल्य कटौती के साथ उपार्जन किया जाएगा।

मध्य प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव के द्वारा जारी पत्र का हवाला देते हुए कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बताया कि राज्य शासन द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार चमक विहीन गेहूं के उत्पादन की अनुमति विदिशा जिले में भी निम्नानुसार दी जाती है।

दस से अस्सी प्रतिशत तक चमकविहीन गेहूं के उपार्जन पर किसानों से कोई कटौत्रा किए बगैर पूर्ण समर्थन मूल्य की राशि का भुगतान किया जाए। भारत सरकार द्वारा निर्धारित अस्सी प्रतिशत तक ही चमकविहीन गेहूं का उपार्जन किया जावे, इससे अधिक प्रतिशत तक चमकविहीन गेहूं स्वीकार नहीं किया जाएगा।

उपार्जन केंद्र के समिति प्रबंधक द्वारा सर्वेयरध्गुणवत्ता परीक्षक के माध्यम से चमकविहीन गेहूं का विधिवत रिकार्ड रखा जाए एवं संबंधित किसान की तौल की गई उपज में कितना प्रतिशत गेहूं की मात्रा चमकविहीन है तथा सर्वेयर एप एवं ई-उपार्जन साफ्टवेयर में संबंधित सर्वेयर द्वारा किसान के डाटा में चमकविहीन गेहूं के प्रतिशत की अनिवार्य रूप से आनलाइन प्रविष्टि कराई जाए।

उपार्जन केन्द्रों में यदि चमकविहीन गेहूं प्राप्त होता है, तो उपार्जन केंद्र के समिति प्रबंधक द्वारा चमकविहीन गेहूं की तौल एवं बिना चमकविहीन गेहूं की तौल पृथक-पृथक स्थान पर किये जाने की व्यवस्था की जाए। उपार्जन केन्द्र पर चमकविहीन गेहूं के बोरों पर स्याही ध्लाल कलर से मार्किंग (उदाहरण के रूप में ''जेड'') करके अलग से थप्पी लगाई जाए। बोरों पर स्याही, लाल कलर इस प्रकार से लगाया जाए कि ''जेड'' का निशान स्पष्ट रूप से दर्शित हो। स्याही/लाल कलर से मार्किंग जूट एवं पी.पी दोनों ही बोरों में की जाएगी।

उपार्जन केन्द्रों में चमकविहीन गेहूं प्राप्त होने पर उपार्जन केन्द्रों द्वारा किसानवार चमकविहीन गेहूं की अलग-अलग थप्पिया लगाकर संग्रहण किया जाए तथा किसानवार गेहूं की चमकविहीन प्रतिशत का रिकार्ड भी रखा जाए। उपार्जन केन्द्रों से एफएक्यू एवं चमकविहीन का पृथक-पृथक ट्रकों में परिवहन कराया जाए एवं प्रत्येक ट्रक चालान पर चमकविहीन गेहूं का प्रतिशत अंकित किया जाए। एक ट्रक में दोनों प्रकार के गेहू का परिवहन नहीं कराया जाएगा।

उपार्जन एजेंसी के गोदाम प्रभारी की जिम्मेदारी होगी कि वह संग्रहण में चमकविहीन गेहूं की प्राप्ति होने पर किसानवार बोरों का परीक्षण करेगा एवं किसानवार चमकविहीन गेहूं के प्रतिशत का मैन्युअल एवं ऑनलाइन जारी किये जाने वाले स्वीकृति पत्रक में प्रविष्टि करेगा।

उपार्जन संस्थाओं से प्राप्त चमकविहीन गेहूं के ट्रक चालानों में चमकविहीन का प्रतिशत नहीं होने पर अथवा भारत सरकार द्वारा चमकविहीन के स्वीकृत प्रतिशत से अधिक चमकविहीन पाये जाने पर ऐसे ट्रकों को भंडारण हेतु स्वीकार नहीं किया जाये एवं संबंधित उपार्जन केन्द्र को वापस किया जाएगा। भंडारण एजेंसी के संग्रहण केन्द्र प्रभारी का दायित्व होगा कि संग्रहण हेतु प्राप्त एफएक्यू एवं चमकविहीन गेहूं की उपार्जन संस्था वार पृथक-पृथक स्टेक लगाये जाये।

गेहूं के स्टेक कार्ड में गेहूं के एफएक्यू अथवा धमकाविहीन होने का पूर्ण विवरण अंकित किया जायेगा जिसमे ट्रक चालान में उल्लेखित चमकविहीन प्रतिशत को दर्ज किया जायेगा। भंडारण एजेंसी द्वारा स्वयं के, संयुक्त भागीदारी योजना एवं अन्य अनुबंधित गोदाम मालिकों को लिखित में निर्देशित किया जाए कि एफएक्यू एवं चमकविहीन गेहू को पृथक-पृथक संस्थावार स्टेक लगाकर भंडारित किया जाये। उक्तानुसार विदिशा जिले में भी चमकविहीन गेहूं का उपार्जन सुनिश्चित किया जाए।

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