मध्यप्रदेश

मप्र के 2.5 लाख संविदा कर्मियों के लिए खुशखबरी: राज्य में खत्म होगा संविदा कल्चर, चुनाव से पहले ऐलान; पेंशन भी मिलेगी

contract culture will end in mp
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संविदा कर्मियों को नई पॉलिसी में पूरा वेतन, कोटा 50%; सीधी भर्तियों में अभी संविदा का 20% कोटा, पेंशन और डीए पर भी विचार।

संविदा कर्मियों को नई पॉलिसी में पूरा वेतन, कोटा 50%; सीधी भर्तियों में अभी संविदा का 20% कोटा, पेंशन और डीए पर भी विचार।

मध्य प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत 2.5 लाख संविदा कर्मियों के लिए अच्छी खबर है. शिवराज सरकार राज्य से संविदा कल्चर खत्म करने की तैयारी कर रही है. जिसके लिए ज़ोरों से तैयारियां भी शुरू हो गई है. एमपी के संविदा कर्मचारियों को सरकारी कर्मी की तरह सुविधाएं देने के लिए पॉलिसी तैयार की जा चुकी है. इस माह के आखिरी में मुहर लग सकती है.

विधानसभा चुनाव 2023 से पहले शिवराज सरकार इसे लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है. नई पॉलिसी में न केवल संविदा कर्मियों को पूरा वेतन देने का प्रावधान होगा, बल्कि सामाजिक सुरक्षा की भी गारंटी दी जाएगी. वे सारी सुविधाएं दी जाएंगी जो किसी सरकारी कर्मचारी को दी जाती है.

जो पॉलिसी तैयार की गई है, उसके अनुसार संविदाकर्मियों को सरकारी कर्मियों के समान ही नियमों के दायरे में लाया जाएगा. यानी जिस पद पर काम, उस पद का 90% के बजाय 100% वेतन मिलेगा. नई पॉलिसी पर कई स्तरों पर मंथन हो चुका है. इसकी मांग लंबे समय से संविदाकर्मी कर रहे थे.

संविदाकर्मियों को ये सभी सुविधाएं मिलेंगी

राज्य के संविदा कर्मचारियों को सेवाकाल में सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए उन्हें रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी दी जाएगी. अवकाश नकदीकरण और 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा भी मिलेगा. इन्हे पेंशन देने की भी तैयारी है. इस बारे में अभी परीक्षण किया जा रहा है. इसके अलावा राज्य में संविदा कर्मियों का अलग से कैडर बनाया जाएगा और जिस तरह शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया है, उसी के अनुसार कर्मचारी चयन मंडल और अन्य एजेंसियों से भर्ती कराई जाएगी, जिससे 'संविदा' कल्चर खत्म हो सके.

वार्षिक अप्रेजल रिपोर्ट में भी छूट मिलेगी

मध्यप्रदेश में सीधी भर्तियों में अभी संविदा कर्मियों के लिए 20% कोटा रिजर्व है, नई पॉलिसी में इसे बढ़ाकर 50% किया जा रहा है. इसमें अहम यह भी होगा कि अफसरों और कर्मचारियों से हर साल अप्रेजल रिपोर्ट से भी छूट दी जा रही है. इसमें उन्हें हर साल अपना स्वमूल्यांकन करके नहीं देना होगा, जिस पर सरकार उन्हें आगे अगले साल नौकरी पर रखेगी या नहीं, यह फैसला लिया जाता है. इस दायरे से उन्हें बाहर किया जा रहा है.

संविदा कर्मियों को महंगाई भत्ता का भी लाभ मिलेगा

राज्य के संविदा कर्मचारियों के लिए तैयार की गई पॉलिसी में उन्हें महंगाई भत्ता (डीए) दिया जाना प्रस्तावित है. डीए देने के दायरे में लाने के लिए कर्मचारियों को फिलहाल जो वेतन मिल रहा है, उसे फिक्स वेतनमान के दायरे में लाकर डीए को न्यूट्रलाइज (जीरो) कर दिया जाएगा. इससे आगे जब भी डीए बढ़ेगा, इन कर्मचारियों को भी अध्यापकों के समान ही बढ़े हुए डीए का लाभ मिलेगा. अभी संविदा कर्मचारियों को हर साल इंक्रीमेंट दिया जा रहा है.

मप्र में 2015 में संविदा भर्तियों की हुई शुरुआत

मध्य प्रदेश में संविदा भर्तियों की शुरुआत 2015 में शिवराज सरकार ने शुरू की थी. इसके लिए राजपत्र जारी किया था. इन्हें लाने की बड़ी वजह थी सरकार के खर्चे कम करना. संविदा पर भर्ती कर्मचारियों की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार करने का प्रावधान है, जिसमें कर्मचारी का सरकार के साथ कॉन्ट्रैक्ट होता है. आगे इसमें नियमित कर्मचारियों की कमी को देखते हुए विभागों को अधिकृत कर दिया गया कि वे विभागाध्यक्ष कार्यालयों में संविदा पर फिक्स वेतन पर भर्ती कर सकें. अभी इन कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी और अन्य लाभ नहीं मिलते हैं.

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

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