मध्यप्रदेश

Nagchandreshwar Temple: एमपी के नागचंद्रेश्वर मंदिर का साल भर में केवल एक ही बार खुलता है पट, इस तिथि को दर्शन कर सकेंगे भक्त

Sanjay Patel
10 Aug 2023 6:36 AM GMT
Nagchandreshwar Temple: एमपी के नागचंद्रेश्वर मंदिर का साल भर में केवल एक ही बार खुलता है पट, इस तिथि को दर्शन कर सकेंगे भक्त
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MP News: मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर का पट वर्ष भर में केवल एक बार ही खोला जाता है। इस दौरान 24 घंटे ही मंदिर में लोगों को दर्शन करने का अवसर प्राप्त होता है।

Nagchandreshwar Temple Ujjain: मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर का पट वर्ष भर में केवल एक बार ही खोला जाता है। इस दौरान 24 घंटे ही मंदिर में लोगों को दर्शन करने का अवसर प्राप्त होता है। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में नागपंचमी का त्योहार 21 अगस्त को मनाया जाएगा। इस तिथि को मंदिर के शीर्ष पर स्थित भगवान श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट भी खुलेंगे। महापर्व को लेकर मंदिर प्रशासन द्वारा तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं।

पुल के मजबूती की होगी जांच

नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुंचने के लिए बनाए गए पुल के मजबूती की जांच की जाएगी। जांच का कार्य पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों द्वारा की जाएगी। महाकाल मंदिर के शीर्ष पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट वर्ष भर में केवल एक बार नागपंचमी के दिन ही खोले जाते हैं। इस बार 20 अगस्त की मध्य रात्रि 12 बजे मंदिर के पट खोले जाएंगे। पूजा अर्चना के बाद आम दर्शन का सिलसिला प्रारंभ होगा जो 21 अगस्त की रात्रि 12 बजे तक चलता रहेगा। पहले नागचंद्रेश्वर मंदिर तक पहुंचने के लिए प्रशासन प्रतिवर्ष अस्थायी लोहे की सीढ़ियों का निर्माण करता था। इससे मंदिर के स्ट्रक्चर को खतरा होने का अंदेशा बना रहता था।

भक्तों को आवागमन में होगी सुविधा

गत वर्ष महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरजी महाराज ने एक दानदाता के सहयोग से विश्राम धाम से लेकर नागचंद्रेश्वर मंदिर तक पुल का निर्माण करा दिया गया है। पुल के बन जाने से मंदिर दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा मुहैया हो सकेगी। वहीं पुल के बन जाने से मंदिर के स्ट्रक्चर को होने वाला खतरा भी समाप्त हो गया है। पुल के बन जाने से कम समय में अधिक भक्तों को भगवान के दर्शन हो सकेंगे। 21 अगस्त को नामपंचमी से पहले पुल के मजबूती की जांच कराई जाएगी। इसके बाद मंदिर के बाहर की व्यवस्थाओं का निर्धारण होगा। पहले सीढ़ियां चढने में श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था किंतु अब पुल के रास्ते दर्शनार्थी चंद मिनट में भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन कर सुगमता से आ-जा सकेंगे।

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