मध्यप्रदेश

चुनाव नहीं लड़ेंगी पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे: कांग्रेस की सदस्यता ली, कमलनाथ ने कहा- आपकी सेवाओं की आवश्यकता प्रदेश में है

चुनाव नहीं लड़ेंगी पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे: कांग्रेस की सदस्यता ली, कमलनाथ ने कहा- आपकी सेवाओं की आवश्यकता प्रदेश में है
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इस्तीफा स्वीकार होने के बाद पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने छिंदवाड़ा में पीसीसी चीफ़ कमलनाथ के हाथो कांग्रेस की सदस्यता ली है।

पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के विधानसभा क्षेत्र आमला से चुनाव लड़ने के सस्पेंस पर अब विराम लग गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि निशा बांगरे चुनाव नहीं लड़ रही हैं। इस्तीफा स्वीकार होने के बाद गुरूवार को बांगरे ने छिंदवाड़ा में पीसीसी चीफ़ कमलनाथ के हाथो कांग्रेस की सदस्यता ली है।

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीसीसी चीफ़ कमलनाथ (Kamal Nath) ने आज छिंदवाड़ा में अपना नामांकन दाखिल किया। इसके बाद उन्होने एक सभा को संबोधित किया, जिसमें पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे (Former Deputy Collector Nisha Bangre) भी मंचासीन थी। कमलनाथ ने निशा बांगरे को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई और कहा, 'आप उदाहरण बनेंगी, आप चुनाव नहीं लड़ रहीं, कोई बात नहीं। आपकी सेवाओं की आवश्यकता प्रदेश में है।'

बता दें निशा बांगरे बैतूल जिले की आमला सीट से दावेदारी कर रहीं थी। लंबे समय तक कांग्रेस (Congress) ने इस सीट को होल्ड में रखा था, लेकिन बांगरे का इस्तीफा स्वीकार न हो पाने की सूरत में यहां से कांग्रेस ने मनोज मालवे को प्रत्याशी बना दिया।

इस्तीफा स्वीकार होने के बाद निशा बांगरे कमलनाथ से मिली। अटकलें लगाई जा रही थी कि अब आमला से कांग्रेस प्रत्याशी का बदलाव करेगी और निशा बांगरे को मैदान में उतारेगी। लेकिन अब कमलनाथ ने यह मंच से कह दिया है कि बांगरे चुनाव नहीं लड़ेंगी।

चुनाव लड़ने पर अड़ी निशा ने निकाली थी न्याय यात्रा

छतरपुर जिले में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने अपना इस्तीफा मंजूर कराने के लिए न्याय यात्रा की शुरुआत की थी। वह बैतूल जिले के आमला से पैदल चलते हुए भोपाल में सीएम हाउस तक गई थी। करीब 335 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा के बाद वह 9 अक्टूबर को भोपाल पहुंची थीं। वे सीएम हाउस जाना चाहती थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक लिया था। उन्हें गिरफ्तार कर एसीपी एमपी नगर अक्षय चौधरी की कोर्ट में पेश किया गया। जहां उन्होंने जमानत मुचलका भरने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था।

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

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