मध्यप्रदेश

पहले कमलनाथ के आइसोलेट होने की खबर आई, फिर खंडन; मीडिया संयोजक बोले- वे तो अपना काम कर रहे हैं

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:17 AM GMT
पहले कमलनाथ के आइसोलेट होने की खबर आई, फिर खंडन; मीडिया संयोजक बोले- वे तो अपना काम कर रहे हैं
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भोपाल. मध्य प्रदेश में कोरोनावायरस के संक्रमण के अब तक 15 सामने सामने आ चुके हैं। बुधवार को इंदौर में 4, उज्जैन और

भोपाल. मध्य प्रदेश में कोरोनावायरस के संक्रमण के अब तक 15 सामने सामने आ चुके हैं। बुधवार को इंदौर में 4, उज्जैन और भोपाल में एक पॉजिटिव केस मिला। सबसे पहले जबलपुर में 6, उसके बाद भोपाल, ग्वालियर और शिवपुरी में एक-एक मामले की पुष्टि हुई थी।

उज्जैन की संक्रमित 65 वर्षीय महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। यह प्रदेश में कोरोना से पहली मौत है। वहीं, भोपाल की प्रोफेसर कॉलोनी में रहने वाले पत्रकार में संक्रमण मिला तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आइसोलेट होने की खबरें आईं। इसके बाद उनके मीडिया संयोजक ने इन खबरों का खंडन किया।

दरअसल, 20 मार्च को सीएम हाउस में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमलनाथ ने इस्तीफे का ऐलान किया था। यहां पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, कांग्रेस के विधायक और करीब 200 पत्रकार मौजूद शामिल हुए थे। इन्हीं में से एक पत्रकार में संक्रमण मिला है। उनकी 26 वर्षीय बेटी 17 मार्च को लंदन से भोपाल लौटी थी। आईजीआई एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के बाद डॉक्टर्स ने उसे फिट घोषित किया। इससे बाद वह शताब्दी एक्सप्रेस में सवार होकर भोपाल आई थी। तीन दिन पहले भोपाल एम्स की रिपोर्ट में लड़की कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी।

भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 600 बेड रिजर्व रखे गए

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जहां से विदेशी मेहमान लौटे हैं, ऐसे सभी राष्ट्रीय उद्यानों, पर्यटन क्षेत्रों की सघन जांच की जाए। निजी अस्पतालों में उपलब्ध मेडिकल अमले का भी उपयोग करें। दूसरी ओर, प्रशासन ने भोपाल के हमीदिया अस्पताल को खाली कराने के आदेश दिए हैं। इसमें 600 बैड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व हैं। अन्य 200 बेड पर अभी मरीज हैं, जिन्हें दो दिन में कहीं और शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके अलावा इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों को महामारी के इलाज का सेंटर बनाया जाएगा।

एक्शन प्लान: पांच विशेषज्ञ डॉक्टरों की यूनिट, हफ्तेभर ड्यूटी हमीदिया अस्पताल अधीक्षक डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए तीन यूनिट बनाई गई हैं। प्रत्येक यूनिट में पल्मोनोलॉजिस्ट, मेडिसिन, पीडियाट्रिक, ईएनटी और एनीस्थीसिया विशेषज्ञ डॉक्टर ड्यूटी करेंगे। यूनिट में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर एक सप्ताह तक मरीजों का इलाज करेंगे। इन्हें एक सप्ताह की ड्यूटी खत्म होने के बाद 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन सेंटर में भेजा जाएगा। इसकी वजह मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर्स, पैरामेडिकल, नर्सिंग स्टॉफ को मरीजों का इलाज करने के दौरान सबसे ज्यादा संक्रमण होने का खतरा होता है।

Aaryan Dwivedi

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