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MP के मंत्री विजय शाह पर FIR: कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर केस दर्ज, आज सुनवाई

हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मंत्री विजय शाह पर FIR: मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। भारतीय सेना की एक महिला अधिकारी, कर्नल सोफिया कुरैशी, पर की गई उनकी अत्यंत विवादित और सांप्रदायिक टिप्पणी के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद बुधवार देर रात करीब 11 बजे इंदौर के मानपुर थाने में उनके खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई। हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को तत्काल FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था, और ऐसा न करने पर अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी।
क्या था मंत्री विजय शाह का विवादित बयान?
मंत्री विजय शाह ने यह विवादास्पद बयान रविवार, 11 मई, 2025 को इंदौर जिले के महू तहसील स्थित रायकुंडा गांव में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान दिया था। मंगलवार, 13 मई को इस भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद व्यापक आक्रोश फैल गया। अपने भाषण में शाह ने कथित तौर पर कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम लिए बिना उन्हें 'आतंकियों की बहन' बताते हुए कहा था, "उन्होंने (कथित तौर पर पाकिस्तान ने) कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा। अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते। इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। देश का मान-सम्मान और हमारी बहनों के सुहाग का बदला तुम्हारी जाति, समाज की बहनों को पाकिस्तान भेजकर बदला ले सकते हैं।"
उन्होंने आगे कहा था, "मोदी जी ने कहा था कि घर में घुसकर मारूंगा। जमीन के अंदर कर दूंगा। आतंकवादी तीन मंजिला घर में बैठे थे। बड़े बम से छत उड़ाई, फिर बीच की छत उड़ाई और अंदर जाकर उनके परिवार की ऐसी की तैसी कर दी। यह 56 इंच का सीना वाला ही कर सकता है।" इस बयान का निशाना स्पष्ट रूप से कर्नल सोफिया कुरैशी और एक विशेष समुदाय की ओर था।
हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी और FIR का आदेश
जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने मंत्री विजय शाह के इस बयान पर स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि मंत्री का बयान प्रथम दृष्टया सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला और भारत की एकता व अखंडता को खतरे में डालने वाला प्रतीत होता है। कोर्ट ने पाया कि उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य) और धारा 196(1)(बी) व 197(1)(सी) (जो धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से संबंधित हो सकती हैं) के तहत अपराध बनता है।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस्लाम धर्म को मानने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन कहकर अपमानित करना उक्त धाराओं को आकर्षित करता है। कोर्ट ने डीजीपी को बुधवार शाम तक ही FIR दर्ज करने का कड़ा निर्देश दिया था और चेतावनी दी थी कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो गुरुवार (आज, 15 मई) को जब मामला सूचीबद्ध होगा, तो न्यायालय डीजीपी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही पर विचार कर सकता है। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि मामला 15 मई, 2025 की सूची में सबसे ऊपर सूचीबद्ध किया जाए।
FIR दर्ज, इन धाराओं में केस
हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में, इंदौर के मानपुर थाना (जहां कार्यक्रम आयोजित हुआ था) में बुधवार देर रात मंत्री विजय शाह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 152, 196(1)(बी) और 197(1)(सी) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है। धारा 152 विशेष रूप से भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों से संबंधित है। अन्य लागू धाराएं विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर आहत करने जैसे गंभीर अपराधों से संबंधित हैं।
आज हाईकोर्ट में सुनवाई
यह पूरा घटनाक्रम रविवार, 11 मई को मंत्री विजय शाह द्वारा दिए गए बयान से शुरू हुआ। मंगलवार, 13 मई को इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं। बुधवार, 14 मई को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के डीजीपी को तत्काल FIR दर्ज करने का आदेश दिया, जिसके परिणामस्वरूप बुधवार देर रात FIR दर्ज की गई। इस मामले की अगली सुनवाई आज, यानी गुरुवार, 15 मई, 2025 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में होनी है, जिसे शीर्ष प्राथमिकता पर सूचीबद्ध किया गया है।