मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश में नकली रेमडेसिविर बनाने वाला गिरोह पकड़ाया / नर्स लाती थी खाली शीशी, 25 रूपए के खर्च में भाई बनाता था इंजेक्शन, 35 हजार में बेंचते थें

Aaryan Dwivedi
27 April 2021 4:29 PM GMT
मध्य प्रदेश में नकली रेमडेसिविर बनाने वाला गिरोह पकड़ाया / नर्स लाती थी खाली शीशी, 25 रूपए के खर्च में भाई बनाता था इंजेक्शन, 35 हजार में बेंचते थें
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Fake Remdesivir Injection in making gang in MP / कोरोना के महामारी काल में जब लोगों को एक दूजे की मदद करनी चाहिए उस समय भी चंद लोग कालाबाजारी और मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले काम से बाज नहीं आ रहें हैं. मध्य प्रदेश के रतलाम (Ratlam) में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Fake Remdesivir Injection) बनाने वाला बड़ा गिरोह पुलिस की गिरफ्त में आया है.

Fake Remdesivir Injection in making gang in MP / कोरोना के महामारी काल में जब लोगों को एक दूजे की मदद करनी चाहिए उस समय भी चंद लोग कालाबाजारी और मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले काम से बाज नहीं आ रहें हैं. मध्य प्रदेश के रतलाम (Ratlam) में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Fake Remdesivir Injection) बनाने वाला बड़ा गिरोह पुलिस की गिरफ्त में आया है.

गिरोह में अस्पताल की नर्स, उसका भाई एवं दलाल शामिल हैं. नर्स अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशियां एकत्र कर भाई को देती थी, भाई महज 25 रुपए के खर्चे में नकली इंजेक्शन बनाकर 8 हजार रूपए में दलाल को दे देता था, और दलाल उसे मरीजों को 35 हजार तक में बेंच देते थें.

मध्य प्रदेश पुलिस ने रतलाम जिले में एक बड़े गिरोह को पकड़ा है. इस गिरोह का काम था नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाकर उसे बेंचना. रेमडेसिविर इंजेक्शन की मारामारी चल रही है. यह कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजों को लगाया जाता है, इस वजह से बाजारों में इसकी किल्लत हो उठी है. इसी किल्लत का फायदा उठा कर मोटा मुनाफ़ा कमाने के चक्कर में नर्स और उसके भाई ने एक गिरोह बनाया था. फिलहाल पुलिस ने नर्स, उसके भाई, दलालों, डॉक्टरों समेत 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

ऐसे बनाया जाता था नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन

नर्स बहन मेडिकल कॉलेज से उसे रेमडेसिविर इंजेक्शन की खाली शीशी लाकर देती थी. भाई इसमें सामान्य एंटीबायोटिक सेफ्ट्रिक्सोन पाउडर मिलाकर उसे फेवीक्विक से फिर से पैक कर देता था. इंजेक्शन के खाली खोखे पर लिखे हुए मरीज के नाम को सैनिटाइजर से मिटा कर उसे कालाबाजारी करने वालों को 6 से 8 हजार रुपए में बेच देता था.

इनकी हुई गिरफ्तारी

दलालों के माध्यम से यह इंजेक्शन जरूरतमंद ग्राहकों तक 30 से 35 हजार रूपए तक पहुंचता था. पुलिस ने इस मामले में अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें रतलाम के जीवांश हॉस्पिटल के डॉक्टर उत्सव नायक, डॉक्टर यशपाल सिंह, मेडिकल व्यवसायी प्रणव जोशी, मेडिकल कॉलेज की नर्स रीना प्रजापति, रीना का भाई पंकज प्रजापति, जिला अस्पताल में पर्ची बनाने वाले गोपाल मालवीय और रोहित मालवीय शामिल हैं.

ऐसे गिरफ्त में आया गिरोह

दरअसल, शनिवार रात पुलिस ने रतलाम के जीवांश अस्पताल में दबिश दी. यहाँ पुलिस ने दो ड्यूटी डॉक्टर को 30 हजार लेकर इंजेक्शन की डिलीवरी देते रंगे हाथ पकड़ा था. यहां से डॉक्टर उत्सव नायक और डॉक्टर यशपाल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. पूछताछ में हुए खुलासे पर फरार आरोपी प्रणव जोशी को मंदसौर से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद मेडिकल कॉलेज की नर्स रीना प्रजापति, उसके भाई पंकज प्रजापति, गोपाल मालवीय और रोहित मालवीय का नाम सामने आए. चारों को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया.

सागर लैब भेजा जाएगा

पुलिस ने आरोपियों के पास से नकली इंजेक्शन, औजार और अन्य सामान जब्त किया है. जब्त किए गए नकली इंजेक्शन और सामग्री को फॉरेंसिक जांच के लिए सागर भेजा जाएगा. इस मामले में पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है. पुलिस जीवन रक्षक इंजेक्शनों की कालाबाजारी करने वालों पर रासुका लगाने की तैयारी में है.

In Madhya Pradesh, a gang making fake Remdesivir was caught / nurse used to bring empty vials, brother used to make injections for Rs 25, used to sell for 35 thousand.

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