मध्यप्रदेश

एमपी पुलिस की फिजिकल परीक्षा में रोजगार पंजीयन जरूरी नहीं, हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला, 5000 युवाओं को मिलेगा लाभ

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MP Police Rojgar Panjiyan News: जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने पुलिस की फिजिकल भर्ती (Physical Exam) में रोजगार पंजीयन नंबर की अनिवार्यता को नकार दिया है

MP Police Physical Exam Rojgar Panjiyan News: जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने पुलिस की फिजिकल भर्ती में जीवित रोजगार पंजीयन नंबर की अनिवार्यता को नकारा दिया है। कोर्ट ने कहा है कि रोजगार पंजीयन नियोजन की आवश्यक योग्यता नहीं है और याचिकाकर्ताओं का रोजगार पंजीयन न होने पर भी फिजिकल टेस्ट में शामिल किया जाए। न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ ने पुलिस महानिदेशक, डीजीपी को यह निर्देश दिए हैं। इतना ही नही आवेदक के लिए विशेष परीक्षा कराने आदेश भी कोर्ट ने दिए है।

कुंज बिहारी ने लगाई थी अर्जी

सिवनी निवासी कुंज बिहारी पटले ने हाईकार्ट में एक अर्जी लगाई थी। अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व रामभजन लोधी ने कोर्ट में उनका पक्ष रखा और कोर्ट को बताया कि 6वी बटालियन रांझी, जबलपुर में हुई पुलिस भर्ती की फिजिकल परीक्षा में याचिकाकर्ता को यह कहते हुए परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया गया था कि उसके पास रोजगार कार्यालय का जीवित पंजीयन नहीं है। फिजीकल टेस्ट दो जून से 29 जून, 2022 तक था और इसे 26 जून को सामाप्त कर दिया गया था।

एमपी के 5 हजार युवा हो गए थें बाहर

एमपी पुलिस की भर्ती में रोजगार पंजीयन का नंबर न होने से एमपी के रहने वाले तकरीबन 5000 युवा भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए थे। एमपी के मूल निवासियों के लिए रोजगार नंबर की अनिवार्यता रखी गई थी, जबकि अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं थी।

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