मध्यप्रदेश

एमपी के इन जिलों में रीडिंग लेते ही जारी होगा बिजली का बिल, जानिए आपके जिले का नाम है या नहीं..

एमपी के इन जिलों में रीडिंग लेते ही जारी होगा बिजली का बिल, जानिए आपके जिले का नाम है या नहीं..
x
एमपी के इन जिलों में रीडिंग लेते ही जारी होगा बिजली का बिल, जानिए आपके जिले का नाम है या नहीं! Electricity bill will be issued as soon as reading is taken in these districts of MP, know whether your district is named or not

मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिजली उपभोक्ताओं को सुविधा देने एक नई व्यवस्था लागू कर दी है। इस व्यवस्था के लागू होने से बिजली उपभोक्ताओं को बिजली का बिल जमा करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा। उपभोक्ता बड़े आराम से बिजली का बिल जमा कर सकता है। क्योंकि इसके लिए बिजली विभाग ने एक ऐप विकसित किया है। इस ऐप के माध्यम से जैसे ही मीटर रीडर मीटर की रीडिंग दर्ज करेगा तुरंत बिल जारी होगा और बिजली उपभोक्ता के मोबाइल पर दिखने लगेगा।

हो रही पेपर लेस व्यवस्था

विद्युत वितरण कंपनी का प्रयास है कि अब बिजली के बिल को पेपर लेस कर दिया जाए। इस व्यवस्था को शुरू करने के लिए रतलाम जिले के सभी 15 मुख्यालयों पर प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी एवं वाणिज्य विभाग का मैदानी अमला पूरे जोर-शोर से लगा हुआ है।

जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी बताया है कि मध्य प्रदेश के इंदौर, रतलाम, देवास, शाजापुर, उज्जैन, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, आगर धार, बुरहानपुर, झाबुआ, अलीराजपुर, मंदसौर, नीमच जिला मुख्यालयों में पेपरलेस दिल शुरू करने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है।

बिल में मिलेगी छूट

जानकारी के अनुसार कैशलेस बिल भरने पर उपभोक्ताओं को 5 से लेकर 20 रूपये तक का लाभ मिलेगा। बिजली कम्पनी के इस प्रयास से करीब 14 लाख उपभोक्ताओं को पेपरलेस बिजली सुविधा का लाभ मिलेगा।

साथ ही बताया गया है कि अगर उपभोक्ताओं को अपने कनेक्शन में दर्ज मोबाइल नंबर बदलना है तो उसे इस ऐप के जरिए सरलता से बदला जा सकता है।

पेपरलेस बिल भरने के लिए उपभोक्ताओं को रीडिंग लेते ही बिल जारी होने पर बिल अदा करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।

कई बार पेपर में दर्ज बिल प्राप्त होने में देरी हो जाती है। या फिर प्राप्त नहीं होने की दशा पर भी बिल जमा करने मैं विलंब होता है। लेकिन तुरंत बिल जारी होने पर इन सभी समस्याओं का अंत हो जाएगा।

पेपरलेस व्यवस्था से बिल जारी होने में लगने वाले लाखों रुपए के कागज बचेंगे। हरियाली संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

Next Story