मध्यप्रदेश

एमपी के कर्जदार किसानों पर दोहरी मार, न ऋण माफी मिला, हो गये डिफॉलटर घोषित

government scheme
x
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के किसानों की मुसीबत कम होती नजर नहीं आ रही।

मध्य प्रदेश के किसानों की मुसीबत कम होती नजर नहीं आ रही। मुसीबत के मारे किसानो को अब बैंक एनपीए कर डिफाल्टर घोषित कर चुकी है। उनके राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री हो चुकी। इसके पूर्व कई किसान जो केसीसी बनवा चुके थे वह बैंकों से बराबर लेनदेन कर अपनी साख बचाए हुए थे। लेकिन मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और कमलनाथ की सरकार 2 लाख तक ऋण माफी के वादे के साथ सत्ता पर काबिज हो गई। लेकिन ऋण माफी के नाम पर बात रुकती और फंसती चली गई। इसी बीच सरकार गिरी और भाजपा ने सरकार बना लिया अब ऋण माफी अटक कर रह गई है।

नोटिस जारी कर रहे बैंक

बैंक नोटिस भेजकर कार्यवाही की बात कर रहे हैं। वहीं बैंकों के हाथ में जितना कुछ पावर था उन्होंने कागज में कर दिखाया। सत्ता में आई सरकार अभी कोई बड़ा निर्णय नहीं ले पाई है। किसानों को यह जरूर भरोसा दिया गया है कि ऋण न भर पाने के समय का ब्याज सरकार वहन करेगी। किसान बैंकों का ऋण अदा कर अपनी साख बचा ले।

किसानों की स्थिति खराब

लेकिन अब किसानों की स्थिति वह नहीं रह गई जिसकी आशा अब बैंक कर रहे हैं। एक तो महंगाई की मार दूसरी प्राकृतिक आपदाएं करोना जैसी समस्या जहां सब कुछ प्रभावित हुआ है। किसान बमुश्किल गेहूं और धान की पैदावार ले सके हैं। सब्जी की मुख्य फसलें जो आमदनी दिया करती थी वह कोरोना की भेंट चढ़ गई।

जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के 30366 किसान भाई बैंकों के कर्जदार हैं। इन किसानों पर बैंक कार्रवाई करते हुए उनके खाते को एनपीए का डिफाल्टर घोषित कर दिया है। किसान की स्थिति दिन-ब-दिन सुधरने के बजाय और खराब होती जा रही है।

क्रेडिट कार्ड से मिलता सहारा

किसानों को जब से किसान क्रेडिट कार्ड का सहारा मिल गया तो उनकी माली हालत कुछ हद तक बेहतर होने लगी। एक तो साहूकारों के चंगुल से मुक्ति मिली। वहीं दूसरी ओर समय पर पैसे मिल जाने से खेती में पर्याप्त उत्पादन प्राप्त होने लगा था। लेकिन एक बार यही स्थिति पुनः गड़बड़ होने लगी।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

    Next Story