मध्यप्रदेश

एमपी के दीपेन्द्र तुर्की भूकंप पीड़ितों के बने मददगार, मुफ्त में रहने व खाने के लिए खोल दिये अपने होटल के दरवाजे

Sanjay Patel
10 Feb 2023 9:52 AM GMT
एमपी के दीपेन्द्र तुर्की भूकंप पीड़ितों के बने मददगार, मुफ्त में रहने व खाने के लिए खोल दिये अपने होटल के दरवाजे
x
एमपी के रहने वाले दीपेन्द्र तुर्की भूकंप पीड़ितों के मददगार बन गए हैं। उन्होंने अपने होटल के दरवाजे लोगों के लिए खोल दिए हैं। जहां पीड़ित न केवल सुरक्षित रह सकते हैं बल्कि वह मुफ्त में खाना भी खा रहे हैं।

एमपी के रहने वाले दीपेन्द्र तुर्की भूकंप पीड़ितों के मददगार बन गए हैं। उन्होंने अपने होटल के दरवाजे लोगों के लिए खोल दिए हैं। जहां पीड़ित न केवल सुरक्षित रह सकते हैं बल्कि वह मुफ्त में खाना भी खा रहे हैं। अब तक उनके इस होटल में 40 से ज्यादा लोग शेल्टर लिए हुए हैं। जहां उनके रहने, खाने के साथ ही ठहरने का भी फ्री बंदोबस्त किया गया है। इस दौरान यदि किसी को मेडिकल सपोर्ट की आवश्यकता होती है तो वह भी उनके द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है।

नमस्ते इंडिया के नाम से चलाते हैं होटल

दीपेन्द्र एमपी के बुरहानपुर के रहने वाले हैं। इनके द्वारा तुर्की के कैपेडोकिया शहर में नमस्ते इंडिया नाम से होटल का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही उनके दो रेस्तरां भी हैं। भूकंप पीड़ितों की दीपेन्द्र द्वारा जमकर मदद की जा रही है। उनके द्वारा भूकंप पीड़ितों के लिए खाने, रहने के साथ ही मेडिकल सहित अन्य जरूरतों को मुफ्त में पूरा किया जा रहा है। यहां उल्लेखनीय है कि तुर्की में आए भीषण भूकंप से 21 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। जहां एक साथ कई शवों को दफनाया जा रहा है। इसके साथ ही मलबे में दबे लोगों का रेस्क्यू जारी है। जो लोग जिंदा बच गए हैं वह रहने के साथ ही खाने के लिए भी काफी परेशान हैं। ऐसे में दीपेन्द्र की यह दरियादिली पीड़ितों को काफी राहत प्रदान कर रही है।

दीपेन्द्र ने बुरहानपुर से की स्कूलिंग

एमपी के बुरहानपुर निवासी दीपेन्द्र की स्कूलिंग यहीं से हुई। जिसके बाद महाराष्ट्र के औरंगाबाद से उन्होंने होटल मैनेजमेंट की डिग्री प्राप्त की। दीपेन्द्र की मानें तो वर्ष 2009 में सबसे पहले वह तुर्की के इंस्ताबुल शहर पहुंचे थे। जहां उनके द्वारा स्वाद नाम से एक इंडियन रेस्टोरेंट प्रारंभ किया गया था। किन्तु दो वर्ष बाद यहां के हालत देखकर उन्हें भारत वापस लौटना पड़ा था। वर्ष 2015 में वे दोबारा तुर्की के कैपेडोकिया पहुंचे। जहां उनके द्वारा वर्ष 2016 में नमस्ते इंडिया नाम से भारतीय होटल का संचालन किया गया। इसके साथ ही वे इटेलियन और टर्किश रेस्टोरेंट भी संचालित कर रहे हैं।

सोशल मीडिया के जरिये भेजा संदेश

दीपेन्द्र का कहना है कि पहली बार ऐसी त्रासदी उनके द्वारा देखी गई है। भूकंप से ऊंची-ऊंची इमारतें जमीदोज हो गईं। कई लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं जबकि कई लोग लापता हैं। चारों तरफ यहां चीख पुकार मची हुई है। दीपेन्द्र कहते हैं कि तुर्की में जिस कैपेडोकिया शहर में वह रहते हैं वहां भूकंप से ज्यादा तबाही नहीं हुई है। किंतु यहां से 100 किलोमीटर दूर दूसरे शहरों में बहुमंजिला इमारतें मलबे के ढेर में तब्दील हो गई हैं। उनके द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से तुर्की के लोगों को संदेश भेजा है कि जिनके पास खाने और रहने का ठिकाना नहीं है वह उनकी होटल में आ सकते हैं। यहां रहने और खाने के कोई पैसे नहीं देने होंगे। स्टाफ से भी उन्होंने कह दिया कि मुश्किल से भरे इस दौर में ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद करें।

Next Story