मध्यप्रदेश

शार्टकट से बना करोड़पति, एमपी में अनुकंपा नियुक्ति पाने वाले बाल आरक्षक ने 13 साल में कमाएं 50 करोड़ रूपए से ज्यादा की सम्पत्ति

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नीमच के बाल आरक्षक ने ऐसी अधाधुंध कमाई किया कि 13 साल की नौकरी में वह 50 करोड़ की सम्पत्ति का मालिक बन गया.

नीमच। एमपी के नीमच में बाल आरक्षक से नौकरी की शुरूआत करने वाले पंकज कुमावत ने ऐसी अधाधुंध कमाई किया कि 13 साल की नौकरी में वह 50 करोड़ की सम्पत्ति का मालिक बन गया। उसकी इस शार्टकट की कमाई का जब रहस्य खुला तो पुलिस अधिकारी भी चौक गए और आरक्षक पंकज को बर्खास्त कर दिए। वह अब जेल की सलाखों में अपने कमाई की सजा काट रहा है।

ईमानदार पिता की नौकरी में बेटे की काली कमाई

जानकारी के तहत पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल के पद पदस्थ रहे ईमानदार और ड्यूटी के प्रति सजग और संवदेनशील दयाराम कुमावत की वर्ष 2009 में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। जिसके बाद बेटे पंकज को अनुकंपा नियुक्ति के तहत बाल आरक्षक की नौकरी मिल गई। महज 15 वर्ष की उम्र में पंकज पुलिस विभाग का हिस्सा बन गया। पंकज महज 12वीं तक पढ़ाई किया था, लेकिन करोड़पति बनने का सपना हमेशा देखा करता था।

अफीम कारोबारी से हुआ याराना

पंकज की उम्र बढ़ी तो बाल आरक्षक से कॉन्स्टेबल बन गया। इसी बीच, वह नीमच में जयकुमार उर्फ बाबू सिंधी के संपर्क में आया। बाबू अफीम से निकलने वाले डोडा चूरा का बड़ा तस्कर है। कुछ महीने पहले ही जब बाबू के ठिकानों पर सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स की टीम ने दबिश दी तो पता चला बाबू की संपत्ति 200 करोड़ से भी ज्यादा की है।

जांच में यह पता चला कि अफीम करोबारी बाबू के पुलिस संबधी कामों को पंकज ही देखता था, यानि कि बाबू के माल की आवाजाही और पुलिस केस को रफा-दफा कराने या उसके गुर्गों के खिलाफ कमजोर केस बनाकर उनकी रिहाई जैसे सरकारी काम पंकज बखूबी कर रहा था। जांच के बाद पंकज बाबू का अघोषित पार्टनर माना गया। इस काम में पंकज को जो रकम मिली, उससे वो भी करोड़पति हो गया।

ऐसे ममाला आया सामने

अफीम तस्कर बाबू और पुलिस आरक्षक का तगड़ा याराना तब सामने आया जब वह बाबू सिंधी के स्वागत में नोटो की गड्डियां हवा में उड़ाते हुए कैमरे में कैद हो गया। इसका वीडियों सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो गया। जांच में पाया गया कि पंकज का रसूख भी कम नहीं था। उसके पास आठ गाड़ियां हैं। एक वेयर हाउस सहित तकरीबन 50 करोड़ की सम्पत्ति है।

लगाई थी फैक्ट्री

जानकारी के तहत बाबू ने बरखेड़ा स्थित फार्म हाउस पंकज के नाम कर दिया। यहां डोडा चूरा पीसने की आधुनिक मशीनें लगाई गई थीं। इसी तरह नयागांव बॉर्डर पर राजस्थान सीमा में फैक्टरी डाली थी। वहां भी डोडा चूरा पीसकर गाड़ियों में भर तस्करी की जाती थी।

गई नौकरी पहुचे जेल और जब्त होगी सम्पत्ति

शार्टकट की कमाई करने वाले आरक्षक का नीमच से देवास तबादला हो गया था। लेकिन अफीम तस्कर बाबू की यारी को वह बखूबी निभा रहा था। वही मामला सामने आने पर देवास एसपी शिवदयाल सिंह ने उसे बर्खास्त कर दिया है। आदेश के तहत पंकज कुमावत को अवैध कार्यों में संलिप्त पाए जाने, ड्यूटी से गैर हाजिर रहने के कारण और पिछला ट्रैक रिकॉर्ड देखते हुए बर्खास्त किया जाना सामने आया है।

उल्लेखनीय है कि पंकज कुमावत और उसका आका बाबू िंसंधी डोडा चूरा की अवैध तस्करी के मामले में जावद जेल में बंद है। तो जानकारी यह भी आ रही है कि अब उनकी प्रॉपर्टी जब्त करने की तैयारी की जा रही है।

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