मध्यप्रदेश

देश का सबसे बड़ा ड्रोन: मात्र 6 मिनट में छिड़क देता है एक एकड़ खेत में खाद, जबलपुर के स्टूडेंट ने बनाया

देश का सबसे बड़ा ड्रोन: मात्र 6 मिनट में छिड़क देता है एक एकड़ खेत में खाद, जबलपुर के स्टूडेंट ने बनाया
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फसलों में करेगा स्प्रे, खाद का छिड़काव और करेगा बुवाई में मदद.

जबलपुर। किसानों के खेतों मे फ्लाइंग चक्र भ्रमण करके फसलों में स्प्रे व खाद का छिड़काव और बुबाई भी करेगा। खेती को आधुनिक बनाने एवं किसानों को नई तकनीक की सुविधा देने के लिए जबलपुर में इंजीनियरिंग छात्र ने ऐसा ही एक ड्रोन तैयार किया है और इसका नाम फ्लाइंग चक्र दिया है।

बनाया देश का सबसे बड़ा ड्रोन

ड्रोन को तैयार करने वाले छात्र का कहना है कि वे पिछले 6 साल की कोशिश के बाद इसे अंतिम रूप दे पाए। ड्रोन की क्षमता 30 लीटर है। 20 किलो खुद का वजन है। यू कहें 50 किलो वजन के साथ ये ड्रोन 6 मिनट में एक एकड़ खेत में खाद व कीटनाशक का छिड़काव कर सकता है। दावा किया गया है कि यह देश में बना यह सबसे बड़ा ड्रोन है।

किसानों को देख कर ड्रोन बनाने शुरू किया काम

ड्रोन को तैयार करने वाले अभिनव सिंह और उनके बिजनेस पार्टनर अनुराग चांदना का कहना है कि उन्होने 2015 में इस ड्रोन को बनाने के लिए काम शुरू किया था और 2021 में अब ये खेतों पर उड़ान भर के काम करना शुरू कर दिया है।

अभिनव ने बताया कि उन्होने इंजीनियरिंग इलेक्ट्रॉनिक से पढ़ाई की है। उनका गांव पाटन तहसील में हैं। उनका परिवार खेती करता है। वह अक्सर उन्हें देखा करता था कि वे पीठ पर टंकी टांग कर कीटनाशक स्प्रे करते थे। कई बार धान के पानी से भरे खेत में स्प्रे कमर की गहराई तक जाकर स्प्रे करते थे। वे पेस्टीसाइड के ऊपर से निकलने को मजबूर रहते हैं। तब मैं छोटे ड्रोन बनाता था। किसानों की मदद के लिए ड्रोन किस तरह से उपयोगी हो सकता है, इस पर सोचना शुरू किया। घरवालों ने बताया कि कम से कम 30 लीटर क्षमता का ड्रोन होना चाहिए।

गेहूं की बुआई में भी फिट

छोटे और बड़े किसानों की क्षमता को देखते हुए पांच से 30 लीटर क्षमता के अलग-अलग ड्रोन बनाए हैं। इसकी कीमत पांच से नौ लाख रुपए है। पर सरकार इस पर सब्सिडी प्लान करने जा रही है। इस ड्रोन की मदद से गेहूं की बुआई भी कर सकते हैं। 2020 में बीएचयू के साथ मिलकर ड्रोन से गेहूं की बुआई की थी। इसमें गूगल मैप में जाकर एरिया मार्क करना पड़ता है। गेहूं की लाइन से लाइन की दूरी और बीज की मात्रा ऑटोमेटिक प्लान कर सकते हैं। इसके बाद पूरा काम ड्रोन खुद करेगा।

फसल की पैदावार 25 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी

फ्लाइंग चक्र सच में एक क्रांति है। किसान नौ बार फसल के बीच घातक रसायनों के साथ जाता है। इससे उस पर कैंसर की चपेट में आने का खतरा रहता है। ड्रोन की मदद से वह खुद की जान सुरक्षित रखने के साथ ही ऑटोमेटिक तरीके से खेत में परफेक्ट तरीके से खाद व कीटनाशक का छिड़काव कर सकता है। इससे कीटनाशक व खाद की मात्रा भी कम लगती है। पैदावार 25 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। वहीं पानी की 90 प्रतिशत तक बचत होती है।

Viresh Singh Baghel | रीवा रियासत

Viresh Singh Baghel | रीवा रियासत

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