मध्यप्रदेश

RTI के दायरे में FIR: 48 घंटे के अंदर देनी होगी जानकारी, कोताही करने वाले पुलिस अफसर पर 25 हजार का जुर्माना होगा

Copy of FIR under RTI
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Copy of FIR under RTI

पुलिस थानों में दर्ज 'प्रथम सूचना रिपोर्ट' (FIR) भी अब 'सूचना का अधिकार' (RTI) के दायरे में आ चुकी है. अगर कोई व्यक्ति FIR की प्रति चाहता है तो संबंधित पुलिस अधिकारी उसे 48 घंटे के अंदर उपलब्ध कराएगा. अगर RTI कानून का उल्लंघन होता है तो अधिकारी पर 25 हजार रुपए तक का जुर्माना हो सकता है.

भोपाल. आमतौर पर लोगों को पुलिस थानों में दर्ज 'प्रथम सूचना रिपोर्ट' (FIR) की कॉपी नहीं मिलती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब एमपी पुलिस की एफआइआर भी 'सूचना का अधिकार' (RTI) के दायरे में है.

मप्र राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने निर्देश दिए हैं कि आवेदन किए जाने के 48 घंटे में सभी थानों को इसकी कॉपी उपलब्ध करानी होगी. जानबूझकर जानकारी नहीं देने वाले अधिकारी पर 25 हजार जुर्माना या अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी.

हालांकि आयोग ने संवेदनशील मामले और उस एफआइआर को दायरे से बाहर रखा है, जिससे जांच प्रभावित हो सकती है. राज्य सूचना आयोग ने यह आदेश बालाघाट जिले से संबंधित प्रकरण में दिए हैं.

अपीलकर्ता लीला बघेल ने एफआइआर की जानकारी चाही थी, जिसे जांच प्रभावित होने का हवाला देकर नहीं दिया गया. बाद में पता चला कि मामले में चार्जशीट दायर हो चुकी है. संबंधित थाना प्रभारी को आयोग ने 25 हजार का जुर्माना लगाने कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

केरल हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बनाया आधार

मध्य प्रदेश सूचना आयुक्त ने केरल हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को आधार बनाया है. 2015 में हाईकोर्ट ने एफआइआर की कॉपी 48 घंटे में देने के निर्देश दिए थे. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में 24 घंटे में ऑनलाइन जानकारी के अलावा आरोपी व पीड़ित पक्ष को 48 घंटे में जानकारी देने को कहा था.

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