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दिग्विजय सिंह ने डिप्टी CM राजेन्द्र शुक्ल से इस्तीफा मांगा, आरोप- दवा कंपनियों से BJP को ₹945 करोड़ चंदा मिला

🔹 Highlights
- परासिया में Coldrif Cough Syrup पीने से अब तक 26 बच्चों की मौत।
- सिरप में 48.6% डायथलीन ग्लाइकॉल पाया गया, जबकि सुरक्षित मात्रा सिर्फ 0.1% होती है।
- पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने डिप्टी CM राजेन्द्र शुक्ल से इस्तीफे की मांग की।
- दिग्विजय सिंह का आरोप- BJP ने फार्मा कंपनियों से 945 करोड़ का चंदा लिया।
मध्यप्रदेश में जहरीले Coldrife Cough Syrup पीने से दो दर्जन से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इस मामले में डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल से इस्तीफे की मांग की है।
दिग्विजय सिंह बोले - जहरीली दवा से 26 बच्चों की मौत
भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि 2 सितंबर से अब तक परासिया में Coldrife Cough Syrup से 26 बच्चों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि जिस सिरप से बच्चों की मौत हुई, उसमें Diethylene Glycol (DEG) की मात्रा 48.6% थी, जबकि मानक के अनुसार यह सिर्फ 0.1% तक ही सुरक्षित होती है। दिग्विजय ने इसे सीधा-सीधा “जहर” बताया।
कफ सिरप को क्लीनचिट देने वाले डिप्टी सीएम इस्तीफा दें
पूर्व सीएम ने कहा कि 2 अक्टूबर को स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने इस जहरीले सिरप को क्लीनचिट दे दी थी। उन्होंने कहा, “जब 26 बच्चों की जान चली गई, तब भी जांच रिपोर्ट आने से पहले मंत्री ने इसे सही बताया — क्या ऐसे मंत्री को अपने पद पर बने रहना चाहिए?” उन्होंने कहा कि दिसंबर 2022 में भारत में बनी ऐसी ही DEG संक्रमित दवाओं से उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हुई थी, फिर भी केंद्र और राज्य सरकारों ने कोई सीख नहीं ली।
दवा कंपनियों से BJP ने 945 करोड़ का चंदा लिया – दिग्विजय
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दवा कंपनियों से इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 945 करोड़ रुपए का चंदा लिया है। इनमें 35 ऐसी कंपनियां शामिल थीं जिनकी दवाएं Non Standard Quality पाई गईं। उन्होंने कहा, “भाजपा ने कंपनियों से चंदा लिया और बदले में उन्हें जनता की सेहत से खेलने की छूट दे दी।”
“कफ सिरप में सीधा जहर मिलाया गया”
कांग्रेस नेता ने कहा कि Coldrife Cough Syrup में DEG की मात्रा 486 गुना अधिक थी, जो मानव शरीर के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि “मानव जीवन से खिलवाड़ और घोर भ्रष्टाचार” का उदाहरण है। उन्होंने आरोप लगाया कि दवा खुले बाजार में प्राइवेट डॉक्टरों के पर्चों से बिकती रही, और सरकार ने जानबूझकर आंख मूंद ली।
स्वास्थ्य समिति और प्रशासन पर गंभीर सवाल
दिग्विजय सिंह ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य समिति जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री और सह-अध्यक्ष स्वास्थ्य मंत्री हैं, उन्होंने इस मुद्दे पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने पूछा कि जन औषधि केंद्रों और निजी बाजारों में बिकने वाली दवाओं पर गुणवत्ता नियंत्रण क्यों नहीं किया गया? उन्होंने कहा कि Central Drugs Standard Control Organization (CDSCO) ने सिर्फ 9% फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया और उनमें से 36% फेल पाई गईं — फिर भी सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की?
केंद्र सरकार से भी कई सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से पूछा कि उज्बेकिस्तान और गाम्बिया जैसे हादसों के बाद भी भारत से जहरीली दवाओं की बिक्री क्यों जारी रही? उन्होंने कहा कि जन विश्वास अधिनियम 2023 के तहत खराब दवाओं पर जेल की सजा हटाकर सिर्फ ₹5 लाख का जुर्माना कर देना फार्मा कंपनियों को खुली छूट देने जैसा है।
मुख्य सचिव और CAG रिपोर्ट पर सवाल
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुख्य सचिव जो राज्य स्वास्थ्य समिति की गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष हैं, उन्होंने API Testing और GMP Check को पूरी तरह नजरअंदाज किया। उन्होंने याद दिलाया कि CAG रिपोर्ट 2023 में मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉर्पोरेशन पर देरी और अतिरिक्त खर्च का आरोप लगा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
तथ्य और सबूतों के साथ पेश किए सवाल
कांग्रेस सांसद ने कहा कि उनके आरोप सिर्फ राजनीतिक नहीं हैं, बल्कि Tamil Nadu Drugs Control Department Report (3 Oct 2025), CDSCO Circular (4 Oct 2025) और Nagpur Medical College Autopsy Reports जैसे दस्तावेजों से साबित होता है कि Coldrife Syrup के मामले में कमीशनखोरी के कारण जहरीली दवा बाजार में चलती रही। उन्होंने कहा कि यह घटना भारत की दवा नियामक प्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
जनता में आक्रोश और पारदर्शिता की मांग
इस घटना के बाद आम जनता में गुस्सा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि दवा सुरक्षा (Drug Safety) जैसे संवेदनशील क्षेत्र में इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो सकती है। सोशल मीडिया पर “#JusticeForMPKids” और “#ToxicSyrupTruth” जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। जनता अब सरकार से जवाब चाहती है — और पारदर्शी जांच की मांग कर रही है।
FAQs: MP Coldrife Cough Syrup Death Case
Q1. Coldrife Cough Syrup से कितनी मौतें हुई हैं?
अब तक 26 बच्चों की मौत की पुष्टि की गई है, जो परासिया (मध्यप्रदेश) में रिपोर्ट हुईं।
Q2. सिरप में कौन-सा जहरीला तत्व मिला?
सिरप में Diethylene Glycol (DEG) पाया गया, जो 0.1% की जगह 48.6% तक था।
Q3. दिग्विजय सिंह ने किससे इस्तीफे की मांग की?
उन्होंने डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल से इस्तीफे की मांग की।
Q4. कांग्रेस का क्या आरोप है?
कांग्रेस का आरोप है कि BJP ने फार्मा कंपनियों से ₹945 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड डोनेशन लिया और दवा क्वालिटी पर ढिलाई बरती।
Rewa Riyasat News
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