मध्यप्रदेश

MP Metro Project: सीएम शिवराज ने मेट्रो मॉडल कोच का किया अनावरण, सितम्बर में होगा ट्रायल रन

Sanjay Patel
26 Aug 2023 9:24 AM GMT
MP Metro Project: सीएम शिवराज ने मेट्रो मॉडल कोच का किया अनावरण, सितम्बर में होगा ट्रायल रन
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MP News: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क में मेट्रो के मॉडल कोच का अनावरण किया। शनिवार को अनावरण करते हुए उन्होंने कहा कि अब इस वातानुकूलित मॉडल कोच को बच्चों व जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क में मेट्रो के मॉडल कोच का अनावरण किया। शनिवार को अनावरण करते हुए उन्होंने कहा कि अब इस वातानुकूलित मॉडल कोच को बच्चों व जनता के लिए खोल दिया जाएगा। जिससे शहरी विकास के इस महत्वपूर्ण घटक से आमजन भी परिचित हो सकें। 5 करोड़ की लागत वाले इस कोच का अनुभव जनता भी ले सकेगी।

अप्रैल-मई में चलने लगेगी मेट्रो ट्रेन

भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क में मेट्रो के मॉडल कोच का अनावरण करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि जनता इससे परिचित हो सके इसलिए इसको खोल दिया जाएगा। कोच का इंटीरियर उसी तरह है जैसा मेट्रो ट्रेन में रहेगा। सीएम ने कहा कि सितम्बर माह में इसका ट्रायल रन शुरू हो जाएगा। अप्रैल-मई में मेट्रो ट्रेन विधिवत रूप से चलने लगेगी। मेट्रो मॉडल की लंबाई लगभग 22 मीटर है जबकि इसकी चौड़ाई लगभग 2.9 मीटर है। इसमें चार ऑटोमैटिक गेट भी हैं। सीएम के अनावरण किए जाने के बाद इस वातानुकूलित मॉडल कोच को बच्चों व जनता के लिए खोल दिया जाएगा। जिससे वह शहरी विकास के इस महत्वपूर्ण घटक से परिचित हो सकें।

लगभग पूरी हो गईं ट्रायल रन की तैयारियां

सितम्बर महीने के मध्य में मेट्रो ट्रेनों का ट्रायल रन होगा। भोपाल और इंदौर में मेट्रो ट्रेन के ट्रायल रन की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। मेट्रो परियोजना के अंतर्गत भोपाल-इंदौर में ओरेंज लाइन तथा ब्लू लाइन का निर्माण किया जा रहा है। भोपाल मेट्रो की लागत 7000 करोड़ है। जबकि इसकी लंबाई 31 किलोमीटर है। वहीं इंदौर मेट्रो की लागत 7500 करोड़ और इस लाइन की लंबाई भी 31 किलोमीटर ही है। भोपाल-इंदौर मेट्रो परियोजना का कार्य दिसम्बर 2026 तक पूरा होने का दावा किया जा रहा है।

भोपाल व इंदौर मेट्रो की यह हैं विशेषताएं

भोपाल और इंदौर मेट्रो सायबर अटैक व हैकिंग से सुरक्षित रहेगी। इनमें ऑटोमैटिक डोर, स्टार्ट-स्टॉप और इमरजेंसी हैंडलिंग व यात्रियों के सुरक्षा के लिए ऑटोमैटिक ऑब्सटेकल व डिरेलमेंट डिटेक्शन रहेगा। कोच में 50 यात्रियों के बैठने और 300 लोगों के खड़े होने की क्षमता रहेगी। हर दो मिनट में आने-जाने की फ्रीक्वेंसी, ब्रेक के साथ ऊर्जा री-जनरेशन तकनीक से ऊर्जा की बचत होगी। मेट्रो में ऑटोमैटिक व स्मार्ट प्रकाश नियंत्रण व्यवस्था, ऑटोमैटिक ऑब्जेक्ट आइडेंटिफिकेशन (कैमरे करेंगे चेहरों की पहचान), कोच में सीसीटीवी लगे होंगे जो एआई तकनीक से संचालित होंगे। इसके साथ ही कोच में जर्म्स कंट्रोल और एयर-फिल्ट्रेशन की तकनीक होगी जिससे हमेशा स्वच्छ वायु रहेगी। वहीं कोच मेंटीनेंस की 15 साल की सेवा गारंटी, दिव्यांगों के लिए विशेष व्हील चेयर्स व उनके अनुकूल बैठने का स्थान नियत रहेगा।

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