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CM KAMALNATH ने तैयार किया ये फॉर्मूला 'अब ऐसे बचेगी कांग्रेस की सरकार' : MP NEWS
भोपाल/ मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार पर अभी खतरा बरकरार है। सियासी उथलपुथल के बीच सरकार के बचाने के लिए कांग्रेस ने नया फॉर्मूला तैयार किया है, जिसके तहत कैबिनेट का विस्तार किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अऩुसार सरकार कैबिनेट का विस्तार बजट सत्र के बाद करना चाहती है लेकिन असंतुष्ट और निर्दलीय विधायक पहले चाहते हैं।
मध्यप्रदेश में बजट सत्र की शुरुआत 16 मार्च से हो रही है और यह सरकार के लिए किसी लिटमस टेस्ट से कम नहीं है। वहीं, राज्यसभा की तीन सीटों के लिए वोटिंग 26 मार्च को होनी है। सरकार विधायकों को मंत्री बनाने का आश्वासन देकर, चुनाव को सुचारू रूप से संपन्न करवाना चाहती है ताकि हॉर्स ट्रेडिंग की गुंजाइश कम रह जाए। सरकार ने इसके लिए फॉर्मूला तैयार कर लिया है।
राजनीतिक नियुक्तियां भी होंगी वहीं, कैबिनेट विस्तार के साथ ही कमलनाथ की सरकार प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियां भी करेगी, जिसमें बोर्ड और कॉर्पोशन के अध्यक्ष भी होंगे। अभी मध्यप्रदेश में सीएम को छोड़कर कैबिनेट में 28 मंत्री हैं और छह लोग शामिल हो सकते हैं। अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार पांच मंत्री वर्तमान कैबिनेट से इस्तीफा दे सकते हैं ताकि नए और लोगों को एडजस्ट किया जा सके। वहीं, शुक्रवार को कैबिनेट की मीटिंग में कई मंत्रियों ने इस्तीफे की पेशकश की थी।
सूत्रों के अनुसार जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार दिग्विजय सिंह और कमलनाथ खेमे के मंत्री इस्तीफा दे सकते हैं। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के लोगों को इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा जा सकता है। इसके साथ ही सरकार ने अगले कुछ दिनों तक सभी मंत्रियों को भोपाल में ही रहने को कहा है। मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीट हैं, जिसमें दो अभी खाली हैं। अभी 114 विधायक कांग्रेस के, 2 बीएसपी, 4 निर्दलीय और 1 सपा विधायक का समर्थन सरकार को हासिल है।
एक निर्दलीय सरकार में मंत्री निर्दलीय विधायक केदार डावर, प्रदीप जायसवाल, राणा विक्रम सिंह और सुरेंद्र सिंह शेरा सरकार के साथ हैं। प्रदीप जायसवाल पहले से ही सरकार में मंत्री हैं। वहीं, गायब निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा भोपाल लौट आए हैं और उन्होंने भी मंत्री पद के लिए दावेदारी पेश की है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि मैं कमलनाथ के साथ हूं।
इसके साथ ही बसपा के विधायक संजीव सिंह और रामबाई, जबकि सपा के राजेश शुक्ला सरकार के समर्थन में हैं। कहा जा रहा है कि रामबाई बीजेपी के संपर्क में भी हैं। हाल ही में कांग्रेस के मंत्री उन्हें गुरुग्राम के होटल से भोपाल लेकर आए हैं। गुरुवार को उन्होंने मीडिया से कहा कि उन्हें विश्वास है कि जब भी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, कमलनाथ उन पर विचार करेंगे।
ये है फॉर्मूला सूत्रों के हवाले से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार का फॉर्मूला तैयार कर लिया है। बसपा के दो विधायकों में से एक को मंत्री पद मिल सकता है, जबकि दूसरे को बोर्ड या निगम में एडजस्ट किया जा सकता है। इसी तरह दो निर्दलीय विधायकों को राज्य मंत्री और एक को बोर्ड या निगम में जगह मिल सकती है। मंत्रियों की वेटिंग सूची में कांग्रेस विधायकों की भी लंबी लिस्ट है। ऐसे में किन्हें नए मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी और किन्हें ड्रॉप किया जाएगा। इस पर विस्तार तक सस्पेंस बरकरार रहेगा।
ये है उम्मीद मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना इसलिए भी बढ़ गई है कि सियासी उथल पुथल के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि जल्द ही विस्तार होगा। इसके साथ ही कांग्रेस के कई और नेताओं ने भी इसे दोहराया था।