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Chinnor Rice in MP: चिन्नौर धान को मिला जीआई टैग, मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान, स्वाद और सुगंध में है नंबर वन

Chinnor Rice
बालाघाट। वैसे तो मध्यप्रदेश (Chinnor Rice in MP) को कृषि के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल है। लेकिन हाल के दिनों में बालाघाट (Balagaht Chinnor Rice) के चिन्नौर धान को जीआई टैग मिल गया है। बुधवार को जी आई टैग की घोषणा के बाद बालाघाट में खुशी की लहर है। टैग के लिए महाराष्ट्र ने भी अपना दावा प्रस्तुत किया था लेकिन परिषद ने मध्य प्रदेश के चिन्नौर धान को जीआई टैग की अनुमति दी। अब बालाघाट का यह चिन्नौर धान मध्य प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाएगा।
अनूठा है चिन्नौर का स्वाद
बालाघाट में उगाया जाने वाला यह चिन्नौर धान अपने आप में लाजवाब है। चिन्नौर के चावल की खासियत है कि वह जितना खुशबूदार है उतना ही ज्यादा स्वाद में भी लाजवाब है। कहा तो यहां तक जाता है चिन्नौर के चावल को एक बार खाने के बाद उसके स्वाद को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
विश्व में दिलाएगा पहचान
जी आई टैग मिलने के बाद कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि अब चिन्नौर चावल मध्य प्रदेश को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाएगा। चिन्नौर धान का उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिक ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने में लगे हुए हैं। वहीं प्रदेश सरकार ने किसानों को भरपूर सहयोग देने का वायदा किया है।
2019 में किया गया था आवेदन
चिन्नौर धान को जीआई टेक के लिए वर्ष 2019 में कृषि विभाग बालाघाट ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद हैदराबाद में अपना दावा प्रस्तुत किया था। जिसे बुधवार को टैग मिलने की घोषणा की गई। ऐसे में कृषि विभाग बालाघाट ने प्रसन्नता जाहिर की है।
क्या है जी आई टैग
जियोग्राफिकल इंडिकेशंस टैग( जी आई टैग ) एक प्रकार का लेबल होता है जो काफी परीक्षणों के बाद एक खास उत्पाद को उसकी रजिस्टर्ड पहचान देता है। यह टैग किसी खास फसल, प्राकृतिक या मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट को दिया जाता है। दस वर्ष बाद दस टैग का नवीनीकरण कराना पड़ता है।




