मध्यप्रदेश

MP में ट्रैफिक नियम तोड़े तो सीधे कोर्ट पहुंचेगा चालान, देना पड़ेगा दोगुने से अधिक जुर्माना; हेलमेट न होने पर फाइन बढ़ाई गई

MP में ट्रैफिक नियम तोड़े तो सीधे कोर्ट पहुंचेगा चालान, देना पड़ेगा दोगुने से अधिक जुर्माना; हेलमेट न होने पर फाइन बढ़ाई गई
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मध्यप्रदेश की सड़कों में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना अब ज्यादा मंहगा पड़ सकता है। 

मध्यप्रदेश की सड़कों में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना अब ज्यादा मंहगा पड़ सकता है। हेलमेट न पहनने पर चालान की राशि 300 से बढ़ाकर 1 हजार रुपए कर दी गई है।

मध्य प्रदेश की सड़कों पर ट्रैफिक नियमों (Traffic Rules in MP) को लेकर अब वाहन चालकों को ज्यादा सतर्क रहना पड़ेगा. जरा सी चूक आपको महंगी पड़ सकती है. ट्रैफिक पुलिस स्मार्ट सिटी के ITMS (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) के चालान को वर्चुअल कोर्ट (Virtual Court) से जोड़ने की तैयारी में है. इससे जुड़ते ही कोर्ट पहुंचने वाले वाहन चालकों को सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट (Central Motor Vehicle Act) के तहत जुर्माना देना होगा. यानी, हेलमेट न होने पर राज्य सरकार के नियम के तहत 300 रुपए की जुर्माना राशि बढ़कर 1,000 रुपए तक हो सकती है.

इतना ही नहीं, चालान घर पहुंचने के बाद यदि जुर्माना नहीं भरा तो कोर्ट से समन और वारंट तक घर पहुंच जाएगा. भोपाल की 29 लोकेशन पर आईटीएमएस के कैमरे लगे हैं. इनसे रेड लाइट जंप, तीन सवारी, बिना हेलमेट, हाईस्पीड, रॉन्ग साइड ड्राइव करने वाले वाहन चालकों के चालान बनाए जाते हैं.

मोबाइल और घर के पते पर भेजे जाएंगे चालान

ऑनलाइन बनने वाले ये चालान वाहन मालिक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और पते पर भेजे जाते हैं. पुलिस अफसरों का मानना है कि आईटीएमएस के चालानों में महज 25 प्रतिशत लोग ही जुर्माना भरते हैं. लगातार रिमाइंडर भेजने के बाद भी ये जुर्माना नहीं भरते . वर्चुअल कोर्ट से लिंक होने के ब बाद लोगों को जुर्माना भरना ही पड़ेगा.

इसलिए कोर्ट भेजने की तैयारी

आईटीएमएस के कैमरों से रोजाना औसतन 500 चालान बनाए जाते हैं. इनमें से 125 लोग ही ऑनलाइन या मैनुअल जुर्माना भर रहे हैं. पिछले साल से ही पुलिस ने चालान को नेशनल लोक अदालत से जोड़ा है. इसमें लोक अदालत से नोटिस भेजे जाते हैं. इसके बाद लोग कोर्ट में जुर्माना भरने पहुंचते हैं. लेकिन यहाँ भी नोटिस पर महज 15 प्रतिशत लोग ही जुर्माना भरने पहुंचते हैं. इसीलिए चालान को वर्चुअल कोर्ट से जोड़ने की प्लानिंग की गई. अभी भोपाल में एक वर्चुअल कोर्ट है.

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