मध्यप्रदेश

MP में BJP का गुजरात फार्मूला: ऐसा हुआ तो CM का चेहरा बदलेगा, विस अध्यक्ष समेत विंध्य और राज्य के कई नेताओं की टिकट कटेगी

MP में BJP का गुजरात फार्मूला
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MP में BJP का गुजरात फार्मूला

MP में BJP का गुजरात फार्मूला: गुजरात में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि मध्यप्रदेश में भी गुजरात का इतिहास दोहराया जाएगा.

MP में BJP का गुजरात फार्मूला: गुरुवार 8 दिसंबर को दो राज्यों के विधानसभा परिणामों में गुजरात में भाजपा की ऐतिहासिक जीत हुई है जबकि भाजपा के हाथ से हिमाचल फिसल गया है. गुजरात में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जो बात कही है, उसने बड़े-बड़े नेताओं की नींद उड़ा दी है.

दरअसल, मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुजरात में भाजपा की जीत का जश्न मनाते हुए कहा कि 'एमपी में भी गुजरात का इतिहास दोहराया जाएगा'. नरोत्तम मिश्रा के बयान में सिर्फ इतिहास दोहराने वाली बात नहीं है. अगर इसे ठीक से समझा जाए तो गुजरात का इतिहास एमपी में दोहराने के लिए एमपी में भी गुजरात जैसा फॉर्मूला लागू करना होगा. बस यही वजह है कि गृहमंत्री का यह बयान कुछ नेताओं की नींद उड़ाने के लिए काफी है. पहले जानते हैं गृहमंत्री के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया, फिर जानेगे कि गुजरात फॉर्मूला लागू हुआ तो किस-किस नेता पर इसका असर पड़ सकता है.

एमपी में गुजरात फॉर्मूला को लेकर कांग्रेस ने क्या कहा...

कांग्रेस ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान पर तंज कसा है. कांग्रेस मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने कहा, गुजरात में भाजपा ने जो फॉर्मुला अपनाया है, उस फॉर्मुले को मप्र में लागू करते हैं तो मप्र में भी मुख्यमंत्री का चेहरा बदलेगा. कई टिकट काटे जाएंगे. कई नामी नेताओं के टिकट काट दिए जाएंगे. ऐसी स्थिति मप्र में निर्मित हो सकती है. भाजपा परफॉरमेंस के नाम पर घर बिठाने का काम करती है. जैसे उमा भारती, प्रभात झा को घर बिठाया. भाजपा का डंका दिल्ली से चलता है. गुजरात जैसा फॉर्मुला मप्र में लागू हुआ तो यहां स्थिति देखने लायक होगी.

पॉइंट्स में समझिये क्या है भाजपा का गुजरात फॉर्मूला

  • अगर भाजपा के गुजरात फॉर्मूला को समझें तो कांग्रेस का तंज सही ही लग रहा है. क्योंकि गुजरात में चुनाव के साल भर पहले सीएम और उनका पूरा मंत्रिमंडल बदल डाला गया. 5 साल 37 दिन सीएम रहे विजय रूपाणी को हटाकर भूपेंद्र पटेल को सीएम बना दिया गया, साथ ही पूरा मंत्रिमंडल बदल दिया गया. इस बदलाव से एंटी-इनकम्बेंसी चुनाव से पहले भाजपा के पक्ष में बदल गई.
  • 2017 में भाजपा ने कुल 99 सीटें जीती थी. 2022 चुनाव के लिए 40% मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए गए.
  • रूपाणी के साथ डिप्टी सीएम रहे नितिन पटेल, प्रदीप जाडेजा, भूपेंद्र सिंह चूडावत और सौरभ पटेल समेत कई उम्रदराज दिग्गजों को घर बैठाया.
  • या तो पूर्व विधायकों के परिवार के जिताऊ व्यक्ति को टिकट दिया या फिर किसी आम भाजपा कार्यकर्ता को टिकट थमा दिया गया, जिस पर भी भाजपा को सफलता मिली है. गुजरात में 22 ऐसे परिवारों को टिकट मिला है, जो पूर्व विधायक के परिवार के सदस्य हैं.
  • पाटीदार और ओबीसी समीकरणों का पूरा ध्यान रखा और नए चेहरे उतारे. अजा-अजजा की रिजर्व सीट के अलावा कुल 40 पाटीदार, 48 ओबीसी, 30 (ब्राह्मण-क्षत्रिय) को टिकट दिया.

मध्यप्रदेश के उम्रदराज नेता, गुजरात फार्मूला के चलते हैं कट सकती है टिकट

गिरीश गौतम, विधानसभा अध्यक्ष, उम्र - 69 वर्ष

एमपी में ऐसे कई उम्रदराज नेता हैं जो विधानसभा में जीतकर तो पहुंचे हैं, लेकिन खुद व अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं. इस लिस्ट में सबसे ऊपर मध्यप्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का नाम आता है. गौतम देवतालाब विधानसभा से 2018 में विधायक चुने गए. अभी 69 वर्ष के हैं, 2023 चुनाव के पहले मार्च में 70 के हो जाएंगे. यदि उम्र का क्राइटेरिया टिकट वितरण में लागू हुआ तो विस अध्यक्ष को मैदान छोड़ना होगा. विस अध्यक्ष के अलावा भी कई ऐसे नेता हैं जिन पर टिकट कटने की तलवार लटक रही है, कई नेता तो विंध्य से भी हैं. चलिए अब उनके बारे में जानते हैं.

पहले जानिए इन मंत्रियों के बारे में

बिसाहूलाल सिंह, मंत्री (उम्र-73 साल 2 माह )

विंध्य क्षेत्र में कांग्रेस के कद्दावर आदिवासी नेता रहे बिसाहू लाल सिंह ने मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. अनूपपुर से छह बार के विधायक बिसाहूलाल को दल बदल के बाद शिवराज कैबिनेट में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बनाया गया है. बिसाहू लाल के छह बेटे हैं. ये अनूपपुर की राजनीति में सक्रिय हैं.

गोपाल भार्गव, मंत्री (उम्र-70 साल नौ माह)

बीजेपी के मंत्रियों में सबसे ज्यादा बार यानि आठ बार के विधायक गोपाल भार्गव 70 साल के पार हो चुके हैं. सागर जिले की रहली विधानसभा से लगातार आठ बार जीतने वाले गोपाल भार्गव की अपने क्षेत्र में गहरी पैठ है. गुजरात के फॉर्मुले में यदि उम्र के क्राइटेरिया में गोपाल को बाहर किया जाता है तो बीजेपी के लिए रहली सीट को जीतना मुश्किल होगी. हालांकि रहली विधानसभा में लंबे समय से पिता की जमीनी पकड़ को मजबूत करने में जुटे उनके बेटे अभिषेक भार्गव टिकट के मुख्य दावेदार होंगे.

यशोधरा राजे, मंत्री (उम्र-69 साल)

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ और बीजेपी की संस्थापक सदस्य रहीं राजमाता विजयाराजे सिंधिया की बेटी यशोधरा राजे चार बार की विधायक हैं. इससे पहले वे दो बार सांसद भी रह चुकीं हैं. 69 साल की यशोधरा वर्तमान में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री हैं. गुजरात फॉर्मुले में उनके टिकट पर खतरा हो सकता है.

मध्यप्रदेश के सीनियर विधायक जो हैं उम्रदराज

नागेंद्र सिंह, विधायक-गुढ़, रीवा (उम्र- 81 साल)

रीवा जिले के गुढ़ विधानसभा से वर्तमान एमएलए नागेंद्र सिंह राज्य के सबसे अधिक उम्रदराज विधायक हैं. बीजेपी विधायकज सिंह 4 बार के विधायक हैं. उम्र के चलते उन्होंने खुद अगला चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया. लेकिन उनकी एक शर्त है. 2023 चुनाव के लिए गुढ़ विधानसभा चुनाव की टिकट उनके परिवार में ही रहे. नागेंद्र सिंह के भतीजे प्रणव प्रताप सिंह गुढ़ क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय हैं.

नागेंद्र सिंह, विधायक-नागौद, सतना (उम्र- 80 साल)

सतना जिले की नागौद से 5 बार के विधायक नागेन्द्र सिंह विंध्य के कद्दावर क्षत्रिय नेता हैं. खजुराहो से सांसद रह चुके नागेन्द्र सिंह इस बार चुनाव लड़ने से खुद ही इनकार कर चुके हैं.

गोपीलाल जाटव, गुना (उम्र-75 साल)

गुना से छह बार के विधायक गोपीलाल जाटव 1969 से सक्रिय राजनीति में आए थे. वे 1974 में जनसंघ के टिकट पर पार्षद चुने गए थे. उमा भारती की कैबिनेट में उन्हें अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में राज्यमंत्री बनाया गया था. 75 साल के गोपीलाल को ऐज फैक्टर के कारण टिकट के क्राइटेरिया से बाहर किया जा सकता है. उनका बेटा पिता की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए क्षेत्र में सक्रिय है.

श्यामलाल द्विवेदी, त्योंथर, रीवा, (उम्र-74 साल)

रीवा जिले की त्योंथर से पहली बार विधायक बने श्याम लाल द्विवेदी भी गुजरात फॉर्मुले के चलते टिकट के क्राइटेरिया में बाहर हो सकते हैं.

पारस जैन, उज्जैन उत्तर, (उम्र-73 साल 3 माह)

उज्जैन उत्तर से छह बार के विधायक पारस जैन की उम्र 73 साल पार हो चुकी है. गुजरात में अपनाए गए फॉर्मुले में कई उम्र दराज नेताओं के टिकट काटकर नए कार्यकर्ताओं को उतारा गया. गुजरात के फॉर्मुले में उम्र का क्राइटेरिया लागू हुआ तो पारस जैन रेस से बाहर हो सकते हैं.

इनकी उम्र भी टिकट में बन सकती है बाधा

  • सीताशरण शर्मा, होशंगाबाद 73 साल -
  • अजय विश्नोई, पाटन 71 साल तीन माह
  • गौरीशंकर बिसेन, बालाघाट 71 साल एक माह
  • रामलल्लू वैश्य, सिंगरौली 72 साल 6 माह
  • जयसिंह मरावी, जयसिंह नगर 71 साल 9 महीने
  • महेंद्र सिंह हार्डिया, इंदौर-5 71 साल एक माह
  • गिरीश गौतम, विस. अध्यक्ष 70 साल 6 माह
  • देवीलाल धाकड़, गरोठ 70 साल 9 माह
  • केदारनाथ शुक्ल, सीधी, 68 साल
  • रामपाल सिंह, सिलवानी 67 साल
  • करण सिंह वर्मा, इच्छावर 66 साल

हम भी मध्यप्रदेश में तैयारी में जुट गए हैं : CM शिवराज

गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद मप्र में भी राजनैतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. गुरुवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी ऑफिस पहुंचकर कार्यकर्ताओं को बधाई दी. इसके बाद सीएम ने कहा गुजरात में अभूतपूर्व विजय मिली है. कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. सीएम ने कहा ये विकास की आंधी है. इसमें कांग्रेस और अन्य पार्टियां हवा में उड़ गई. कांग्रेस तो 20 से नीचे सिमट गई. सीएम ने कहा- अब हम भी मध्यप्रदेश में तैयारी में जुट गए हैं.

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