मध्यप्रदेश

Bhopal: दूसरे वर्ष का कोर्स नहीं हुआ तैयार, कैसे होगी पढ़ाई

MP Board News
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उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) अब तक प्रथम वर्ष (First Year) की न तो परीक्षा ही करा पाया है और न ही किताबें ही उपलब्ध करा पाया है।

भोपाल (Bhopal): राष्ट्रीय शिक्षा नीति (Rashtriya Shiksha Niti) वर्ष 2021-22 के प्रथम वर्ष में लागू किया गया था। अब दूसरे वर्ष में भी इसे लागू करना है। लेकिन विडंबना तो यह है कि सत्र शुरू होने में केवल दो माह का शेष बचा है और हायर एजुकेशन (Higher Education) अभी तक दूसरे वर्ष का कोर्स ही तैयार नहीं कर पा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) अब तक प्रथम वर्ष (First Year) की न तो परीक्षा ही करा पाया है और न ही किताबें ही उपलब्ध करा पाया है। अब प्रथम वर्ष के विद्यार्थी बिना किताब के ही मई के अंतिम सप्ताह या जून में परीक्षा देंगे।

गौरतलब है कि हायर एजुकेशन (Higher Education) अभी प्रथम वर्ष के लिए 75 प्रतिशत किताबें व कोर्स ही तैयार कर सका है। जबकि नई शिक्षा नीति के तहत विभाग को तीनों सत्रों का सिलेबस तैयार कर लेना चाहिए था। समय रहते कोर्स पूरा न हो पाने की स्थिति में विद्यार्थियों को समय रहते कोर्स पढ़ने को नहीं मिलेगा। विभाग अभी तक दूसरे वर्ष का पूरा सिलेबस तैयार नहीं कर सका है। प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले 4 लाख 90 हजार विद्यार्थियों की परीक्षाएं कुछ विवि ने तो प्रारंभ कर दी है, कुछ विवि में प्रारंभ होने वाली है। सभी विवि जून के अंतिम सप्ताह में विद्यार्थियों के रिजल्ट जारी कर देंगे। इसके बाद जुलाई से विद्यार्थियों काके नियमित कक्षाएं शुरू हो जाएगी। अब कॉलेजों की सभी परीक्षाएं ऑफलाइन मोड में आयोजित की जा रही है। ऐसे में विभाग को सिलेबस के साथ किताबें तक विद्यार्थियों को मुहैया करानी होगी। हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोर्स तैयार कर लिया गया है। राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए फाइल भेजी गई है।

नहीं हो रही पढ़ाई

जुलाई से सत्र 2022-23 शुरू हो जाएगा। दो माह में विभाग को सिलेबस तैयार करने के बाद उनकी किताबें तैयार करा कर विद्यार्थियों में आवंटित करनी है। ऐसा बताया गया है कि विभाग अभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) को समझ रहा है। जिसके कारण सिलेबस तैयार होने में दो माह से ज्यादा का समय बीत जाएगा। ऐसे में सत्र प्रारंभ होने तक किताबों का प्रकाशन होना मुश्किल माना जा रहा है।

वर्जन

पिछले वर्ष यूजी प्रथम वर्ष में विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया तो विषय चयन में गड़बड़ियां सामने आई। इस बार पहले से ही प्रवेश प्रक्रिया की गाइडलाइन जारी कर दी गई है। कॉलेज चलो अभियान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को समझाया जा रहा है।

-धीरेन्द्र शुक्ला कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी उच्च शिक्षा विभाग भोपाल

Ankit Pandey | रीवा रियासत

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