मध्यप्रदेश

एमपी की इस विधानसभा में हर बार बदल जाता है विधायक का चेहरा, एक बार जीत चुके प्रत्याशी को दोबारा नहीं मिला मौका

Sanjay Patel
18 Sep 2023 7:07 AM GMT
एमपी की इस विधानसभा में हर बार बदल जाता है विधायक का चेहरा, एक बार जीत चुके प्रत्याशी को दोबारा नहीं मिला मौका
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MP News: मध्यप्रदेश के उज्जैन जिला अंतर्गत एक ऐसी विधानसभा है जहां हर बाद विधायक का चेहरा बदल जाता है। यहां जीते हुए प्रत्याशी को दोबारा सेवा करने का अवसर जनता नहीं देती।

मध्यप्रदेश के उज्जैन जिला अंतर्गत एक ऐसी विधानसभा है जहां हर बाद विधायक का चेहरा बदल जाता है। यहां जीते हुए प्रत्याशी को दोबारा सेवा करने का अवसर जनता नहीं देती। तराना विधानसभा सीट के मतदाताओं का मिजाज कुछ अलग है। इस विधानसभा के 33 वर्षों के इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो यहां से कुल दो बार कांग्रेस और पांच बार भाजपा विजयी हुई है। क्षेत्र के मतदाताओं ने जिस भी विजयी हुए प्रत्याशी को एक बार अपना जनप्रतिनिधि चुना उसको फिर अगली बार अपनी सेवा का मौका कभी नहीं दिया।

जीत चुके प्रत्याशी को दोबारा नहीं चुनती जनता

एमपी उज्जैन जिले की तराना विधानसभा सीट के मतदाता चुनाव में एक बार जीत चुके प्रत्याशी को दोबारा सेवा का अवसर नहीं दिया। वर्ष 1993 में भाजपा के माधव प्रसाद शास्त्री इस विधानसभा से विधायक रह चुके हैं किंतु जब पार्टी ने उन्हें वर्ष 1998 में दूसरी बार प्रत्याशी बनाया तो उनको पराजय का सामना करना पड़ा। वर्ष 1998 में तराना से विधायक रहे कांग्रेस के विधायक बाबूलाल मालवीय के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। इन्होंने विधायक रहने के बाद 2003 और 2008 में विधानसभा से पुनः चुनाव लड़ा था किंतु क्षेत्र के मतदाताओं ने इन्हें नकार दिया। इनकी बजाय दोनों ही बार भाजपा के प्रत्याशी को यहां से फतह हासिल हुई। वर्ष 2013 में भी कुछ ऐसा ही हुआ यहां भाजपा के अनिल फिरोजिया विधायक बने किंतु जब वर्ष 2018 में पार्टी ने उन्हें एक बार पुनः चुनाव लड़ने का अवसर दिया तो उन्हें मतदाताओं ने नहीं चुना। कांग्रेस प्रत्याशी के हाथों इन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

यह रहे 10 वर्षों तक विधायक

तराना विधानसभा सीट से कांग्रेस के एम सिंह को 1962 के चुनाव में जीत हासिल हुई थी। इसके बाद वर्ष 1967 में भी भारतीय जनसंघ की टिकट पर चुनाव लड़े और क्षेत्र की जनता ने इन्हें अपना जनप्रतिनिधि चुना था। यही वजह थी कि वह कुल 10 वर्षों तक तराना सीट से विधायक रहे। इसी तरह वर्ष 1980 और 1985 के चुनाव में भी हुआ था। यहां कांग्रेस पार्टी के दुर्गा प्रसाद सूर्यवंशी को क्षेत्र की जनता ने काफी पसंद किया था। उन्हें लगातार दो पंचवर्षीय जनता ने अपना जनप्रतिनिधि चुना था।

अब तक मतदाताओं ने इन्हें चुना विधायक

तराना क्षेत्र के मतदाताओं का मिजाज कुछ अलग ही है। इस विधानसभा के 61 वर्षों के इतिहास पर नजर दौड़ाई जाए तो अब तक अलग-अलग पार्टियों से कुल 13 विधायक इस विधानसभा में रह चुके हैं। एम सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस वर्ष 1962, एम सिंह भारतीय जनसंघ 1967, लक्ष्मीनारायण जैन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1972, नागूलाल मालवीय जनता पार्टी 1977, दुर्गा प्रसाद सूर्यवंशी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (क) 1980, दुर्गा प्रसाद सूर्यवंशी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1985, गोविंद परमार भारतीय जनता पार्टी 1990, माधव प्रसाद शास्त्री भारतीय जनता पार्टी 1995, बाबूलाल मालवीय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1998, ताराचंद गोयल भारतीय जनता पार्टी 2003, रोडमल राठौर भारतीय जनता पार्टी 2008, अनिल फिरोजिया भारतीय जनता पार्टी से वर्ष 2013 में विधायक रह चुके हैं। जबकि वर्ष 2018 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से महेश परमार वर्तमान विधायक हैं।

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