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CM SHIVRAJ का ऐलान, 20 अप्रैल से 200 उद्योगों को मिली हरी झंडी

CM SHIVRAJ का ऐलान, 20 अप्रैल से 200 उद्योगों को मिली हरी झंडी
भोपाल. कोरोना संकट के बीच अब सरकार की सबसे बड़ी चुनौती होगी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की। लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है। अब CM SHIVRAJ सरकार के सामने कोरोना से लड़ने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी पटरी पर लाने की जिम्मेदारी है। 20 अप्रैल से लॉकडाउन में उन क्षेत्रों को रियासत मिलने जा रही है जो कोरोना के हॉटस्पाट नहीं हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को औद्योगिक प्रतिनिधियों से कहा कि आपके सहयोग से प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था को फिर से खड़ा करेंगे। चौहान ने बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का सख्ती से पालन करते हुए उसमें दिए गए उद्योगों को ही 20 अप्रैल से प्रारंभ किया जाए। उन्होंने कहा कि इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए कि संक्रमित क्षेत्रों से कोई भी मजदूर कार्य पर न आए।
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लॉकडाउन की शर्तों का हो पालन
सीएम ने कहा- कार्य क्षेत्रों पर मास्क, सेनेटाईजर आदि सभी सुरक्षात्मक उपायों का पालन किया जाए। यथासंभव कार्य स्थल पर ही मजदूरों के रुकने की व्यवस्था की जाए। प्रदेश में कोरोना से बचाव एवं उपचार की प्रभावी रणनीति पर काम किया जा रहा है। प्रदेश में 9 टेस्ट लैब निरंतर कार्य कर रही हैं। प्रदेश की टेस्टिंग क्षमता निरंतर बढ़ रही है। विशेष विमान से टेस्टिंग सैम्पल दिल्ली भी भेज जा रहे हैं। इंदौर में लगभग 4 लाख व्यक्तियों का सर्वे किया गया है। इलाज के लिए सर्वोत्तम व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। सभी के सहयोग से हम कोरोना को शीघ्र परास्त कर लेंगे।
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उच्च गुणवत्ता की है मध्यप्रदेश की पीपीई किट्स
मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से कहा कि आप लोगों द्वारा मध्यप्रदेश में बनाई गई पीपीई किट्स उत्तम गुणवत्ता की हैं। इसके लिए आप बधाई के पात्र हैं। उन्होंने बताया कि आज प्रदेश में लगभग 10 हजार किट्स रोज बन रही हैं। हमारी कई फैक्ट्रियों में हाईड्रोक्सी-क्लोरोक्वीन गोलियां बनाई जा रही हैं। उन्होंने औद्योगिक प्रतिनिधियों से कहा कि आप लोगों के द्वारा दिए गए सुझाव महत्वपूर्ण हैं। आपको उद्योगों के संचालन में हरसंभव सुविधा गाइड लाइन का पूरा पालन करते हुए दी जाएगी। उद्योगों के संचालन में इस बात का पूरा ध्यान रखें कि कोरोना संक्रमण बिल्कुल न फैले। कोरोना संक्रमण को नियंत्रित कर उद्योग चलाएं।
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मजदूरों के रूकने की व्यवस्था
मुख्यमंत्री चौहान ने औद्योगिक प्रतिनिधियों से कहा कि वे कार्य स्थल पर ही यथासंभव मजदूरों के रुकने की व्यवस्था करें। बाहर से यदि आना-जाना आवश्यक हो, तो उसके लिए वाहनों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मजदूरों को बैठाया जाए तथा कार्यस्थल पर भी इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों को 20 अप्रैल से उद्योग संचालित करने की आवश्यक अनुमतियां शीघ्र मिल जाएंगी। साथ ही मजदूरों को कार्य-स्थल पर आने-जाने के लिए पास भी उद्योग विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से प्राप्त हो जाएंगे।
कार्य अधिक लेने पर दें बढ़ी हुई मजदूरी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मजदूरों की कमी को देखते हुए यदि कोई उद्योग 8 घंटे के स्थान पर 12 घंटे की शिफ्ट करना चाहता है, तो उसे अनुमति दे दी जाएगी, परंतु उन्हें उस हिसाब से मजदूरों को बढ़ी हुई राशि देनी होगी। साथ ही 5 के स्थान पर 6 दिन कार्य की भी अनुमति दे दी जाएगी। उद्योग लायसेंस नवीनीकरण भी एक अप्रैल 2020 से एक वर्ष के लिए कर लिया जाएगा। न्यूनतम क्षमता मापदंड इस वर्ष के लिए समाप्त किए जा सकते हैं।
सभी सुरक्षात्मक उपाय अपनाएं
प्रमुख सचिव उद्योग डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में 112 बड़े तथा 1200 एम.एस.एम.ई. उद्योग संचालित थे जो दवा कंपनियों, खाद्यान्न सामग्री तथा आवश्यक वस्तुओं से संबंधित थे। अब 20 अप्रैल से भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार प्रदेश के कुल 360 बड़े उद्योगों में से लगभग 200 उद्योग चालू किए जा सकेंगे तथा 12 हजार एमएसएमई उद्योगों में से लगभग 6 हजार उद्योग प्रारंभ किए जा सकेंगे। डॉ. राजौरा ने प्रतिनिधियों से कहा कि एसईजेड, निर्यात उद्योग, औद्योगिक क्षेत्र के उद्योग, ग्रामीण क्षेत्र के उद्योग सहित अत्यावश्यक सेवाओं के उद्यम प्रारंभ किए जा सकेंगे। सभी सुरक्षात्मक उपायों के साथ उद्योग प्रारंभ करें।
इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए कि संक्रमण न फैले। उद्योगों में 40 से 50 प्रतिशत मजूदर से ज्यादा न हों। श्रमिकों को यथासंभव उद्योग परिसर में ही रुकवाया जाए। उन्हें लाने वाली बसों में 30 से 40 प्रतिशत क्षमता का ही उपयोग हो। संक्रमित क्षेत्रों में न तो कोई उद्योग प्रारंभ होगा और न ही कोई मजूदर वहां से आएं-जाएं। सर्दी, जुकाम, 55 वर्ष से अधिक के डायबटीज, बी.पी.मरीज, छोटे बच्चों वाली महिलाएं काम पर नहीं आएं। परिसर में साबुन, सेनेटाईजर, मास्क, ग्लब्स, थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था हो। कार्य स्थल पर मजदूरों की दूरी 8 से 10 फीट हो। उद्यम को खुलने, बंद होने तथा दोपहर में भोजन अवकाश के समय सेनेटाईज किया जाए। कार्य स्थल पर अस्पतालों की सूची टांगें, जहां इलाज की सुविधा हो।