मध्यप्रदेश

Ganesh Utsav 2023: एमपी में भगवान गणेश की अद्भुत प्रतिमा, स्वप्न देकर जमीन से निकली बाहर, स्थापना के बाद हो गई थी गायब

Sanjay Patel
22 Sep 2023 10:50 AM GMT
Ganesh Utsav 2023: एमपी में भगवान गणेश की अद्भुत प्रतिमा, स्वप्न देकर जमीन से निकली बाहर, स्थापना के बाद हो गई थी गायब
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MP News: मध्यप्रदेश में भगवान गणेश की एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है। ऐसा कहा जाता है कि एक व्यक्ति को स्वप्न होने के बाद इस प्रतिमा को जमीन से बाहर निकाला गया था। जिसकी स्थापना की गई किंतु यह प्रतिमा अगले दिन से गायब हो गई।

मध्यप्रदेश में भगवान गणेश की एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है। ऐसा कहा जाता है कि एक व्यक्ति को स्वप्न होने के बाद इस प्रतिमा को जमीन से बाहर निकाला गया था। जिसकी स्थापना की गई किंतु यह प्रतिमा अगले दिन से गायब हो गई। भगवान गणेश की यह प्रतिमा दमोह जिले के बटियागढ़ ब्लॉक के सादपुर गांव में विराजमान है।

5 फीट है ऊंचाई

दमोह जिले के सादपुर गांव में विराजमान भगवान गणेश की पाषाण प्रतिमा की महिमा अद्भुत है। गजानन की इस प्रतिमा की ऊंचाई 5 फीट है। जिसे ग्रामीण बरी कनौरा गांव से लाए थे। ग्रामीणों की मानें तो गांव के एक व्यक्ति को स्वप्न आया था कि कनौरा गांव में जमीन के अंदर मूर्ति धंसी है। जिसने ग्रामीणों को अपने स्वप्न के बारे में बताया। इसके बाद ग्रामीण प्रतिमा को सादपुर ले आए थे। किवंदती यह भी है कि प्रतिमा स्थापना होते ही अगले दिन गायब हो गई थी। जिसके बाद यह प्रतिमा वहीं पाई गई, जहां से इसे लाया गया था।

एक ही पत्थर पर उकेरी गई है प्रतिमा

सादपुर गांव में विराजमान भगवान गणेश की प्रतिमा की सबसे बड़ी खासियत है कि पूरी प्रतिमा एक ही पत्थर पर उकेरी गई है। यह भगवान गणेश प्रतिमा बैठी हुई मुद्रा में है। भगवान एक हाथ में फरसा लिए हुए हैं। प्रतिमा स्थापना की खुशी में यहां 50 वर्षों से सात दिवसीय मेले का आयोजन भी ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है। यह मेला मूर्ति स्थापना गणेश चतुर्थी के समय पर लगता है। जिसमें सादपुर सहित दर्जनों गांवों के लिए यहां भगवान गणेश के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।

स्थापना के बाद गायब हो गई मूर्ति

ऐसा कहा जाता है कि गांव के किसी बुजुर्ग को स्वप्न आने के बाद गांव के लोग भगवान गणेश की प्रतिमा को जमीन से बाहर निकालकर सादपुर गांव ले आए थे। जिसके बाद चबूतरे पर मूर्ति की स्थापना की गई। जब अगले दिन लोग मौके पर पहुंचे तो प्रतिमा गायब मिली। जिसके बाद ग्रामीण परेशान हो गए। इसके बाद ग्रामीण जहां से प्रतिमा लाए थे, वहां गए तब वहां पर मूर्ति मिली। तब लोगों ने भगवान से चलने का निवेदन किया और मूर्ति को बैलगाड़ी पर लाया गया। इसके बाद विधि विधान के साथ प्रतिमा स्थापना की गई। तब से यह मूर्ति लोगों के लिए आस्था का केन्द्र बनी हुई है। गणेश उत्सव के दौरान यहां पर भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है।

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