मध्यप्रदेश

SDM Jyoti Maurya के बाद एमपी के SDM Pradeep Soni सुर्ख़ियों में, कलेक्टर ने हटाया पद से, जानें क्या है मामला?

Sanjay Patel
14 July 2023 11:09 AM GMT
SDM Jyoti Maurya के बाद एमपी के SDM Pradeep Soni सुर्ख़ियों में, कलेक्टर ने हटाया पद से, जानें क्या है मामला?
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MP News: मध्यप्रदेश के देवास एसडीएम पर लोकायुक्त में केस दर्ज होने के बाद कलेक्टर ने उन्हें पद से हटा दिया है। मामले में लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक उज्जैन अनिल विश्वकर्मा से जनवरी 2023 में शिकायत की गई थी।

SDM Pradeep Soni Dewas News: मध्यप्रदेश के देवास एसडीएम पर लोकायुक्त में केस दर्ज होने के बाद कलेक्टर ने उन्हें पद से हटा दिया है। मामले में लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक उज्जैन अनिल विश्वकर्मा से जनवरी 2023 में शिकायत की गई थी। इस मामले की जांच डीएसपी सुनील कुमार तालान को सौंपी गई थी। शिकायत की जांच के बाद लोकायुक्त द्वारा चार आरोपियों पर गुरुवार को केस दर्ज किया गया है। जिसके बाद कलेक्टर ने यह कार्रवाई की।

लोकायुक्त को यह मिली थी शिकायत

उज्जैन लोकायुक्त से जनवरी 2023 में इस मामले पर शिकायत की गई थी। जिसमें उल्लेख था कि नगर निगम देवास के माध्यम से यात्री बसों के टेंडर अमृत योजना के अंतर्गत निकाले गए थे। इसमें शासन की ओर से 40 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान था। ननि द्वारा देवास विश्वास ट्रांसपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के यात्री बसों का टेंडर स्वीकृत कर निर्धारित मार्गों पर संचालन की अनुमति दी गई थी किंतु विश्वास ट्रांसपोर्ट द्वारा अधिकारियों के साथ मिलकर टेंडर में स्वीकृत मार्ग से भिन्न मार्गों पर यात्री बसों का संचालन किया जाने लगा। कुछ बसों का सौदा भी कर दिया गया।

विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज

देवास में सिटी बसों के संचालन के दौरान सब्सिडी के दुरुपयोग, बसों के मनमाने रूट बदलाव सहित अन्य गड़बड़ियों के मामले में देवास एसडीएम व देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के तत्कालीन सीईओ प्रदीप सोनी, तत्कालीन चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) नगर निगम सूर्य प्रकाश तिवारी, विश्वास ट्रासंपोर्ट डायरेक्टर विजय गोस्वामी, प्रणय गोस्वामी के खिलाफ लोकायुक्त उज्जैन ने शिकायत की जांच के बाद धोखाधड़ी, अमानयत में खयानत, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, षड़यंत्र की धाराओं में केस दर्ज किया है।

तीन बसें बेच दीं, एक वर्ष बाद भी नहीं हो सकी खरीदी

उज्जैन लोकायुक्त ने मामले की जांच की तो यह पता चला कि विश्वास ट्रांसपोर्ट को कुल 39 बसों का संचालन सात वर्ष तक योजना के तहत किया जाना था। इसके लिए बसें खरीदने पर कुल लागत की 34.2 प्रतिशत से 39.78 प्रतिशत तक सब्सिडी प्राप्त हुई। विश्वास ट्रांसपोर्ट द्वारा 2022 में तीन बसों को बेच तो दिया गया किंतु एक साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद तीन बसों को क्रय कर नहीं लगाया गया। वहीं अनेक बसों का मार्ग परिवर्तन सीईओ व सीओओ से अनुमति लेकर कर दिया गया। जबकि वह इसकी अनुमति देने के लिए सक्षम नहीं थे।

बहाना बनाकर व्यस्त रूटों पर किया संचालन

विश्वास ट्रांसपोर्ट द्वारा विजयागंज मंडी मार्ग सहित अन्य रूटों पर परमिट नहीं मिलने की बात का बहाना बनाया गया। इसके साथ ही देवास-उज्जैन व अन्य व्यस्त रूटों पर बसों का संचालन शुरू कर दिया गया। जो कि नियम विरुद्ध था। इतना ही नहीं बसों के लिए मासिक पास भी जारी नहीं किए गए। बसों पर विज्ञापन का टेंडर भी जारी नहीं हुआ। स्पेअर बस को पिकनिक, टूर आदि का परमिट लेकर संचालित किया गया।

राव को एसडीएम की जिम्मेदारी

देवास में सिटी बसों की सब्सिडी के दुरुपयोग, मनमाने रूट बदलाव व अन्य गड़बड़ी पर एसडीएम सहित तीन अन्य पर कार्रवाई हुई थी। शिकायत की जांच के बाद लोकायुक्त उज्जैन ने धोखाधड़ी, षड़यंत्र, अमानत में खयानत, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। केस दर्ज होने के अगले ही दिन कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने एसडीएम प्रदीप सोनी को पद से हटा दिया है। उनकी जगह टी प्रतीक राव को एसडीएम की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इनका कहना है

इस संबंध में लोकायुक्त डीएसपी उज्जैन सुनील कुमार तालान का कहना है कि धर्मेन्द्र चौहान द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को की गई शिकायत की जांच के बाद चार आरोपियों पर गुरुवार को प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। टेंडर में गड़बड़ी को लेकर भी मामले की जांच की जा रही है।

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