मध्यप्रदेश

MP में 90 KM की बिछेगी नई रेल लाइन, बनाई जाएगी 21 सुरंग और 80 पुल, इन शहर और गांव से गुजरेगी ट्रेन, देखे कही आपके एरिया का नाम तो नहीं....

MP Rail Line
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MP Rail Line

MP Rail Line: सरकार की योजना के अनुसार रेलवे ने बताया है कि इस रेल लाइन में अलग-अलग तीन चरणों में कार्य किया जाएगा।

Mhow-Sanawad Rail Line: महू से सनावद रेलखंड विकसित करने रेलवे प्रशासन नई रेल लाइन के लिए काम कर रहा है। रेल लाइन में सबसे अधिक कार्य और मशक्कत पातालपानी मुख्तियार बलवाड़ा रेलखंड का है जहां पर 65 किलोमीटर के इस घाटी के क्षेत्र में रेलवे को सबसे अधिक पैसे और समय खर्च करना पड़ेगा। महू से सनावद के बीच गेज परिवर्तन के लिए सर्वे का काम पूरा हो गया है। तो वही जिओ मैपिंग सर्वे की रिपोर्ट रेलवे के पास भेज दी गई है। बहुत जल्दी इस पर काम शुरू हो जाएगा।

क्या है सरकार की योजना Patalpani-Balwada Rail Track

महू से सनावद के बीच बिछाई जाने वाली मीटरगेज लाइन के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा तैयारी कर ली गई है। सरकार की योजना के अनुसार रेलवे ने बताया है कि इस रेल लाइन में अलग-अलग तीन चरणों में कार्य किया जाएगा। सबसे पहले महू से पातालपानी के बीच 5.5 किलोमीटर हिस्से की पुरानी रेल लाइन को हटाकर नई रेल लाइन बिछाई जाएगी।

साथ ही बताया गया है कि बलवाड़ा से सनावद तक लगभग 20 किलोमीटर के हिस्से में रेलवे तेजी के साथ काम करेगा। इस हिस्से में काम करने में कोई भी दिक्कत सामने नहीं आ रही है। लेकिन पातालपानी से बलवाड़ा 65 किलोमीटर के हिस्से में सबसे ज्यादा परेशानी आएगी। क्योंकि इस स्थान 65 किलोमीटर की एरिया में 21 सुरंग तथा 80 पुल पुलिया का निर्माण किया जाना है।

तेजी के साथ चल रहा कार्य Broad Gauge Line

सनावद- बलवाड़ा रेल लाइन में पडने वाली नर्मदा नदी के पुल का निर्माण कार्य तेजी के साथ चल रहा है। पुराने मीटर गेज लाइन के पुल को तोड़कर नया पुल बनाया जाना है। जानकारी के अनुसार सनावद से खंडवा तक ब्रांडगेज लाइन बिछाई जा चुकी है। अब सनावद से महू तक पूरे रेल लाइन को बिछाने का कार्य 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

बनेगी 4 किलोमीटर लंबी सुरंग

पातालपानी से बलवाड़ा के बीच कई सुरंग और पुल पुलिया का निर्माण किया जाना है। इसी मार्ग पर बडिया से बेका के बीच 4 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएंगी। इसके लिए रेल रूट का सर्वे कार्य पूरा हो चुका है। गया है कि घाट सेक्शन में मशीनरी मजदूर और मटेरियल ले जाने के लिए निर्माण एजेंसी को बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य करना होगा। वाहनों के आने-जाने के लिए रास्ते भी बनाने पड़ेंगे।

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