मध्यप्रदेश

एमपी बुरहानपुर के नेपानगर सहकारी बैंक में 9 करोड़ का घोटाला, 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

Sanjay Patel
29 Dec 2022 10:41 AM GMT
एमपी बुरहानपुर के नेपानगर सहकारी बैंक में 9 करोड़ का घोटाला, 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
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बुरहानपुर जिले के नेपानगर स्थित सहकारी बैंक में घोटाला किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। सहकारिता विभाग द्वारा की गई जांच में 9 करोड़ की वित्तीय अनियमितता उजागर हुई है।

बुरहानपुर जिले के नेपानगर स्थित सहकारी बैंक में घोटाला किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। सहकारिता विभाग द्वारा की गई जांच में 9 करोड़ की वित्तीय अनियमितता उजागर हुई है। जिसके बाद नेपानगर थाने में 16 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया गया है। इस घोटाले में सहकारी बैंक के पूर्व और वर्तमान अधिकारी, कर्मचारी शामिल बताए गए हैं।

एफआईआर के बाद कई हो गए फरार

पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक वित्तीय अनियमितता में सभी आरोपियों की संलिप्तता रही है। जांच के दौरान उनके द्वारा बैंक का रिकार्ड भी नहीं उपलब्ध कराया गया। बुरहानपुर जिले के इतिहास में संभवतः यह ऐसा पहला मामला जब किसी सहकारी बैंक के इतने कर्मचारियों पर एक साथ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया हो। सूत्रों की मानें तो बुधवार की देर रात्रि तकरीबन 2 बजे पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की गई। जिसके बाद से सहकारी बैंक के कई अधिकारी, कर्मचारी फरार हो गए।

इन कर्मचारियों पर दर्ज हुआ प्रकरण

सहकारिता विभाग द्वारा की गई जांच में वित्तीय अनियमितता सामने आई। जिसके बाद पुलिस द्वारा 16 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। जिनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है उनमें कैशियर सुरेश वानखेड़े, वर्तमान प्रबंधक सुभाष यादव, लेखापाल मुकेश तायड़े, तत्कालीन प्रबंधक शैलेष मांडले, उपाध्यक्ष सुभाष पाटिल, संचालक अशोक चौधरी, संचालक राजेन्द्र महोदय, महिला उपाध्यक्ष सुमन बाई, संचालक रमेश सिंह, लिपिक विजय प्रकाश शर्मा, संचालक भीमराव वानखेड़े, संचालक बसंत पवार, संचालक संध्या सिंह, लिपिक योगेश महाजन, लिपिक राकेश जाधव, लेखापाल सुधीर महाजन शामिल हैं।

आजाक में भी 10 करोड़ से ज्यादा का गबन

इसके पूर्व आदिम जाति कल्याण विभाग में 10.17 करोड़ रुपए के गबन का मामला सामने आया है। मामले में कलेक्टर भव्या मित्तल के निर्देश पर विभाग के तत्कालीन लिपिक नारायण पाटिल पर एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। कलेक्टर की मानें तो 10.17 करोड़ में से तीन करोड़ से ज्यादा की रकम का नकद आहरण किया गया था। जांच प्रतिवेदन के अनुसार स्वाति मुकेश के नाम पर 10.07 लाख, पल्लवी बालकृष्ण के नाम से 10.07 लाख का भुगतान किया गया है। इसी प्रकार अन्य लोगों के खाते से भुगतान किया गया है। वर्ष 2010 से 2017 के बीच किए गए इस गबन के सारे रिकार्ड लालबाग थाना पुलिस द्वारा जब्त कर लिए गए हैं।

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