मध्यप्रदेश

रीवा: सुबह से हो जाती है शाम, किसानो को बैरंग हाथ लौटना पड़ता हैं घर, नम्बर आने तक गोदाम हो जाता है बंद

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:32 AM GMT
रीवा: सुबह से हो जाती है शाम, किसानो को बैरंग हाथ लौटना पड़ता हैं घर, नम्बर आने तक गोदाम हो जाता है बंद
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रीवा: सुबह से हो जाती है शाम, किसानो को बैरंग हाथ लौटना पड़ता हैं घर, नम्बर आने तक गोदाम हो जाता है बंद रीवा ज़िले में यूरिया की किल्लत लंबे

रीवा: सुबह से हो जाती है शाम, किसानो को बैरंग हाथ लौटना पड़ता हैं घर, नम्बर आने तक गोदाम हो जाता है बंद

रीवा (विपिन तिवारी ) । ज़िले में यूरिया की किल्लत लंबे समय से बनी हुई है। किसानों को समितियों से खाद लेने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इन दिनों किसान भारी संख्या में सुबह 6 बजे से करहिया मंडी में लाइन लगाकर खड़े रहते हैं औऱ अपने नम्बर का इंतज़ार करते हैं। भीड़ की वज़ह से कुछ ही किसानों का नम्बर लग पाता है। आधे से ज्यादा किसानों को बैरंग खाली हाथ घर लौटना पड़ता है।

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समिति में खाद लेने आए किसान विद्याभूषण ओझा सुबह बताते हैं यूरिया खाद के लिए सुबह दस बजे से लाइन में खडा रहा,शाम 5 बजे नम्बर आया नम्बर आते ही समिति बन्द कर दी गयी।ऐसा एक बार ही नही कई बार हुआ है जब हमें खाली हाथ घर जाना पड़ा है।
खाद के लिए आये गांव बरा कोठार से किसान सुधाकर ओझा दो दिन से लाइन में लग कर अपनी बारी आने का इंतज़ार करते रहे। पर उन्हें भी खाद नही मिली ।सुधाकर कहते हैं दो दिन से लाइन में खड़ा होता हूं पर नम्बर आने तक समिति बन्द कर दी जाती है। अब मज़बूरन हमें प्राइबेट दुकान से खाद खरीदनी पड़ रही है।

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जिले में यह कोई पहला मामला नहीं है जब किसानों को कालाबाजारी का सामाना करना पड़ा हो ज्ञात हो बीते महीने त्योंथर ब्लॉक के किसानों को भी समितियों से खाली हाथ लौटना पड़ा था। ज़िले में खाद की क़िल्लत बनी हुई है। फ़िलहाल अभी राहत की कोई मिलती नहीं दिख रही है।

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