मध्यप्रदेश

श्रम क़ानून में बड़ा बदलाव, सुबह 6 से रात 12 बजे तक दुकानें खोलने की छूट

Ankit Neelam Dubey
16 Feb 2021 6:21 AM GMT
श्रम क़ानून में बड़ा बदलाव, सुबह 6 से रात 12 बजे तक दुकानें खोलने की छूट
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श्रम क़ानून में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसके साथ ही पंजीयन की अवधि एक दिवसीय करते हुए दुकानों के खुलने का समय सुबह 6 से 12 बजे रात तक कर दिया

भोपाल। कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में हुई आर्थिक क्षति के वजह से मध्यप्रदेश सरकार उद्योगों के साथ साथ रोजगार के अवसर अधिक से अधिक बढ़ाने के लिए श्रम क़ानून में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसके साथ ही पंजीयन की अवधि एक दिवसीय करते हुए दुकानों के खुलने का समय सुबह 6 से 12 बजे रात तक कर दिया है। श्रम क़ानून के तहत अब उद्योगों में विभागीय निरीक्षण से छूट दी जाएगी और फैक्ट्री इंस्पेक्टर भी जांच नहीं करेंगे। उद्योग अपनी सुविधा से शिफ्ट में भी बदलाव कर सकेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर श्रम विभाग ने चार केंद्रीय और तीन राज्य अधिनियमों में संशोधन का खाका खींच लिया है।

अध्यादेश के जरिए इन्हें लागू किया जाएगा। श्रम कानूनों में सुधार को लेकर काफी समय से मांग उठ रही थी। औद्योगिक संगठनों ने भी सख्त कानूनों में संशोधन की मांग उठाई थी। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री लगातार बैठकें कर रहे थे। अब यह तय हुआ है कि चार केंद्रीय और तीन राज्य के अधिनियमों में संशोधन की अधिसूचना जारी की जाएगी।

लोक सेवा गारंटी कानून के तहत कारखाना अधिनियम, दुकान एवं स्थापना अधिनियम, ठेका श्रम अधिनियम, अंतरराज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम, मोटर परिवहन कर्मकार अधिनियम, मप्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम और बीड़ी व सिगार कामगार (नियोजन की शर्तें) अधिनियम में पंजीयन से जुड़ी 18 सेवाएं 30 की जगह एक दिन में मिलेंगी। नए उद्योगों को कारखाना अधिनियम में कई तरह की छूट रहेगी तो रजिस्टर का संधारण भी नहीं करना होगा।

उद्योग अपनी मर्जी से थर्ड पार्टी निरीक्षण करा सकेंगे। किसी एक यूनियन से समझौते की बाध्यता भी समाप्त होगी। औद्योगिक विवाद अधिनियम में संशोधन के बाद एक हजार दिवस तक इस कानून के कई प्रावधानों से छूट मिल जाएगी। संस्थान अपनी सुविधा के अनुसार श्रमिकों को सेवा में रख सकेंगे।

इस कानून में संशोधन से औद्योगिक संस्थानों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई में श्रम विभाग और श्रम न्यायालय का हस्तक्षेप बंद हो जाएगा। औद्योगिक नियोजन (स्थायी आदेश) अधिनियम में संशोधन के बाद सौ श्रमिक वाले कारखानों को अधिनियम के प्रावधानों से छूट मिलेगी। श्रम कल्याण निधि अधिनियम के तहत जारी होने वाले अध्यादेश के बाद नए कारखानों को आगामी एक हजार दिन तक के लिए मध्य प्रदेश श्रम कल्याण मंडल को प्रतिवर्ष प्रति श्रमिक 80 रुपये के अभिदाय के प्रदाय से छूट मिलेगी। साथ ही वार्षिक रिटर्न भी दाखिल नहीं करना होगा।

दुकान एवं स्थापना कानून में संशोधन कर दुकान सुबह छह से रात 12 बजे तक खोलने की अनुमति मिलेगी। 50 से कम श्रमिकों वाले संस्थानों में श्रम आयुक्त की अनुमति के बाद ही निरीक्षण किया जा सकेगा। कारखानों को दो की जगह एक ही रिटर्न दाखिल करना होगा। 50 श्रमिक पर ही कराना होगा पंजीयन ठेका श्रमिक और कारखाना अधिनियम में संशोधन के लिए सरकार ने प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे हैं।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ठेका श्रमिक कानून के मुताबिक अभी 20 श्रमिकों को नियोजित करने पर ठेकेदारों को पंजीयन कराना होता है। इस सीमा को बढ़ाकर 50 श्रमिक करने का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। इसी तरह कारखाने की परिभाषा में विद्युत शक्ति के साथ दस के स्थान पर 20 श्रमिक और बिना विद्युत शक्ति के साथ 20 श्रमिक के स्थान पर 40 श्रमिक प्रस्तावित किया है। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी देने पर छोटे उद्योगों को कारखाना अधिनियम में पंजीयन से मुक्ति मिल जाएगी।

Ankit Neelam Dubey

Ankit Neelam Dubey

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