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अपने निर्देशों की अवहेलना पर कमल नाथ पर नाराज हुए राज्यपाल, कहा - सीएम के पत्र की भाषा मर्यादा के अनुकूल नहीं
MP Govt Crisis राज्यपाल लालजी टंडन के मुख्यमंत्री कमलनाथ को स्पष्ट निर्देश के बावजूद मध्यप्रदेश विधानसभा में 16 मार्च को 'Floor Test" नहीं हुआ। अपने निर्देशों की अवहेलना से नाराज राज्यपाल टंडन ने मुख्यमंत्री के सभी तर्कों को खारिज कर अल्टीमेटम दे दिया है कि 17 मार्च, मंगलवार तक फ्लोर टेस्ट कराकर अपना बहुमत सिद्ध करें, अन्यथा यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है।
ज्ञात हो कि सोमवार सुबह बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से हुई थी। इसके तुरंत बाद ही विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने 26 मार्च तक कार्रवाई स्थगित कर दी। इसके बाद भाजपा के 106 विधायकों ने राजभवन जाकर राज्यपाल के सामने परेड कर ज्ञापन सौंपा।
सीएम के पत्र की भाषा मर्यादा के अनुकूल नहीं राज्यपाल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को अल्टीमेटम भरा यह पत्र सोमवार शाम को भेजा। उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि आपने मेरे 14 मार्च के पत्र का जो उत्तर दिया, उसकी भाषा और भाव संसदीय मर्यादाओं के अनुकूल नहीं हैं। मैंने 16 मार्च को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का निवेदन किया था। सत्र प्रारंभ हुआ पर विश्वास मत प्राप्त करने की कार्रवाई नहीं हुई, न ही आपने कोई सार्थक प्रयास किया और सदन की कार्रवाई 26 मार्च तक स्थगित हो गई।
मौजूदा परिस्थितियों में लागू नहीं होता वह फैसला राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि आपने अपने पत्र में सर्वोच्च न्यायालय के जिस निर्णय का जिक्र किया है, वह वर्तमान परिस्थितियों और तथ्यों में लागू नहीं होता। जब यह प्रश्न उठे कि किसी सरकार को सदन का विश्वास प्राप्त है या नहीं ? तब ऐसी स्थिति में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपने अनेक निर्णयों में निर्विवादित रूप से स्थापित किया गया है कि इस प्रश्न का उत्तर अंतिम रूप से सदन में फ्लोर टेस्ट के माध्यम से ही हो सकता है। राज्यपाल ने कहा कि यह खेद की बात है कि इसमें आपने असमर्थता और आनाकानी जताई, जिसका कोई औचित्य नहीं। फ्लोर टेस्ट न कराने के जो कारण दिए हैं वे भी आधारहीन और अर्थहीन हैं।
पहले मुख्यमंत्री ने लिखा था पत्र इसके पूर्व सोमवार सुबह मुख्यमंत्री ने फ्लोर टेस्ट नहीं कराने की जानकारी देते हुए राज्यपाल को लंबी चिट्ठी लिखी थी। इससे टंडन काफी नाराज थे। कुछ देर तक उनके अभिभाषण पढ़ने को लेकर भी अटकलें थीं, लेकिन विधि विशेषज्ञों से मशविरा के बाद राज्यपाल कुछ मिनट विलंब से विधानसभा के लिए रवाना हुए।
मेरे निर्देश का पालन होना था : राज्यपाल राजभवन में परेड करने पहुंचे भाजपा विधायकों से राज्यपाल ने कहा, 'जब मैंने निर्देश दिए थे तो उसका पालन होना था, लेकिन आप निश्चिंत रहिए, संविधान का पालन करते हुए जो भी उचित होगा, वह करेंगे। आपके अधिकारों का संरक्षण किया जाएगा। लोकतंत्र बचाना मेरी जिम्मेदारी है।
विस से सीधे राजभवन पहुंचे थे भाजपा के विधायक उल्लेखनीय है कि विधानसभा की कार्रवाई स्थगित होने के तुरंत बाद ही भाजपा के 106 विधायक पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के साथ बसों में बैठकर राजभवन के लिए रवाना हो गए थे।
रणछोड़दास है कमलनाथ सरकार कमलनाथ सरकार मैदान छोड़कर भाग गई, सरकार अल्पमत में है बहुमत खो चुकी है। कोरोना वायरस का बहाना कर फ्लोर टेस्ट टाल दिया गया, लेकिन कमलनाथ सरकार को अब कोरोना भी नहीं बचा सकता। राज्यपाल टंडन ने सभी विधायकों को आश्वस्त किया है कि उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा होगी। हम लोग सुप्रीम कोर्ट में भी गए हैं। - शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री, मप्र
राज्यपाल के निर्देशों की अवहेलना हमने राज्यपाल के सामने अपने 106 विधायकों की परेड करवाकर शपथ-पत्र भी सौंपा है। कमलनाथ सरकार ने राज्यपाल के निर्देशों की अवहेलना और अवमानना की है। राज्यपाल ने आश्वस्त किया है कि संविधान का पालन कराया जाएगा। - गोपाल भार्गव, नेता प्रतिपक्ष, मप्र विधानसभा