मध्यप्रदेश

एमपी खंडवा के बहुचर्चित कालिख कांड में भाजपा विधायक समेत 10 नेताओं को एक-एक वर्ष की जेल

Sanjay Patel
25 Dec 2022 10:22 AM GMT
एमपी खंडवा के बहुचर्चित कालिख कांड में भाजपा विधायक समेत 10 नेताओं को एक-एक वर्ष की जेल
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खंडवा के बहुचर्चित कालिख कांड में स्पेशल कोर्ट द्वारा भाजपा विधायक समेत 10 नेताओं को एक-एक वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई है।

खंडवा के बहुचर्चित कालिख कांड में स्पेशल कोर्ट द्वारा भाजपा विधायक समेत 10 नेताओं को एक-एक वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई है। मार्च 2011 में आरोपियों द्वारा छात्र संगठन एबीवीपी में रहते हुए एग्रीकल्चर कॉलेज के प्रोफेसर के चेहरे पर कालिख पोत दी थी। जिसके अगले दिन एक अन्य प्रोफेसर की जान चली गई थी जिसे इस कांड से भी जोड़कर देखा गया था। इस दौरान कोर्ट ने छात्र राजनीति में संयमित रहने की नसीहत देते हुए सभी को जमानत पर रिहा कर दिया।

क्या था मामला

11 साल पूर्व हुई इस घटना में कृषि महाविद्यालय के छात्रावास में छात्राओं ने एक वरिष्ठ छात्रा की शिकायत डीन से की थी। इस दौरान प्रो. अशोक चौधरी पर भी छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। छात्राओं के मुताबिक इस प्रोफेसर ने कॉलेज की छात्राओं को इंटर्नशिप के बदले यौनाचार की मांग की थी। मामल में एबीवीपी के छात्रों के साथ छात्राएं भी कॉलेज पहुंची और अभाविप के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज में जमकर हंगामा किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि कॉलेज की एक सीनियर छात्रा ने लगातार शिकायतें की किंतु कॉलेज प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी के विरोध में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कॉलेज पहुंचकर प्रोफेसर के मुंह पर कालिख पोतते हुए जमकर पिटाई की।

पुलिस ने इन्हें बनाया था आरोपी

9 मार्च 2011 को छात्राओं से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने छात्र.-छात्राओं ने मिलकर प्रदर्शन के दौरान कृषि महाविद्यालय के प्रो. अशोक चौधरी की जमकर पिटाई करते हुए उनके मुंह पर कालिख पोत दी थी। कालिख कांड में कोतवाली पुलिस ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 11 सदस्यों पर भादंवि धारा 353, 332, 294, 56, 427, 147, 149 सहित 3(1-3), 3(1-10) एससी एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। जिनमें वर्तमान में भाजपा से पंधाना विधायक राम दांगोरे, भाजयुमो के जिलाध्यक्ष अनूप पटेल, विधायक के करीब अश्विनी साहू, राहुल डोडे, रोहित मिश्रा, अंकित अवस्थी, कैलाश साहू, ज्योति वालिजंकर, सोनाली, आशीष तायड़े को पुलिस द्वारा आरोपी बनाया गया था। जिनमें से आरोपी राम दांगोरे ने भाजपा के टिकट पर 2018 में विधानसभा का चुनाव लड़ा। आदिवासी आरक्षित सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की। आरोपी राम दांगोरे के विधायक होने के कारण कालिख कांड का केस विशेष न्यायालय (एमपी-एमएलए कोर्ट) में चला गया। फरियादी प्रो. अशोक चौधरी व अन्य गवाहों के कोर्ट में बयान हुए थे। अंततः 11 वर्ष बाद इस बहुचर्चित कांड में सभी आरोपियों पर दोष सिद्ध हुआ।

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