मुरैना

एमपी के मुरैना में रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने बहू का कराया पुनर्विवाह, बेटी की तरह किया विदा

Sanjay Patel
14 Dec 2022 10:33 AM GMT
एमपी के मुरैना में रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने बहू का कराया पुनर्विवाह, बेटी की तरह किया विदा
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पति की मौत के बाद ससुराल ही एक बेटी के लिए मायका बन गई। ससुराल पक्ष के लोगों ने जहां बहू का पुनर्विवाह कराया तो वहीं मायके पक्ष की भूमिका अदा करते हुए बहू को बेटी के रूप हंसी-खुशी विदा भी किया।

पति की मौत के बाद ससुराल ही एक बेटी के लिए मायका बन गई। ससुराल पक्ष के लोगों ने जहां बहू का पुनर्विवाह कराया तो वहीं मायके पक्ष की भूमिका अदा करते हुए बहू को बेटी के रूप हंसी-खुशी विदा भी किया। मामला मुरैना के अंबाह का है। बीएसएफ के रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने अपनी बहू को आशीर्वाद देते हुए लाल जोड़े में धूमधाम के साथ विदाई कराई।

बुआ-फूफा ने किया कन्यादान

रिटायर्ड इंस्पेक्टर प्रमोद सिंह के अनुसार उनके इकलौते पुत्र भूपेन्द्र सिंह की शादी दिल्ली में रहने वाली टीना से हुई थी। वर्ष 2020 में उनके बेटे का दुर्भाग्य से निधन हो गया। बेटे के इस दुनिया से जाने के बाद उन्हें अक्सर यह चिंता बनी रहती थी कि हमारे जाने के बाद बहू का क्या होगा। अभी टीना की उम्र महज 26 वर्ष है। ऐसे में उन्हें यह गंवारा नहीं था कि उनकी बहू अपना जीवन अकेले गुजारे। टीना के पिता-भाई भी नहीं हैं जिससे वह हमारे लिए बेटी जैसी ही है। ऐसे में सोच विचार के बाद टीना के पुनर्विवाह का निर्णय लिया गया। इस दौरान टीना के बुआ और फूफा ने कन्यादान की भूमिका निभाई।

विदाई के समय सास-ससुर हुए भावुक

अपनी बहू का पुनर्विवाह कराने के लिए रिटायर्ड इंस्पेटर द्वारा मैरिज गार्डेन बुक कराया गया था। जिसमें विवाह संबंधी समस्त रस्में निभाई गईं। अपने छोटे भाई के बेटे के साथ टीना का विवाह कराया गया। विवाह के दौरान परिवार के लोगों और रिश्तेदारों को भी बुलाया गया था। शादी की रस्में पूरी होने के बाद जब विदाई का वक्त आया तो टीना के सास-ससुर भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े।

विरोध का भी करना पड़ा सामना

रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने जब अपने बहू का पुनर्विवाह करने का निर्णय लिया तो उन्हें इस दौरान विरोध का भी सामना करना पड़ा। गांव वालों ने जहां उनके इस निर्णय का विरोध किया गया तो यहां तक भी कहा गया कि कहीं दूर चले जाओ, जो करना है वहीं जाकर करो। रिश्तेदारों ने तो साफ कह दिया कि कभी ऐसा नहीं हुआ है जैसे तुम करने जा रहे हो। किंतु विरोध के सामने वह झुके नहीं और बहू का पुनर्विवाह कराकर बेटी के रूप में हंसी-खुशी विदा किया।

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