लखनऊ

लखनऊ कोर्ट में गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या! वकील के गेटअप में आया हमलावर पकड़ा गया

लखनऊ कोर्ट में गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या! वकील के गेटअप में आया हमलावर पकड़ा गया
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गैंगस्टर संजीव जीवा कौन है/ Who Is Sanjeev Jeeva: संजीव जीवा की लखनऊ कोर्ट में हत्या कर दी गई है, वो मुख़्तार अंसारी का करीबी था

संजीव जीवा की हत्या: लखनऊ कोर्ट में गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या कर दी गई (Gangster Sanjeev Jeeva murdered in Lucknow court) हमलावर वकील के वेश में आए थे जिन्होंने गैंगस्टर संजीव जीवा पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उसे मौत के घाट उतार दिया। बुधवार 7 जून को संजीव जीवा एक सुनवाई के सिलसिले में लखनऊ कोर्ट पहुंचा था

गोली लगते ही संजीव जीवा अदालत परिसर में ही गिर गया और मर गया. बताया जा रहा है कि इस हमले में एक बच्ची समेत 4 अन्य लोग भी घायल हुए हैं जिन्हे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है.

इस गोलबारी में दो साल की एक बच्ची को भी गोली लगी है जिसे हॉस्पिटल में एडमिट किया गया है. बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है. उसे KGMU ट्रॉमा सेंटर भेजा गया है. वहीं एक पुलिसकर्मी को मामूली चोट आई है.

मुख़्तार अंसारी का करीबी संजीव जीवा मारा गया

संजीव जीवा यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला था. वह लखनऊ जेल में बंद था और गैंगस्टर मुख़्तार अंसारी का करीबी था. जीवा की हत्या के बाद लखनऊ कोर्ट में अफरा-तफरी का माहौल छा गया, लोग इधर-उधर भागने लगे. इस दौरान वकीलों ने खूब हंगामा भी किया। क्योंकि हमलावर वकील के गेटअप में आए थे.

संजीव जीवा की हत्या का वीडियो/ Sanjeev Jeeva Murder Video:

संजीव जीवा को किसने मारा

Who Killed Sanjeev Jeeva: संजीव जीवा की हत्या करने के बाद हमलावर मौके से भागने लगा, लेकिन वकीलों ने उसे दबोच लिया। उसने 9mm की पिस्टल से 5-6 राउंड गोलियां चलाईं। वकीलों ने हमलावर को बहुत पीटा और पुलिस के हवाले कर दिया। हमलावर का नाम विजय यादव है जो जौनपुर का रहने वाला है. उसने संजीव जीवा को क्यों मारा इसका पता फ़िलहाल नहीं चल पाया है.

कौन था संजीव जीवा

Who Was Sanjeev Jeeva: संजीव जीवा एक गैंगस्टर था. उसका पूरा नाम संजीव जीवा माहेश्वरी (Sanjeev Jeeva Maheshwari) था. 90 के दशक में जब भाटी गैंग, बदन सिंह बद्दो, मुकीम काला जैसे माफिया और गैंगस्टर पनप रहे थे उसी क्रिमिनल्स की लिस्ट में संजीव जीवा माहेश्वरी का भी नाम था. संजीव जीवा बेहद घटिया किस्म का आदमी था वह आम जनता और पुलिस के लिए गले का फ़ांस बन गया था.

संजीव जीवा माहेश्वरी अपनी गैंग चलाता था. हाल ही में शामली पुलिस ने उसकी गैंग के एक मेंबर के पास से AK-47 और सैंकड़ों कारतूस बरामद किए थे.

संजीव जीवा माहेश्वरी की कहानी

Story Of Sanjeev Jeeva Maheshwari: संजीव जीवा अपराधी बनने से पहले एक मेडिकल स्टोर में कम्पाउंडर था. उसने अपने क्रिमिनल लाइफ का खाता अपने ही दुकान मालिक को अगवा कर खोला था. इसके बाद उसने कोलकाता के बड़े कारोबारी के बेटे को अगवा कर दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी. इसके बाद वह नाजिम गैंग का मेंबर बना और फिर सतेंद्र बरनाला के साथ जुड़ा

लेकिन जीवा को अपनी गैंग बनानी थी वो किसी के अंडर काम करना पसंद नहीं करता था. 10 फरवरी 1997 के दिन उसने ब्रह्मदत्त द्विवेदी (Brahm Dutt Dwivedi Murder Case) की हत्या कर दी तभी से उसका नाम भी अपराध की दुनिया में ऊपर उठ गया.

Brahm Dutt Dwivedi यूपी में बीजेपी के कद्दावर नेता थे. उन्ही ही हत्या करने के जुर्म में संजीव जीवा माहेश्वरी को उम्रकैद की सज़ा हुई थी. जेल जाने के बाद जीवा कुछ दिनों तक मुन्ना बजरंगी और उसके बाद मुख़्तार अंसारी के सम्पर्क में आया.

जीवा मुख़्तार अंसारी को एडवांस हथियारों की सप्लाई करने लगा था. इसके बाद संजीव जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड में आया मगर 2005 में सबूतों की कमी के चलते उसे इस केस से बरी कर दिया गया.

संजीव जीवा के खिलाफ 22 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे. अपने रसूख के दम पर सपा-बसपा की सरकारों में उसने 17 मामलों से खुद को बरी कर लिया था. वो काफी समय से जेल में था और जेल में रहते हुए अपना गैंग चलाता था. कुछ दिन पहले ही योगी सरकार के आदेश पर उसकी संपत्ति कुर्क की गई थी.



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