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रिसर्च में खुलासा: शाकाहारी लोग होते हैं ज्यादा प्रोग्रेसिव

शोध में हुआ खुलासा: कौन है ज्यादा प्रोग्रेसिव?
दुनियाभर में यह बहस लंबे समय से चल रही है कि शाकाहारी (Vegetarian) लोग ज्यादा नैतिक और शांतिप्रिय होते हैं या मांसाहारी (Non Vegetarian) लोग ज्यादा व्यावहारिक और फिटनेस फोकस्ड होते हैं। इसी को लेकर पोलैंड की SWPS यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के प्रोफेसर जॉन नेजलेक के नेतृत्व में एक गहन रिसर्च की गई, जिसमें हैरान करने वाले नतीजे सामने आए हैं।
3700 लोगों पर हुआ अध्ययन
इस रिसर्च में अमेरिका और पोलैंड के 3700 से अधिक लोगों को शामिल किया गया था। इन प्रतिभागियों को शाकाहारी, वीगन और मांसाहारी श्रेणियों में बांटा गया। रिसर्च में दया, सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और परंपरा जैसे पहलुओं पर आधारित 10 सवाल पूछे गए।
शाकाहारी और मांसाहारी सोच में अंतर
रिसर्च के शुरुआत में प्रोफेसर नेजलेक का मानना था कि शाकाहारी लोग प्रकृति और रिश्तों को अधिक महत्व देंगे। लेकिन निष्कर्ष कुछ और ही निकला। अध्ययन में पता चला कि शाकाहारी लोग आधुनिक सोच, उत्तेजना, उपलब्धि और ताकत को ज्यादा महत्व देते हैं। वहीं मांसाहारी लोगों की प्राथमिकताएं अपेक्षाकृत अधिक परंपरागत थीं।
शाकाहारी होने के फायदे
1. दिल की सेहत में सुधार
शाकाहारी भोजन में सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा कम होती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल सामान्य रहता है और हृदय रोग का खतरा घटता है।
2. वज़न नियंत्रण में सहायक
वेजिटेरियन डाइट वज़न कम करने में मदद करती है। कई लोग सप्ताह में एक दिन उपवास कर केवल शाकाहारी भोजन का सेवन करते हैं।
3. ब्लड शुगर नियंत्रण
शाकाहारी आहार ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे डायबिटीज का खतरा कम होता है।
4. पाचन और गट हेल्थ में सुधार
शाकाहारी फूड्स में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे पाचन अच्छा रहता है और गट हेल्थ को सपोर्ट मिलता है।
5. हेल्दी कुकिंग
वेजिटेरियन डाइट को अधिक फ्राई या प्रोसेस नहीं किया जाता, जिससे शरीर में अनावश्यक फैट्स नहीं जाते और सेहत बेहतर रहती है।
शाकाहारी होने के नुकसान
1. प्रोटीन की कमी
प्लांट-बेस्ड प्रोटीन की मात्रा मीट की तुलना में कम होती है, जिससे शरीर को पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिल पाता।
2. विटामिन B12 की कमी
विटामिन B12 मुख्यतः मांसाहारी फूड्स में पाया जाता है। शाकाहारी लोगों को इसकी पूर्ति के लिए सप्लीमेंट्स लेने पड़ सकते हैं।
3. कैल्शियम की कमी
वीगन लोग दूध नहीं लेते, जिससे कैल्शियम की कमी हो सकती है, जो हड्डियों के लिए नुकसानदायक है।
4. जिंक की कमी
जैसे कैल्शियम, वैसे ही जिंक भी एनिमल प्रोडक्ट्स से बेहतर मिलता है। इसकी कमी से इम्यूनिटी घट सकती है।
5. दवाइयों पर निर्भरता
शाकाहारी लोगों को पोषण संतुलन बनाए रखने के लिए सप्लीमेंट्स और विटामिन टेबलेट्स पर निर्भर रहना पड़ सकता है।
निष्कर्ष: क्या शाकाहारी सोच रखते हैं आगे?
इस रिसर्च से यह स्पष्ट हुआ कि शाकाहारी लोग केवल हेल्थ के लिहाज़ से ही नहीं बल्कि मानसिक दृष्टिकोण से भी प्रोग्रेसिव हो सकते हैं। उनकी सोच अधिक आधुनिक और उपलब्धि केंद्रित होती है। हालांकि, पोषण के मामले में मांसाहारी डाइट अब भी कुछ मामलों में आगे मानी जाती है। इसीलिए सही संतुलन और समझदारी के साथ डाइट चुनना ज़रूरी है।
FAQs
Q1. क्या शाकाहारी लोग वाकई ज्यादा प्रोग्रेसिव होते हैं?
-हाँ, SWPS यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार शाकाहारी और वीगन लोग सोच में अधिक आधुनिक और उपलब्धिकेंद्रित पाए गए हैं।
Q2. क्या शाकाहारी भोजन से फिटनेस बेहतर रहती है?
-हाँ, क्योंकि इसमें सैचुरेटेड फैट्स कम होते हैं, जिससे दिल की सेहत, वज़न और ब्लड शुगर नियंत्रण में मदद मिलती है।
Q3. क्या शाकाहारी डाइट में प्रोटीन की कमी होती है?
-कुछ हद तक हाँ। प्लांट-बेस्ड प्रोटीन की मात्रा मीट के मुकाबले कम होती है, लेकिन दालें, सोया, नट्स से इसे पूरा किया जा सकता है।
Q4. क्या मांसाहारी लोग परंपरागत सोच रखते हैं?
-इस रिसर्च के अनुसार, मांसाहारी लोग सुरक्षा और परंपरा को अधिक महत्व देते हैं, जबकि शाकाहारी लोग ताकत और उपलब्धि पर फोकस करते हैं।
Q5. क्या शाकाहारी लोगों को सप्लीमेंट्स लेने की ज़रूरत होती है?
-हाँ, विशेष रूप से B12, जिंक और आयरन जैसे तत्वों की पूर्ति के लिए सप्लीमेंट्स की ज़रूरत पड़ सकती है।




