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खान सर को 15,000 बहनों ने बांधी राखी, हाथ हुआ सुन्न, पटना में मना अनूठा रक्षाबंधन

khan Sir
15,000 से ज्यादा छात्राओं ने खान सर को बांधी राखी: शिक्षक खान सर एक बार फिर अपने अनूठे अंदाज में रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के कारण चर्चा में हैं. हर साल की तरह इस साल भी उन्होंने अपनी छात्राओं के साथ यह पर्व मनाया. इस बार पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, क्योंकि उनके कोचिंग सेंटर में इतनी बड़ी संख्या में छात्राओं के लिए जगह कम पड़ जाती. 15,000 से भी ज्यादा लड़कियों ने अपने शिक्षक को भाई मानते हुए राखी बांधी. छात्राओं के लिए खान सर ने 156 तरह के खाने-पीने की चीजों का इंतजाम किया था, जिसे देखकर सभी बहुत खुश हुईं.
शुरू हुआ सुबह 10 बजे से, दोपहर 1:30 बजे तक चला सिलसिला
खान सर स्टेज पर बैठे रहे और लड़कियां एक लंबी कतार में लगकर उन्हें राखी बांधती रहीं. सुबह 10 बजे से शुरू हुआ यह सिलसिला दोपहर करीब 1:30 बजे तक चलता रहा. एक समय ऐसा भी आया जब खान सर के हाथों में इतनी राखियां बंध गईं कि उनका हाथ सुन्न पड़ने लगा. उन्होंने माइक से मजाक में कहा, "डॉक्टर को बुलाओ, हाथ का खून रुक गया है." हालांकि, यह एक हल्के-फुल्के पल था और राखी बांधने का सिलसिला जारी रहा.
छात्र-छात्राओं की प्रतिक्रिया: “खान सर हैं बेस्ट भाई और टीचर”
इस मौके पर छात्राओं ने खान सर की खूब तारीफ की. एक छात्रा ने कहा कि खान सर सिर्फ एक अच्छे टीचर ही नहीं, बल्कि एक बेहतरीन भाई भी हैं. उन्होंने कहा कि हम उनकी क्लास में सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं. कुछ छात्राओं ने बताया कि रक्षाबंधन पर उनके लिए कोर्स की फीस में डिस्काउंट दिया गया, जिसे उन्होंने खान सर की तरफ से एक तोहफा माना.
जब छात्राओं ने पूछा: “सर, भाभी कहां हैं?”
राखी बंधवाते समय कुछ लड़कियों ने शरारत में उनसे पूछा, "सर, भाभी कहां हैं, उनको क्यों नहीं लाए?" इस पर खान सर ने मजाकिया अंदाज में जवाब दिया, "आज बहनों का पर्व है या भाभी का? आज सिर्फ मेरी बहनों का दिन है." आपको बता दें कि खान सर की अपनी कोई सगी बहन नहीं है, इसलिए वह अपने यहां पढ़ने वाली सभी लड़कियों को अपनी बहन मानते हैं. यह परंपरा उन्होंने अपने टीचिंग करियर की शुरुआत से ही जारी रखी है.
156 व्यंजनों का भव्य प्रबंध
खान सर ने सभी बहनों के लिए 156 तरह के व्यंजनों का इंतज़ाम किया था। राखी बांधने के बाद सभी ने उत्साह से भोजन का आनंद लिया।




