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आखिर गर्मी के मौसम में सूखने की जगह क्यों निकलता है पसीना...

आमतौर पर देखा गया है कि जब भीषण मर्मी पडती है। पांच से दस मिनट में धूप में फेलाई गई सर्ट सूख जाती है। वही आये दिन पौधो को पानी देना पड़ता है। लेकिन आदमी का शरीर भी अजीब है गर्मी के समय जब हर जगह का पानी सूखने लगता है उसके बाद भी मानव शरीर से पसीना निकलने लगता है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यांे होता है। 

आमतौर पर देखा गया है कि जब भीषण मर्मी पडती है। पांच से दस मिनट में धूप में फेलाई गई सर्ट सूख जाती है। वही आये दिन पौधो को पानी देना पड़ता है। लेकिन आदमी का शरीर भी अजीब है गर्मी के समय जब हर जगह का पानी सूखने लगता है उसके बाद भी मानव शरीर से पसीना निकलने लगता है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यांे होता है।

जाकनाकारेा की माने तो पता चलता है कि शरीर में काफी गर्मी रहती है। बताया जाता है कि एक स्वस्थ्य मनुष्य के शरीर में एक दिन में 2500 कैलोरी उष्मा पैदा होती है। इस गर्मी से 23 लीटर के करब पानी उबाला जा सकता है।

ऐसे मे एक सवाल यह भी उठता है कि अखिर जब मनुष्य के शरीर मे ंइतनी उष्मा होती है तो शरीर का तापमान क्यांे नही बढता है। लेकिन हमें पता होना चाहिए कि हमारा शरीर पूरी तहर आटोमेटिक है।

शरीर के हर अंगो को नियंत्रित करने का जिम्मा मनुष्य के मस्तिष्क पर होता है। ऐसे में हमें यह मान लेना चाहिए कि शरीर तापमान को कंट्रोल करने का एक सिस्टम मौजूद होता है। भगवान ने मनुष्य के शरीर को 37 डिग्री सेल्सियस पर फिक्स कर दिया है।

हमारे शरीर में पसीना निकलने का कारण इन्ही सब बातो से जुड़ा हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जब शरीर का तापमान बढने लगता है। तो मस्तिष्क में मौजूद तापमान को कंट्रोल करने वाला सिस्टम एटिव हो जाता है। ऐसे में शरीर के हर रोम छिद्र खुल जाते है। और शरीर से पानी के रूप में पसीना निकलने लगता है।

वैसे तो गर्मियों में सभी को पसीना आना एक सामान्य बात है। पसीने निकलने से हमारे शरीर का तापमान नियंत्रित होता है। लेकिन कुछ लोगों को सामान्य से ज्यादा पसीना आने की समस्या होती है। ऐसे में उन्हें लोगों के सामने ज्यादा पसीने की वजह से शर्मिंदा होना पड़ता है।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

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