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गरीब किसान का बेटा ऐसे बना IAS अफसर, पिता के पास नहीं थे रोटी के भी पैसे

IAS Surendra Singh
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IAS Surendra Singh: वर्ष 2005 में आईएएस की परीक्षा क्वालीफाई करने वाले सुरेंद्र सिंह की कहानी प्रेरणादायक है।

IAS Surendra Singh Success Story: पिता के सपने को पूरा करने के लिए एक किसान के बेटे ने उन सपनों के साथ समझौता नहीं किया। कई सरकारी नौकरियां मिली लेकिन सपने के बीच आडे न आए इसलिए ज्वाइन नहीं किया। दिन ऐसा भी आया जब सपना साकार हुआ और किसान का बेटा अपने पिता के सपने के साथ आईएएस बनकर दिखा दिया। कहा जाता है कि अगर संकल्प मजबूत है तो कोई भी गरीबी हिला नहीं सकती। हम बात कर रहे हैं वर्ष 2005 में आईएएस की परीक्षा क्वालीफाई करने वाले सुरेंद्र सिंह की।

एक छोटे से गांव से है नाता

आईएएस सुरेंद्र सिंह (IAS Surendra Singh) मथुरा जिले के जोधपुर गांव के रहने वाले हैं। इनके पिता हरि सिंह किसान थे। किसानी कैसे होती है यह किसान से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। वह अपने परिवार का कैसे भरण पोषण करता है यह भी एक किसान के अलावा दूसरा कोई समझ नहीं सकता। छोटे से गांव में हरि सिंह अपने बेटे को पढ़ा लिखा कर कलेक्टर बनाना चाहते थे। जिसे उनके छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह ने पूरा कर दिखाया।

बिना खाए भी बिती है रात

हम जिस आईएएस की बात कर रहे हैं उनके घर में कई रातें ऐसी भी बीती हैं जब बिना खाए सोना पड़ा। लेकिन आज उस गरीबी ने कई ऐसी सीख दी थी जो आज नौकरी में काम आ रही है। गरीबी को एक गरीब ही समझ सकता है जिसका कभी गरीबी से वास्ता पड़ा हो। आज आईएएस सुरेंद्र सिंह देश की सेवा में लगे हुए हैं। और गरीबों का दर्द बखूबी समझते हैं।

कुछ ऐसे भी थे उनके दिन

आईएएस सुरेंद्र सिंह बताते हैं कि उनकी शुरुआती शिक्षा गांव के प्राथमिक स्कूल में हुई। हरदिन स्कूल जाना और वहां से वापस आने के बाद पिता के साथ खेत में काम के लिए जाना।

लेकिन पिता की इच्छा थी कि वह काम करने के लिए ना आए बल्कि अपना पूरा समय पढ़ाई में दें। आठवीं तक की शिक्षा गांव में हुई। फिर बड़े भाई जितेंद्र को दिल्ली में प्राथमिक स्कूल में शिक्षक बन गए। अब सुरेंद्र भी भाई के साथ दिल्ली पहुंचे वहां इंटर करने के बाद बीएससी और एमएससी के लिए राजस्थान गए। एमएससी में टॉप कर गोल्ड मेडल हासिल किया।

नौकरी का शुरू हुआ प्रयास

पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी का प्रयास शुरू हो गया। जिसके लिए कई एग्जाम दिये। पहला सिलेक्शन एयरफोर्स में हुआ। ज्वाइन करने के पहले ओएनजीसी में जियोलॉजिस्ट का पद मिला। नौकरी तो ज्वाइन कर ली लेकिन दिल में आईएएस बनने का सपना मौजूद था। नौकरी करते हुए आईएएस की तैयारी शुरू की वर्ष 2005 में आईएएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर देश में 21वां रैंक हासिल किया।

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