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Anti Satellite Weapon: अब अंतरिक्ष पर भी लड़ा जाएगा युद्ध, कई देशों ने बनाए एंटी सेटेलाइट वीपन्स

Anti Satellite Weapon: अब अंतरिक्ष पर भी लड़ा जाएगा युद्ध, कई देशों ने बनाए एंटी सेटेलाइट वीपन्स
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Anti Satellite Weapon: अब किसी भी देश को कमजोर करने के लिए एक दूसरे के सेटेलाइट स्कोर मार गिराने के लिए एंटी सेटेलाइट हथियार (Anti Satellite Weapon) बना रहे हैं।

Anti Satellite Weapon: अब विश्व के कई सारे देश ऐसी तैयारी में लगे हुए हैं जिससे अब माना जा रहा है कि आने वाले समय में केवल जमीन पर ही नहीं आसमान पर भी युद्ध होंगे। अंतरिक्ष में युद्ध (War In Space) की तैयारी में लगे देश एंटी सेटेलाइट वेपंस (Anti Satellite Weapon) बना रहे हैं। सरल शब्दों में कहा जाए तो रामायण जैसे सीरियल में आपने देखा होगा कि जमीन पर युद्ध करते हुए मेघनाथ अचानक से गायब हो जाता है और आसमान में दिखाई देने लगता है। इस तरह कई देव और दानवों को आपने आसमान में युद्ध करते हुए टीवी सीरियलों के माध्यम से देखा होगा। लेकिन अब विज्ञान भी कुछ इस तरह करने वाला है।

चल रहा युद्ध का दौर

एक ओर रूस और यूक्रेन (Russia-Ukrain) का युद्ध अभी समाप्त भी नहीं हुआ था कि चीन, ताइवान (Taiwan) को आंख दिखाने लगा। युद्धाभ्यास के नाम पर चीन (China) ताइवान को चारों ओर से घेरने जैसी योजना बना रहा है। वर्तमान समय में चल रहे युद्ध के इस दौर में यह चर्चा करना लाजमी है कि अब युद्ध जमीन पर ही नहीं आसमान (Space) में भी लड़े जाएंगे। जिसे वैज्ञानिक भाषा में अंतरिक्ष कहते हैं। हर देश का विज्ञान आज अंतरिक्ष पर टिका हुआ है। अब किसी भी देश को कमजोर करने के लिए एक दूसरे के सेटेलाइट स्कोर मार गिराने के लिए एंटी सेटेलाइट हथियार (Anti Satellite Weapon) बना रहे हैं।

क्योंकि किसी जमाने में बिजली बहुत महत्वपूर्ण नहीं थी। लेकिन धीरे-धीरे बिजली की उपयोगिता बड़ी और आज स्थिति यह है कि व्यक्ति बिना बिजली के 1 मिनट नहीं रह सकता। चाहे गांव हो या शहर हर जगह बिजली की आवश्यकता है। इसी तरह संचार तंत्र में अंतरिक्ष का बहुत बड़ा महत्व है। मतलब कहने का अगर अंतरिक्ष में लगा सेटेलाइट नष्ट कर दिया जाए तो उस देश की संपूर्ण संचार व्यवस्था ठप हो जाएगी।

एंटी सेटेलाइट हथियार क्या होता है?

Anti Satellite Weapon Kya Hai? समझने की बात यह है कि इंटर सेटेलाइट हथियार क्या है। यह कैसा होता है और किस तरह काम करता है। इसके लिए बताया गया है कि यह एक ऐसी मिसाइल है जो तेज गति से पृथ्वी से छोड़ी जाएगी और अंतरिक्ष में धरती का चक्कर लगा रहे दुश्मन सैटेलाइट को मार गिराती है। इसे एंटी सेटेलाइट हथियार कहते हैं। इस मिसाइल का निशाना इतना सटीक होगा कि वह ठीक उसी सेटेलाइट को नुकसान पहुंचाएगा जिसे टारगेट कर यहां से छोड़ा जाएगा।

कब हुई एंटी सेटेलाइट हथियारों की शुरुआत

Anti Satellite Weapon Ki Shuruaat Kab Se Huyi: बताते हैं एंटी सेटेलाइट हथियार की शुरुआत 1957 में सोवियत संघ द्वारा किया गया। उसने सेटेलाइट स्पूतनिक लांच किया । अमेरिका को लगा कि यह धरती की कक्षा में परमाणु संपन्न सेटेलाइट तैयार कर रहा है। अब हम एरिका ने भी आसात बनाया। यह ऐसी मिसाइल थी जो हवा में लांच की जा सकती थी। इसका नाम रखा गया बोर्ड ओरियन (Board Orion) । इसी तरह सोवियत भी अपने सैटेलाइट हथियार बनाकर कक्षा में लांच किया और वह सेटेलाइट के साथ उड़ते रहते थे। जब आवश्यकता पड़ती थी उसमें विस्फोट हो जाता और वह सेटेलाइट भी खत्म हो जाते।

इसे और विकसित किया गया। 2007 में चीन ने अपनी बैलेस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile) से अपने पुराने सैटेलाइट को उड़ा दिया। अब भारत ने भी 2019 में मिशन शक्ति के तहत अपने पुराने सैटेलाइट को बैलेस्टिक मिसाइल से मार गिराया। इस क्रम में अंतरिक्ष में लगातार कचरा फैलने लगा।

इस वर्ष 2022 में अमेरिका विश्व का पहला ऐसा देश बना जिसने मिसाइलों से सेटेलाइट को मारना प्रतिबंधित कर दिया है। अमेरिका का कहना है कि अंतरिक्ष में बढ़ रहा ई कचरा पर्यावरण के लिए घातक है।

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